KEJRIWAL शीशमहल विवाद: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले की साज-सज्जा और विस्तार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने जांच के आदेश दिए हैं।
जेपी नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद CVC ने दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
इस विवादास्पद बंगले को बीजेपी ने ‘शीशमहल’ करार दिया है, जो कथित फिजूलखर्ची और भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है। यह बंगला दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में स्थित 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर बना है। केजरीवाल 2015 से अक्टूबर 2023 तक इसी बंगले में निवास कर रहे थे।
KEJRIWAL शीशमहल विवाद: विजेंद्र गुप्ता की शिकायतें और आरोप
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने CVC में इस मामले से संबंधित दो शिकायतें दर्ज कराई थीं। उनकी पहली शिकायत में यह आरोप लगाया गया कि केजरीवाल ने नियमों का उल्लंघन कर 40,000 वर्ग गज क्षेत्र में आलीशान बंगले का निर्माण करवाया। इस प्रक्रिया में राजपुर रोड के प्लॉट नंबर 45 और 47 को शामिल किया गया, जहां पहले वरिष्ठ अधिकारी और जज टाइप-V फ्लैटों में रहते थे।
इसके अतिरिक्त, फ्लैग स्टाफ रोड के दो अन्य सरकारी बंगले, 8-A और 8-B, को भी तोड़कर इस नए बंगले का हिस्सा बनाया गया। गुप्ता का कहना है कि इस निर्माण में ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेश्यो (FAR) के नियमों का उल्लंघन हुआ और आवश्यक लेआउट प्लान की भी कोई स्वीकृति नहीं ली गई।
दूसरी शिकायत में उन्होंने बंगले की साज-सज्जा को लेकर फिजूलखर्ची और वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए। गुप्ता के अनुसार, इस बंगले के निर्माण और सजावट पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, जो पूरी तरह से जनता के पैसे की बर्बादी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस परियोजना में करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग किया गया।
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CVC की कार्रवाई और PWD की जांच
CVC ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए PWD से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। अब CVC ने PWD को इस मामले की विस्तृत जांच करने के आदेश दे दिए हैं। इससे आम आदमी पार्टी पर राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है और दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है।
CVC के इस कदम से यह मामला और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि बीजेपी इस मुद्दे को जनता के बीच जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है। वहीं, अभी तक आम आदमी पार्टी या अरविंद केजरीवाल की तरफ से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बीजेपी का आरोप और AAP की चुप्पी
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि केजरीवाल ने जनता के पैसों का दुरुपयोग किया है और शाही जीवनशैली के लिए करदाताओं के करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। उन्होंने इसे आम आदमी के साथ विश्वासघात बताया और कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को जोर-शोर से जनता के सामने ले जाएगी।
उन्होंने सवाल उठाया कि आम आदमी पार्टी इस मामले में क्यों चुप्पी साधे हुए है। क्या पार्टी के पास इन आरोपों का कोई जवाब नहीं है? उन्होंने कहा कि CVC की जांच के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस पूरे मामले में क्या अनियमितताएं हुई हैं।
आम आदमी पार्टी की संभावित प्रतिक्रिया
AAP के प्रवक्ताओं और नेताओं ने अब तक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर चर्चा जरूर हो रही होगी। अगर CVC की जांच में कोई अनियमितता सामने आती है, तो यह AAP के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बन सकती है।
AAP के समर्थकों का मानना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और बीजेपी सरकार जानबूझकर केजरीवाल और उनकी पार्टी को निशाना बना रही है। हालांकि, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, इस पर कोई स्पष्ट निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है।
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दिल्ली की राजनीति में बढ़ते सियासी तापमान
इस विवाद से दिल्ली की राजनीति में गर्मी बढ़ गई है। एक ओर बीजेपी इस मामले को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान के रूप में देख रही है, वहीं दूसरी ओर AAP इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बता सकती है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खुद को पाक-साफ बताने वाली आम आदमी पार्टी के लिए यह मामला मुश्किलें खड़ी कर सकता है। अगर CVC की रिपोर्ट में अनियमितताओं की पुष्टि होती है, तो इससे पार्टी की छवि को बड़ा झटका लग सकता है।
PWD की रिपोर्ट से खुलेगा भ्रष्टाचार का सच?
CVC द्वारा इस मामले की जांच के आदेश दिए जाने से केजरीवाल और उनकी पार्टी के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है। PWD की विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट होगा कि इस मामले में कितनी सच्चाई है और क्या वाकई नियमों का उल्लंघन किया गया है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में बीजेपी और AAP इस मामले को किस तरह से भुनाते हैं और जनता के सामने किस तरह की दलीलें रखी जाती हैं। फिलहाल, CVC की कार्रवाई के बाद यह मामला दिल्ली की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया है।