SUPREME COURT: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक कांग्रेस के विधायक टीडी राजेगौड़ा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। यह याचिका भाजपा नेता डी.एन. जीवराजा द्वारा दायर चुनाव याचिका के खिलाफ थी, जिसमें 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में राजेगौड़ा की जीत को चुनौती दी गई थी।
SUPREME COURT: जीत को चुनौती देने वाली याचिका पर विवाद
जीवराजा ने श्रृंगेरी विधानसभा क्षेत्र से राजेगौड़ा की चुनावी जीत को चुनौती देते हुए आरोप लगाया था कि चुनाव के दौरान काले धन का इस्तेमाल किया गया। राजेगौड़ा ने इन आरोपों को “अस्पष्ट और बिना साक्ष्य” बताया। उनका कहना था कि जीवराजा ने चुनाव परिणाम को चुनौती देने के लिए कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किया है।
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न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने मौजूदा चरण में राजेगौड़ा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा, “हम भी अस्पष्ट आरोपों से चिंतित थे, लेकिन एक प्रावधान है जो सबूत पेश करने की अनुमति देता है।”
SUPREME COURT: पहले भी उठाई गई थी आपत्तियां
यह पहली बार नहीं है जब राजेगौड़ा ने इस मामले में अदालत का रुख किया। उन्होंने पिछले साल भी इसी तरह की याचिका दायर की थी। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव न्यायाधिकरण-सह-उच्च न्यायालय में जीवराजा द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों की स्वीकार्यता पर आपत्ति उठाने का अधिकार राजेगौड़ा को है।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर, 2024 को निर्देश दिया था कि उच्च न्यायालय इन आपत्तियों पर कानून के अनुसार विचार करे। आज की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि पिछले आदेश में राजेगौड़ा की चिंताओं को पर्याप्त रूप से ध्यान में रखा गया है।
शीर्ष अदालत के इस रुख के बाद अब चुनाव याचिका पर सुनवाई कर्नाटक उच्च न्यायालय में जारी रहेगी। यह मामला विधानसभा चुनावों में पारदर्शिता और आरोपों की सत्यता की जांच के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।