GAUHATI HC: POCSO मामले में बाल पीड़िता के बयान पर सजा नहीं

GAUHATI HC: गवाहाटी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) अधिनियम के तहत बाल पीड़िता

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GAUHATI HC: गवाहाटी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) अधिनियम के तहत बाल पीड़िता के बयान को सजा का आधार नहीं बनाया जा सकता है, जब तक कि ट्रायल कोर्ट ने यह सुनिश्चित नहीं किया कि पीड़िता अपने बयान में सक्षम है, यानी वह प्रश्नों को समझ सकती है और तर्कपूर्ण उत्तर दे सकती है।

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अदालत ने इस निर्णय के साथ एक आरोपित की सजा को रद्द कर दिया और मामले को पुनः ट्रायल कोर्ट में भेज दिया, ताकि पीड़िता के बयान की सटीकता और उसके न्यायिक स्वीकार्यता की प्रक्रिया सही तरीके से पूरी हो सके।

इस मामले में, जहां एक छह वर्षीय बच्ची के साथ यौन शोषण का आरोप था, अदालत ने ट्रायल कोर्ट द्वारा की गई प्रक्रिया को अपूर्ण माना और इसे न्यायिक प्रक्रिया के संदर्भ में सही नहीं पाया। इस फैसले से न्यायिक प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया है, खासकर जब मामला एक बाल पीड़िता के बयान पर आधारित हो।

GAUHATI HC: मामले का विवरण और आरोप

यह मामला एक छह वर्षीय बच्ची के साथ यौन शोषण के आरोप से जुड़ा है, जिसमें आरोपी पर POCSO अधिनियम की धारा 4 के तहत सजा दी गई थी। इस आरोप के अनुसार, बच्ची की मां ने एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें उसने बताया कि उसकी बेटी आरोपी के घर गई थी और वहां लौटते वक्त वह घबराई हुई और डरी हुई नजर आई।

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बच्ची ने अपनी मां को बताया कि आरोपी ने उसे छेड़ा और धमकी दी कि अगर वह इस बारे में किसी से बताएगी, तो उसे बुरा फटकार मिलेगा। इस आरोप के आधार पर, मामला दर्ज किया गया और आरोपी पर मुकदमा चला।

मुकदमा चलने के बाद, ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे POCSO अधिनियम की धारा 4 के तहत 20 साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही आरोपी पर ₹10,000 का जुर्माना भी लगाया गया।

GAUHATI HC: हाईकोर्ट का अवलोकन

गवाहाटी हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति माइकल जोथांकुमा और न्यायमूर्ति मार्ली वांकुंग की पीठ ने इस मामले में महत्वपूर्ण अवलोकन किए। अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा बाल पीड़िता के बयान को मुख्य साक्ष्य मानते हुए आरोपी को सजा देना ठीक नहीं था।

यह जरूरी था कि पहले ट्रायल कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया होता कि पीड़िता यह समझने में सक्षम है कि उसे पूछे गए सवालों का उत्तर देने के लिए सही तरीके से सोच सकती है। यदि पीड़िता सवालों का सही तरीके से उत्तर देने में सक्षम नहीं होती, तो उसके बयान को मुख्य साक्ष्य नहीं माना जा सकता था।

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि जब कोई बाल पीड़िता गवाही देती है, तो अदालत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने बयान में पूरी तरह से सक्षम है, ताकि उसके बयान की विश्वसनीयता पर कोई संदेह न हो। अदालत ने कहा कि इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि पीड़िता को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रभावित या प्रशिक्षित नहीं किया गया है।

इसके अलावा, अदालत ने यह भी अवलोकन किया कि ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को सजा देते वक्त यह जांच नहीं की कि आरोपित को उचित चार्ज और सजा का सही संदर्भ मिला था या नहीं। आरोपित को सजा देने से पहले यह आवश्यक था कि ट्रायल कोर्ट ने चार्ज के तहत सजा देने के सभी पहलुओं पर गौर किया होता। इस प्रक्रिया में जो खामी थी, वह आरोपी के पक्ष में संदेह का कारण बनी।

GAUHATI HC: कोर्ट का निर्णय

हाईकोर्ट ने यह साफ किया कि जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि पीड़िता के बयान को पूरी तरह से न्यायिक तरीके से लिया गया है और वह जवाब देने में सक्षम है, तब तक उसे दोषी ठहराने का आधार नहीं बनाना चाहिए। अदालत ने ट्रायल कोर्ट की प्रक्रिया को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में पीड़िता के बयान को केवल उस आधार पर सजा देने के लिए नहीं माना जा सकता, क्योंकि उस बयान को समझने की क्षमता को लेकर पर्याप्त सावधानी नहीं बरती गई थी।

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अदालत ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को गलत तरीके से 20 साल की सजा दी, जबकि दोषी को सही तरीके से चार्ज न किए जाने के कारण उसका बचाव करने का पूरा अवसर नहीं मिला। हाईकोर्ट ने निर्णय लिया कि आरोपी को POCSO अधिनियम की धारा 4(2) के तहत 20 साल की सजा नहीं दी जा सकती थी, क्योंकि आरोप केवल धारा 4(1) के तहत तय किया गया था, जो कि अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान करता है।

अदालत ने ट्रायल कोर्ट को यह निर्देश दिया कि वह मामले की फिर से समीक्षा करें, आरोप और सजा की प्रक्रिया को सही तरीके से लागू करें और इस मामले को सही न्यायिक प्रक्रिया से निपटाए।

GAUHATI HC: निष्कर्ष

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इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि POCSO मामलों में बाल पीड़िता के बयान पर सजा देने से पहले अदालत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बाल पीड़िता पूरी तरह से सक्षम है और वह बयान देने के दौरान किसी प्रकार के बाहरी प्रभाव से मुक्त है। अदालत ने यह भी कहा कि बाल पीड़िता के बयान को सजा का आधार बनाने से पहले न्यायिक प्रक्रिया की पूरी पारदर्शिता और सावधानी बरती जानी चाहिए।

गवाहाटी हाईकोर्ट ने इस मामले को ट्रायल कोर्ट में पुनः विचारण के लिए भेजते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि न्याय की प्रक्रिया में कोई भी चूक आरोपी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है और इसलिए न्यायिक जांच और साक्ष्य की पूरी प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।

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Regards:- Adv.Radha Rani for LADY MEMBER EXECUTIVE in forthcoming election of Rohini Court Delhi✌🏻

'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

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Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना