सत्यपाल मलिक का देहांत 2025: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने ली अंतिम सांस

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का देहांत 5 अगस्त 2025 को दिल्ली के अस्पताल राम मनोहर लोहिया में मंगलवार हो गया लंबे

सत्यपाल मलिक का देहांत

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का देहांत 5 अगस्त 2025 को दिल्ली के अस्पताल राम मनोहर लोहिया में मंगलवार हो गया लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे।

सत्यपाल मलिक का देहांत

सत्यपाल मलिक का देहांत होना एक बड़ा नुकसान

 जम्मू कश्मीर और बिहार के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का देहांत मंगलवार (5 अगस्त) को हो गया, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर उन्होंने 78 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली वह लंबे समय से किडनी से संबंधित बीमारियों का शिकार थे।

सत्यपाल मलिक का देहांत होने से पहले उन्होंने 22 मई 2025 को एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हूं।संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब  स्थिति बहुत गंभीर है और पिछले तीन दिनों से  किडनी डायलिसिस की जा रही है।

खबरों के मुताबिक सत्यपाल मलिक का देहांत की वजह मूत्र मार्ग में संक्रमण था, जिसके चलते उन्हें किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी हो गई थी। डॉक्टरों के अनुसार संक्रमण के कारण उनकी किडनी को काफी नुकसान पहुँचा। इसके अलावा उन्हें हाई ब्लड शुगर (मधुमेह) और हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) की भी समस्या थी।

ये दोनों बीमारियां किडनी की कार्यक्षमता को धीरे-धीरे कम कर देती हैं। जब शरीर में शुगर और बीपी का स्तर लगातार बढ़ा रहता है, तो किडनी पर दबाव बढ़ जाता है और वह सही तरीके से काम नहीं कर पाती। इन सभी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उनकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ती गई और अंततः यह स्थिति उनके लिए घातक साबित हुई।

सत्यपाल मलिक का देहांत

सत्यपाल मलिक का देहांत ओर राज्यपाल पद का सफर

सत्यपाल मलिक वर्ष 2018 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे। उनके कार्यकाल के दौरान ही 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था, जिससे राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हो गया। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया।

यह फैसला भारतीय इतिहास में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम माना गया। इत्तफाक की बात यह है कि जिस दिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने जैसा ऐतिहासिक निर्णय लिया था, उसी तारीख यानी 5 अगस्त को ही 2025 में उनका निधन हुआ। यह तारीख उनके जीवन से जुड़ी दो बड़ी घटनाओं के लिए याद की जाएगी।

सत्यपाल मलिक पाँच राज्यों के राज्यपाल रह चुके थे। उन्होंने अक्टूबर 2017 से अगस्त 2018 तक बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। इसके बाद मार्च 2018 से मई 2018 तक वे ओडिशा के राज्यपाल रहे। अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल का कार्यभार संभाला।

जम्मू-कश्मीर के बाद उन्हें गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अंत में वे मेघालय के राज्यपाल के रूप में कार्यरत रहे। उनके राजनैतिक जीवन में विभिन्न राज्यों में राज्यपाल के रूप में की गई नियुक्तियाँ और जिम्मेदारियाँ महत्वपूर्ण रही हैं।

सत्यपाल मलिक का देहांत से पहले राजनीति में कैसे आए थे

सत्यपाल मलिक का जन्म वर्ष 1946 में उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के हिसावड़ा गाँव में हुआ था। उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1968-1969 में वे मेरठ विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए, यहीं से उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा।

एक राजनेता के रूप में उनका पहला प्रमुख कार्यकाल वर्ष 1974 से 1977 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में रहा। इसके बाद वे वर्ष 1989 से 1991 तक जनता दल के सदस्य के रूप में अलीगढ़ से लोकसभा सांसद रहे। सत्यपाल मलिक ने अपने राजनीतिक जीवन में किसानों, गरीबों और समाज के वंचित वर्गों की आवाज़ उठाई।

वे अपनी स्पष्टवादिता और बेबाक राय के लिए जाने जाते थे। उनकी राजनीतिक यात्रा छात्र राजनीति से शुरू होकर राज्यपाल पद तक पहुँची, जो उनकी मेहनत और संकल्प का प्रमाण है

सत्यपाल मलिक का देहांत

सत्यपाल मलिक का देहांत होने से पहले उन्होंने क्या कहा था

सत्यपाल मलिक का देहांत होने से पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा था, “मैं ज़िंदा रहूं या न रहूं, लेकिन जाने से पहले अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं।

जब मैं पूर्व राज्यपाल के पद पर था, तब मुझे 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, लेकिन मैंने अपने गुरु चौधरी चरण सिंह जी की तरह ईमानदारी से काम किया। मैंने अपना ईमान नहीं बेचा। जब मैं गवर्नर था, उस समय किसान आंदोलन भी चल रहा था।

मैंने बिना किसी लोभ-लालच के पद पर रहते हुए किसानों की आवाज़ उठाई और फिर महिला पहलवानों का जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक आंदोलन में साथ रहा था।

सत्यपाल मलिक का देहांत होने से पहले उन्होंने अपने संदेश में पुलवामा आतंकी हमले का भी ज़िक्र किया। उन्होंने लिखा, “पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर आज तक सरकार ने कोई जांच नहीं की।

सरकार मुझे झूठे चार्जशीट में फंसाने के बहाने ढूंढ रही है। जिस मामले में मुझे फंसाना चाहती है, उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया था। मैंने स्वयं प्रधानमंत्री जी को इस टेंडर में भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी और उन्हें बताने के बाद मैंने ही उस टेंडर को रद्द किया था।

उन्होंने आगे लिखा, “मेरे तबादले के बाद किसी अन्य के हस्ताक्षर से वह टेंडर दोबारा जारी किया।

सत्यपाल मलिक का देहांत होने से पहले अपने संदेश में लिखा कि मैं सरकार को और एजेंसियों को बताना चाहता हूं कि मैं किसान कौम से हूं और नहीं मैं डरूंगा और नहीं झुकूंगा।

सरकार ने मुझे बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और अब अंत में यही कहना चाहता हूं कि मेरा सरकार और सरकारी एजेंसियों से अनुरोध है कि मेरे प्यारे देशवासियों को सच्चाई बताना जरूरी है कि तुम्हें मेरे पास से छानबीन में मिला क्या।

हालांकि सच्चाई तो ये है कि 50 साल से अधिक राजनीतिक सफर में मैं देशसेवा करने के बाद भी आज मैं एक कमरे के मकान में रह रहा हूं और कर्ज में भी हूं। अगर मेरे पास धन-दौलत होती तो मैं एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा रहा होता।

'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

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DIGITAL INDIA की सुविधा: अब नहीं होगी RC गुम होने की टेंशन, जानिए आसान डिजिटल तरीका 2025 !

DIGITAL INDIA: अगर आपकी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) खो गई है या आप उसे साथ

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DIGITAL INDIA: अगर आपकी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) खो गई है या आप उसे साथ ले जाना भूल गए हैं, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

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अब भारत सरकार की ओर से लॉन्च किए गए DigiLocker और mParivahan जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद से आप अपनी RC को मोबाइल फोन से ही डाउनलोड कर सकते हैं। यह डिजिटल डॉक्यूमेंट कानूनी रूप से मान्य होता है और ट्रैफिक पुलिस या किसी भी सरकारी जांच एजेंसी द्वारा इसे स्वीकार किया जाता है।

क्या है RC और क्यों है जरूरी?

DIGITAL INDIA: RC यानी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वह दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि वाहन कानूनी रूप से रजिस्टर्ड है और किस व्यक्ति के नाम पर है। जब आप कोई नई गाड़ी खरीदते हैं, चाहे वह दोपहिया हो या चारपहिया, तो RTO द्वारा जारी की गई RC आपके नाम पर दी जाती है। इसमें वाहन की रजिस्ट्रेशन संख्या, इंजन नंबर, चेसिस नंबर और मालिक की जानकारी जैसे विवरण होते हैं।

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RC की जरूरत तब पड़ती है जब:

  • आप ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोके जाते हैं
  • गाड़ी बेचनी हो
  • इंश्योरेंस क्लेम करना हो
  • वाहन के लोन या ट्रांसफर की प्रक्रिया करनी हो
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RC खो गई? ऐसे करें ऑनलाइन डाउनलोड

DIGITAL INDIA अगर आपकी RC गुम हो गई है तो आप उसे घर बैठे ही दो तरीके से डाउनलोड कर सकते हैं — पहला Vahan Portal के जरिए और दूसरा DigiLocker App के जरिए।

1. Vahan Portal से RC डाउनलोड करने की प्रक्रिया:
  1. सबसे पहले Vahan Parivahan वेबसाइट पर जाएं।
  2. “Online Services” टैब पर क्लिक करें और “Vehicle Related Services” को चुनें।
  3. अब अपने राज्य का चयन करें।
  4. अगली स्क्रीन पर आपसे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और OTP मांगा जाएगा, उसे दर्ज करें।
  5. लॉग इन करने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर डालना होगा।
  6. इसके बाद ‘Download Document’ या ‘RC Print’ जैसा विकल्प चुनें।
  7. कुछ ही सेकंड में आपकी डिजिटल RC स्क्रीन पर दिखाई दे जाएगी, जिसे आप डाउनलोड या प्रिंट कर सकते हैं।
2. DigiLocker से RC डाउनलोड करने का तरीका:
  1. DigiLocker ऐप या वेबसाइट पर जाएं।
  2. अपने आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर से लॉगिन करें।
  3. ‘Issued Documents’ सेक्शन में जाएं और ‘Ministry of Road Transport and Highways’ को सिलेक्ट करें।
  4. अब ‘Registration Certificate’ पर क्लिक करें।
  5. अपने वाहन की डिटेल्स (जैसे रजिस्ट्रेशन नंबर) भरें।
  6. ध्यान रखें कि आधार पर जो नाम है, वही RC पर भी होना चाहिए, तभी डॉक्यूमेंट लिंक हो पाएगा।
  7. डॉक्यूमेंट आपके अकाउंट में सेव हो जाएगा, जिसे आप कभी भी देख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर प्रेजेंट कर सकते हैं।

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क्या डिजिटल RC मान्य है?

जी हां, भारत सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि DigiLocker या mParivahan से डाउनलोड की गई डिजिटल आरसी पूरी तरह से वैध है। आप चाहे किसी भी राज्य में हों, यह डॉक्यूमेंट सभी सरकारी अधिकारियों और ट्रैफिक पुलिस द्वारा स्वीकार किया जाएगा। फिजिकल कॉपी साथ न होने की स्थिति में डिजिटल डॉक्यूमेंट दिखाना पर्याप्त है।

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DIGITAL INDIA अब ऑनलाइन पाए मिनटों में समाधान

DIGITAL INDIA की पहल के तहत अब वाहन संबंधित दस्तावेजों को ऑनलाइन एक्सेस करना बेहद आसान हो गया है। RC जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज को गुम हो जाने पर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बस अपने मोबाइल से कुछ स्टेप्स फॉलो करें और कुछ ही मिनटों में कानूनी रूप से मान्य RC प्राप्त करें। यह सुविधा ना केवल समय बचाती है, बल्कि आपको कागजी दस्तावेजों को साथ रखने की झंझट से भी छुटकारा देती है।