MCD: पूर्वी दिल्ली की सड़कों पर बेतरतीब तरीके से फेंके जाने वाले मलबे से आम लोगों को अब राहत मिल सकती है।
दिल्ली नगर निगम (MCD) के शहादरा साउथ जोन ने इस दिशा में एक अहम पहल करते हुए चार ऐसे स्थान चिन्हित किए हैं जहां अब निर्माण कार्यों से निकले ठोस मलबे (C&D Waste) को व्यवस्थित ढंग से डाला जा सकेगा। ये स्थान हैं: हसनपुर डिपो, प्रीत विहार मोड़, टेल्को मोड़, और गाजीपुर रोड।
मलबे से पैदा हो रही थीं गंभीर समस्याएं
पिछले कई महीनों से MCD पूर्वी दिल्ली के विभिन्न इलाकों, खासकर शहादरा, लक्ष्मी नगर, आनंद विहार और विवेक विहार में सड़क किनारे मलबा फेंकने की घटनाएं लगातार बढ़ रही थीं। इससे एक तरफ जहां ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो रही थी, वहीं दूसरी ओर राहगीरों की सुरक्षा पर भी संकट मंडरा रहा था। कई मामलों में यह मलबा सड़क तक फैल जाता था, जिससे वाहन चालकों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता।
निगम की पहल: चार सुरक्षित स्थान, लोहे की नीली शीट से घेराव
दिल्ली नगर निगम (MCD) के शहादरा साउथ जोन ने इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु जिन चार स्थलों को मलबा डालने के लिए अधिकृत किया है, वहां नीली रंग की मोटी लोहे की शीट लगाई गई है। इन शीटों के भीतर ही मलबा डालने की अनुमति दी गई है। इस व्यवस्था का मकसद मलबे को एक नियंत्रित और सुरक्षित स्थान पर इकट्ठा करना है, जिससे सड़कों की सफाई बनी रहे और यातायात बाधित न हो।
सख्त चेतावनी: उल्लंघन पर ₹50,000 का जुर्माना और गाड़ी ज़ब्त
MCD निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति इन चिन्हित स्थलों के बाहर मलबा डालता है, तो उस पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा और उसकी गाड़ी को भी ज़ब्त कर लिया जाएगा। निगम का कहना है कि यह फैसला दिल्ली को साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
आम लोगों को मिल रही है राहत
MCD की इस नई व्यवस्था से सबसे ज्यादा फायदा उन आम नागरिकों को हो रहा है जो प्रतिदिन इन मार्गों से गुजरते हैं। स्थानीय निवासियों और राहगीरों ने निगम की इस पहल की सराहना की है। उनका कहना है कि इससे सड़कों की साफ-सफाई बनी रहेगी और ट्रैफिक भी सुचारू रूप से चलेगा।
भाजपा पार्षद रामकिशोर शर्मा ने जताई नाराजगी
हालांकि, इस फैसले से सभी लोग संतुष्ट नहीं हैं। शहादरा साउथ जोन के नवनिर्वाचित चेयरमैन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षद रामकिशोर शर्मा ने निगम की इस पहल पर नाराजगी जताई है। उनका मानना है कि चार निर्धारित स्थान बनाकर निगम ने मलबा डालने वालों को एक तरह से खुली छूट दे दी है।
रामकिशोर शर्मा ने कहा, “पहले लोग चोरी-छिपे मलबा फेंकते थे, लेकिन अब उन्हें खुलेआम यह करने की इजाजत मिल गई है। यह व्यवस्था लोगों को सुधरने की बजाय और अधिक लापरवाह बना सकती है।” उन्होंने सुझाव दिया कि यदि निगम पहले दो-तीन ट्रॉलियों को जब्त कर लेता और सख्ती दिखाता, तो मलबा फेंकने वालों में डर पैदा होता और वे ऐसी हरकतों से बाज आते।
प्रशासन से मिलकर जताएंगे विरोध
रामकिशोर शर्मा ने यह भी बताया कि वह इस मुद्दे को लेकर जल्द ही दिल्ली नगर निगम आयुक्त और जिले के डीसीपी से मुलाकात करने वाले हैं। उनका उद्देश्य है कि इस फैसले की समीक्षा की जाए और कोई वैकल्पिक समाधान निकाला जाए जिससे आम लोगों को राहत भी मिले और अनुशासन भी बना रहे।
मलबे की पुरानी समस्या पर नई पहल
पूर्वी दिल्ली में मलबे की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन निगम की यह नई पहल एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम है। हालांकि, इस पर राजनीतिक मतभेद उभर रहे हैं। देखना होगा कि निगम और स्थानीय प्रशासन मिलकर इस फैसले को किस तरह से लागू करते हैं और आने वाले समय में इससे जुड़ी चुनौतियों से कैसे निपटते हैं।