MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: नई दिल्ली- सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को एक बड़ी राहत मिली है। पिछले कुछ समय से उन पर और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे, जिसके चलते उनके खिलाफ जांच शुरू की गई थी।
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: माधबी बुच 2025 तक सेबी चेयरपर्सन बनी रहेंगी
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद एजेंसियों और वित्त मंत्रालय ने मिलकर इस मामले की गहन जांच की। अब जांच पूरी हो चुकी है और इसमें बुच और उनके परिवार को क्लीन चिट मिल गई है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार की ओर से की गई इस जांच में कोई भी आपत्तिजनक बात सामने नहीं आई है और माधबी बुच अपने पद पर बनी रहेंगी। उनके कार्यकाल की अवधि अब 28 फरवरी, 2025 तक चलेगी, जिसमें चार महीने का समय बचा है।
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: जांच के पीछे की वजह
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: माधबी बुच का नाम तब चर्चा में आया जब कांग्रेस ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। आरोपों में कहा गया था कि उन्होंने सेबी चेयरपर्सन के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और अपने पति की कंपनी ब्लैकस्टोन को लाभ पहुंचाया। कांग्रेस का दावा था कि बुच ने अपनी पोजिशन का इस्तेमाल करते हुए रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) को आगे बढ़ाया, जिससे ब्लैकस्टोन को आर्थिक फायदा हुआ, क्योंकि उनके पति ब्लैकस्टोन से जुड़े हुए हैं।
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कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया था कि माधबी बुच ने अपने ICICI बैंक के कार्यकाल के दौरान प्राप्त पैसों का ठीक से खुलासा नहीं किया। इस मामले में सरकार और एजेंसियों ने आरोपों की जांच की और यह निष्कर्ष निकाला कि बुच ने अपने सारे देय चुकाए हैं और उनके खिलाफ कोई अवैध गतिविधि नहीं पाई गई। ICICI बैंक की ओर से भी स्पष्टीकरण दिया गया कि बुच को अक्टूबर 2013 में रिटायरमेंट के बाद कोई अतिरिक्त लाभ या ESOP (कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना) नहीं दिया गया। उन्हें केवल रिटायरमेंट के लाभ मिले थे, जो हर वरिष्ठ कर्मचारी को दिए जाते हैं।
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: कांग्रेस के आरोपों की सच्चाई
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: कांग्रेस के आरोपों का केंद्र बुच की पेशेवर जिम्मेदारियों और उनकी पर्सनल रिलेशनशिप पर था। कांग्रेस ने कहा था कि बुच का जोर REIT पर इसलिए था क्योंकि इससे ब्लैकस्टोन जैसी कंपनियों को लाभ हो रहा था और उनके पति भी ब्लैकस्टोन से जुड़े हुए हैं। हालांकि, यह आरोप बिना सबूतों के थे।
ब्लैकस्टोन के साथ REIT का मामला सबसे पहले 2007 में UPA सरकार के दौरान सामने आया था। हालांकि, REIT का अमल में लाना 2016 में हुआ, जब SEBI ने इसके लिए निर्देश जारी किए। माधबी बुच ने 1 मार्च, 2022 को सेबी चेयरपर्सन का पदभार संभाला। उन्होंने सेबी के कार्यों में व्यापक बदलाव किए, जिनका असर न केवल ब्लैकस्टोन बल्कि कई अन्य वैश्विक कंपनियों पर भी पड़ा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह आरोप निराधार थे और जांच में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया। इस पूरे मामले में सिर्फ राजनीति की जा रही थी।
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: कर्मचारियों की शिकायतें
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: माधबी बुच के खिलाफ केवल कांग्रेस के आरोप ही नहीं थे, बल्कि SEBI के कुछ कर्मचारियों ने भी उनके खिलाफ शिकायतें की थीं। कर्मचारियों का कहना था कि बुच का नेतृत्व में कार्यस्थल का माहौल ठीक नहीं है। कर्मचारियों का आरोप था कि बुच अपने कर्मचारियों पर चिल्लाती हैं और उनका व्यवहार पेशेवर नहीं है।
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इसके बाद सरकार ने इन आरोपों की भी जांच की। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि बुच का उद्देश्य सेबी में सुधार लाने का था। उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए, जो सिस्टम को साफ करने और पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी थे। हालांकि, उनके कठोर नेतृत्व के कारण कुछ कर्मचारियों को यह रुख पसंद नहीं आया और उन्होंने अपनी असहमति जाहिर की। सरकार ने इस मुद्दे पर कर्मचारियों से बात की, लेकिन इसमें कोई गंभीर आरोप साबित नहीं हो पाए।
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: सरकार का निष्कर्ष
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: सरकार का मानना है कि माधबी पुरी बुच ने सेबी के अध्यक्ष के रूप में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं और उनकी लीडरशिप में सेबी में व्यापक बदलाव हुए हैं। उन्होंने न केवल देश के बाजारों को सुधारने का काम किया है, बल्कि उन्होंने पारदर्शिता लाने के लिए कई साहसिक कदम उठाए हैं। उनके इन प्रयासों से कई लोगों को नाराजगी भी हो सकती है, लेकिन उनके काम में कोई भ्रष्टाचार या अनियमितता नहीं पाई गई है।
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सरकारी जांच के निष्कर्ष के अनुसार, माधबी पुरी बुच अब अपने कार्यकाल को पूरा करेंगी, जो 28 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन इन सभी चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने अपने काम में ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखी।
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: माधबी पुरी बुच का सफर
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: माधबी पुरी बुच ने 1 मार्च 2022 को सेबी चेयरपर्सन के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उनसे पहले अजय त्यागी इस पद पर थे। बुच को भारतीय बाजारों में सुधार और डिजिटल बदलाव लाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिससे भारतीय बाजारों में व्यापक बदलाव हुए।
ICICI बैंक में काम करने के दौरान उन्होंने अपनी कुशलता और नेतृत्व के गुणों का प्रदर्शन किया। ICICI सिक्योरिटीज की CEO के रूप में उन्होंने अपने कार्यों को सफलता के साथ पूरा किया। उनके पेशेवर जीवन की यह उपलब्धियां उन्हें एक मजबूत लीडर बनाती हैं, जिन्होंने हमेशा से ही अपने काम को प्राथमिकता दी है।
कांग्रेस के आरोप निराधार, माधबी बुच का कार्यकाल जारी रहेगा
MADHABI PURI BUCH को मिली बड़ी राहत: माधबी पुरी बुच के खिलाफ लगे आरोपों की जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप और सेबी कर्मचारियों की शिकायतें किसी ठोस आधार पर नहीं थीं। जांच के बाद यह साफ हो गया है कि बुच ने अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया है और उनके कामकाज में कोई भ्रष्टाचार या अनियमितता नहीं है।
अब, माधबी बुच सेबी की चेयरपर्सन के रूप में अपने बचे हुए कार्यकाल को पूरा करेंगी, जो 28 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। उनके नेतृत्व में सेबी ने कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे हैं और उनके सुधारों से भारतीय बाजारों को पारदर्शिता और कुशलता के साथ चलने में मदद मिली है।