अदालत का आदेश: चीना देवी को उत्तराखंड में परिवारिक घर में रहने की इजाजत

अदालत का आदेश: एक महत्वपूर्ण सुनवाई में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाइब्रिड मोड के माध्यम से एक याचिका पर विचार किया, जिसमें याचिकाकर्ता

अदालत का आदेश

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अदालत का आदेश: एक महत्वपूर्ण सुनवाई में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाइब्रिड मोड के माध्यम से एक याचिका पर विचार किया, जिसमें याचिकाकर्ता श्रीमती चीना देवी ने अपने दो बच्चों, मिस आर और मास्टर एस के उत्पादन के लिए एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। यह याचिका भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 528 के तहत दायर की गई थी।

अदालत का आदेश

याचिका में उल्लेख किया गया कि याचिकाकर्ता श्रीमती चीना देवी, श्री मोहन लाल की पत्नी हैं, जिनका दुर्भाग्यवश 19 जून, 2024 को निधन हो गया था। इस विवाह से उनके दो बच्चे, मिस आर और मास्टर एस हैं, जिनकी जन्मतिथि क्रमशः 20 जून, 2013 और 11 जुलाई, 2017 है।

याचिका में बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने अदालत से अपने बच्चों को उनके संरक्षण में लाने की अपील की है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दी और संबंधित पक्षों से आवश्यक दस्तावेज और जानकारी प्रस्तुत करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई जल्द ही निर्धारित की जाएगी।

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अदालत का आदेश: पृष्ठभूमि:

दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिका में याचिकाकर्ता श्रीमती चीना देवी ने अपने दो बच्चों, मिस आर और मास्टर एस, के उत्पादन के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। यह याचिका भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 528 के तहत दायर की गई है। याचिकाकर्ता का दावा है कि उनके पति, जो उत्तराखंड के रहने वाले थे, 16 मई, 2024 को दोनों बच्चों को अपने साथ उत्तराखंड ले गए थे।

बाद में याचिकाकर्ता को सूचित किया गया कि उनके पति का एक दुर्घटना में निधन हो गया है। जब उन्होंने अपने बच्चों के बारे में पूछताछ की, तो उत्तरदाताओं नंबर 3 से 6, जो याचिकाकर्ता के मृत पति की पहली पत्नी और तीन बच्चे हैं, ने बच्चों को वापस करने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता के अनुसार, उक्त उत्तरदाता संपत्ति विवाद के कारण याचिकाकर्ता को श्री मोहन लाल की पत्नी के रूप में मान्यता देने के इच्छुक नहीं हैं।

अदालत का आदेश: अदालत की सुनवाई:

पिछली सुनवाई की तारीख यानी 31 जुलाई, 2024 को, याचिकाकर्ता अदालत में पेश हुईं और उन्होंने अपना आधार कार्ड प्रस्तुत किया, जिसमें उन्हें श्री मोहन लाल की पत्नी के रूप में दर्शाया गया था। संबंधित पैराग्राफ इस प्रकार है:

“याचिकाकर्ता ने अपना आधार कार्ड प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्हें श्री मोहन लाल की पत्नी के रूप में दिखाया गया है और पता बशियो वाला मंदिर, जसपुर खुर्द, काशीपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड, पिन-244713 दर्ज है। उन्होंने अपने दोनों बच्चों, मिस आर और मास्टर एस, के आधार कार्ड भी प्रस्तुत किए हैं, जिनमें उनके पिता के रूप में श्री मोहन लाल का नाम और वही पता दर्ज है। मूल आधार कार्ड याचिकाकर्ता को वापस कर दिए गए हैं।”

अदालत का आदेश: अदालत का आदेश:

इसके बाद, याचिका में नोटिस जारी किया गया और निर्देश दिया गया कि बच्चों को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। उधम सिंह नगर, उत्तराखंड के एसएसपी को भी बच्चों के उत्पादन में सहयोग करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, उत्तरदाता संख्या 3 से 6 को भी अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। 31 जुलाई, 2024 के आदेश का प्रासंगिक हिस्सा इस प्रकार है:

अदालत का आदेश: दिल्ली उच्च न्यायालय में परिवार विवाद: तीन पत्नियों के नौ बच्चों की कस्टडी का मामला

पृष्ठभूमि: दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका के तहत चीना देवी ने अपने दो बच्चों के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का दावा है कि उनके पति, मोहन लाल, की मृत्यु हो गई है, और उनके बच्चों को उनके सौतेले भाई-बहनों द्वारा कब्जे में रखा गया है। इस याचिका के तहत, अदालत ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया और बच्चों को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।

अदालत की सुनवाई: अदालत ने 20 अगस्त, 2024 को सुनवाई के दौरान दोनों बच्चों, 11 वर्षीय बेटी ‘आर’ और 7 वर्षीय बेटे ‘एस’ को अदालत में पेश किया। इसके अलावा, चीना देवी और अन्य उत्तरदाता भी अदालत में उपस्थित हुए। अदालत ने इन-चैंबर बातचीत के दौरान खुलासा किया कि दिवंगत मोहन लाल की तीन पत्नियां थीं और कुल नौ बच्चे थे।

परिवार की स्थिति: मोहन लाल की पहली पत्नी बीना देवी से चार बेटे और एक बेटी हैं, दूसरी पत्नी से दो बेटे हैं, और तीसरी पत्नी, चीना देवी, से एक बेटा और एक बेटी हैं। तीनों पत्नियां अभी जीवित हैं और काशीपुर, उत्तराखंड में निवास करती हैं, जबकि चीना देवी दिल्ली में अपने भाई और मौसी के साथ रहती हैं। बच्चों की शिक्षा वर्तमान में काशीपुर के सरकारी पब्लिक स्कूल, जसपुर में हो रही है।

अदालत इस मामले में आगे की सुनवाई और बच्चों की कस्टडी के संबंध में फैसला करेगी।

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अदालत का आदेश: दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश: बच्चों की कस्टडी, परिवार में संपत्ति विवाद और पुनर्वास

परिवार की स्थिति: दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रहे मामले में, याचिकाकर्ता चीना देवी ने अपने बच्चों की कस्टडी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। यह मामला उनके पति मोहन लाल की मृत्यु के बाद उठा, जिसके बाद उनके बच्चों को सौतेले भाई-बहनों द्वारा उनके पास रखने से इनकार कर दिया गया। चीना देवी की चिंता यह थी कि उनके पति की संपत्ति को लेकर परिवार में तनाव और झगड़े होते रहते हैं, जिसके कारण वह अपने बच्चों के साथ काशीपुर के परिवारिक घर में रहना नहीं चाहतीं थीं।

अदालत का आदेश: अदालत ने सुनवाई के बाद निम्नलिखित निर्देश दिए:

  1. याचिकाकर्ता के बच्चे, आर और एस, जो काशीपुर में रह रहे हैं, वहीं रहना जारी रखेंगे। चीना देवी को भी काशीपुर के परिवारिक घर में बच्चों के साथ रहने की अनुमति दी गई है।
  2. उत्तरदाता बीना देवी और अन्य लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे चीना देवी को घर में उचित स्थान दें, जिसमें कम से कम दो से तीन कमरे, एक रसोई और बाथरूम शामिल हों, ताकि परिवार में कोई असहमति न हो।
  3. अदालत ने संपत्ति विवादों की गहराई में न जाते हुए यह स्पष्ट किया कि इन मामलों की जांच इस आदेश के दायरे में नहीं आती।
  4. अदालत ने संबंधित पुलिस अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे मोहन लाल का मृत्यु प्रमाणपत्र सभी तीन पत्नियों को प्रदान करें।
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परिणाम: अदालत के इन आदेशों से परिवार के भीतर चल रहे विवादों को हल करने और बच्चों की भलाई सुनिश्चित करने के प्रयास किए गए हैं। चीना देवी को अब अपने बच्चों के साथ काशीपुर में रहने का मौका मिलेगा, जिससे बच्चों की शिक्षा और भविष्य सुरक्षित रहेगा।

दिल्ली उच्च न्यायालय के एक महत्वपूर्ण आदेश में याचिकाकर्ता चीना देवी और उनके सौतेले परिवार के बीच बच्चों की कस्टडी और पारिवारिक विवाद से जुड़े मामले का समाधान किया गया। इस आदेश के तहत, चीना देवी को अपने बच्चों के साथ उत्तराखंड स्थित परिवारिक घर में रहने की अनुमति दी गई है, जबकि अन्य उत्तरदाताओं (बीनादेवी और उनके बच्चे) को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी प्रकार का झगड़ा या विवाद न हो।

अदालत ने निर्देश दिया है कि उत्तरदाताओं को याचिकाकर्ता को घर में उचित रहने की व्यवस्था करनी होगी और किसी भी तरह का विवाद नहीं करना होगा। याचिकाकर्ता ने भी अदालत को आश्वासन दिया है कि वह घर में किसी अनजान व्यक्ति को प्रवेश नहीं देगी, जो परिवार में असहमति का कारण बन सकता है।

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इसके अलावा, अदालत ने एसएसपी, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड को निर्देश दिया है कि वे इस आदेश की प्रति संबंधित एसएचओ को भेजें, जो समय-समय पर परिवार की निगरानी करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि वहां शांति बनी रहे। अदालत ने स्पष्ट किया है कि संपत्ति से जुड़े किसी भी नागरिक विवाद को इस आदेश के तहत नहीं सुलझाया जाएगा, और पार्टियों को कानून के अनुसार उनके समाधान के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया गया है।

इस आदेश के बाद, याचिकाकर्ता अब अपने बच्चों के साथ उत्तराखंड में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रह सकेंगी, जबकि संपत्ति और अन्य विवादों का समाधान कानून के अनुसार किया जाएगा।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना