MCD चुनावी रणभूमि तैयार: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन की आहट सुनाई देने लगी है।
अप्रैल 2025 के अंतिम सप्ताह में दिल्ली को नया मेयर और डिप्टी मेयर मिलने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और निगम सचिव की ओर से मौजूदा मेयर महेश कुमार को चुनाव कराने के लिए औपचारिक सूचना भी दे दी गई है। अब सिर्फ मेयर की ओर से तारीखों की घोषणा बाकी है।
इस बार के मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पलड़ा भारी माना जा रहा है। मौजूदा समीकरणों के अनुसार बीजेपी के पास बहुमत है, जिससे साफ है कि दोनों प्रमुख पदों पर बीजेपी के ही उम्मीदवार काबिज हो सकते हैं।
MCD चुनावी रणभूमि तैयार: मेयर चुनाव तय करेगा दिल्ली एमसीडी की प्रशासनिक दिशा
मेयर चुनाव की प्रक्रिया दिल्ली नगर निगम के लिए बेहद अहम मानी जाती है, क्योंकि यह न सिर्फ प्रशासनिक दिशा तय करती है, बल्कि राजनीतिक परिदृश्य को भी प्रभावित करती है। एमसीडी के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हर साल होता है और इसमें निगम पार्षदों के साथ-साथ दिल्ली के विधायक और सांसद भी मतदान करते हैं। इस बार की गणना पर नजर डालें तो बीजेपी के पास कुल 135 वोट हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के पास 119 वोट माने जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के पास 8 पार्षद हैं, जो या तो वोटिंग में भाग नहीं लेंगे या फिर आम आदमी पार्टी को समर्थन देंगे। लेकिन किसी भी स्थिति में बीजेपी का बहुमत बरकरार रहने वाला है।
Devender Yadav का आरोप: दिल्ली में महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं हैं सड़कें और घर 2025 !
CONTENT CREATORS 2025: क्रिएटर्स को सरकार का तोहफा! मिलेगा सरकार से फंड
ILLEGAL BANGLADESHI 2025: पकड़ें गए अवैध प्रवासी
मेयर चुनाव को लेकर बीजेपी ने दिखाया दम
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पहले ही मेयर चुनाव में भाग लेने वाले विधायकों के नामों की सूची जारी कर दी है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी पूरी तैयारी के साथ मैदान में है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आम आदमी पार्टी की ओर से मौजूदा मेयर महेश कुमार भले ही पद पर बने हुए हैं, लेकिन पार्टी की रणनीति इस बार कमजोर नजर आ रही है। वहीं, बीजेपी नेतृत्व का रुख साफ है कि वे दिल्ली में एमसीडी के जरिए मजबूत पकड़ बनाना चाहते हैं, ताकि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की जमीनी पकड़ और मजबूत हो सके।
भविष्य की योजना की बात करें तो चुनाव के बाद जून 2025 तक एमसीडी की स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमिटी) और अन्य महत्वपूर्ण समितियों का गठन भी कर दिया जाएगा। इन समितियों के गठन से एमसीडी का संचालन ज्यादा प्रभावी और संगठित रूप में किया जा सकेगा। पिछले कुछ वर्षों में एमसीडी पर नियंत्रण को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जोरदार टकराव देखने को मिला है, लेकिन इस बार बीजेपी का पलड़ा भारी होने से स्थिति स्पष्ट नजर आ रही है।
मेयर पद को लेकर पार्टी आलाकमान करेगा अंतिम फैसला
अब सवाल उठता है कि दिल्ली का अगला मेयर कौन होगा? इस सवाल पर बीजेपी नेता खुलकर बयान नहीं दे रहे हैं और उनका कहना है कि इसका अंतिम निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व (आलाकमान) करेगा। हालांकि अगर वरिष्ठता, अनुभव और संगठन में सक्रियता को देखा जाए तो कई नाम सामने आ रहे हैं। इनमें योगेश अरोड़ा, राजा इकबाल सिंह, संदीप कपूर, सत्या शर्मा और परवेश वाही के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं। इन सभी नेताओं को एमसीडी का अच्छा खासा अनुभव है और संगठन में इनकी गहरी पैठ मानी जाती है।
इन दावेदारों में से एक निगम पार्षद ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, “अगर पार्टी मुझे मेयर पद की जिम्मेदारी देती है तो मैं इसे पूरी निष्ठा और कर्तव्यबोध के साथ निभाऊंगा। मुझे एमसीडी में वर्षों का अनुभव है और मैं न केवल मौजूदा समस्याओं को जानता हूं, बल्कि उनके समाधान की दिशा में काम करने की भी योजना रखता हूं।”
नबी करीम इलाके में चाकू मारकर डबल मर्डर | Crime Episode
Smart Police Booth at IGI Airport’s Terminal 3 | Crime Episode
DELHI Jhandewalan FIRE: दिल्ली के झंडेवालान इलाके में बिल्डिंग में भीषण आग | Crime Episode
मेयर पद की जंग से तय होगी भविष्य की राजनीतिक ताकत
दिल्ली के मेयर चुनाव के बहाने यह भी देखा जा रहा है कि यह मुकाबला सिर्फ एमसीडी की सत्ता का नहीं, बल्कि 2025 के विधानसभा चुनाव के पहले राजनीतिक मनोबल का भी है। आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव कहीं न कहीं उसकी गिरती राजनीतिक पकड़ का संकेत दे सकता है, वहीं बीजेपी के लिए यह एक बड़ी जीत मानी जा सकती है, जो नगर निगम से लेकर विधानसभा तक सत्ता में वापसी का रास्ता तैयार कर सकती है।
बहरहाल, निगम सचिवालय से लेकर राजनीतिक गलियारों तक हलचल तेज हो गई है। चुनावी तारीख की घोषणा कभी भी हो सकती है और इसके साथ ही दिल्ली की राजनीति एक नए मोड़ पर पहुंच सकती है। मेयर और डिप्टी मेयर का यह चुनाव न केवल एमसीडी की दिशा तय करेगा, बल्कि दिल्ली की सियासत को भी नई परिभाषा देने वाला साबित हो सकता है।