PUNJAB & HARYANA HC: मीडिया को अदालती कार्यवाही में न्यायाधीशों के नाम न बताने का निर्देश दिया

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By headlineslivenews.com

PUNJAB & HARYANA HC: मीडिया को अदालती कार्यवाही में न्यायाधीशों के नाम न बताने का निर्देश दिया

PUNJAB & HARYANA HC: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मीडिया से आग्रह किया है कि वह अदालत की कार्यवाही, आदेशों और निर्णयों

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PUNJAB & HARYANA HC: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मीडिया से आग्रह किया है कि वह अदालत की कार्यवाही, आदेशों और निर्णयों की रिपोर्टिंग करते समय न्यायाधीशों के नाम प्रकाशित करने से परहेज करें, विशेष रूप से “संवेदनशील मामलों” में। यह निर्णय उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा मीडिया के लिए जारी किए गए एक लिखित संदेश पर आधारित है, जिसमें उन्हें इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की गई है।

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PUNJAB & HARYANA HC: न्यायाधीशों की सुरक्षा पर ध्यान

सूत्रों के अनुसार, रजिस्ट्रार जनरल की ओर से पत्रकारों को भेजे गए संदेश में कहा गया था कि “इस न्यायालय के माननीय न्यायाधीशों की सुरक्षा के हित में” यह अनुरोध किया गया है कि कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों के नाम नहीं छापे जाएं। यह कदम न्यायाधीशों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब हाल ही में एक संवेदनशील घटना ने न्यायाधीशों की सुरक्षा के बारे में गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। सितंबर में, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक व्यक्ति ने एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) का हथियार छीन लिया और खुद को गोली मार ली। इस घटना के बाद उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया और मामले की जांच शुरू की।

PUNJAB & HARYANA HC: सुरक्षा उपायों में वृद्धि

इस घटना के बाद, मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए थे। पंजाब पुलिस से संबंधित न्यायाधीश की सुरक्षा की जिम्मेदारी हटा दी गई और अधिक सुरक्षा उपायों को लागू किया गया।

इसके बाद, मीडिया से यह अनुरोध किया गया कि वे किसी भी प्रकार के संवेदनशील मामलों में न्यायाधीशों के नाम का उल्लेख न करें, ताकि उनकी सुरक्षा में कोई भी खतरा उत्पन्न न हो। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह निर्देश विशेष रूप से उस घटना के संदर्भ में दिया गया है या नहीं, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि में सुरक्षा संबंधी चिंताएं महत्वपूर्ण रही हैं।

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का यह कदम एक स्पष्ट संकेत है कि न्यायाधीशों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और मीडिया को जिम्मेदारी से कार्य करते हुए संवेदनशील मामलों में सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए रिपोर्टिंग करनी चाहिए। यह कदम न्यायपालिका की सुरक्षा और उनके कार्यों के प्रति संवेदनशीलता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा सकता है।

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