Prakash Parv 2025: 556 साल बाद भी दुनिया मानती है गुरु नानक की ये 3 बातें, जानें प्रकाश पर्व का पूरा इतिहास

Prakash Parv 2025: गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व 5 नवंबर, 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन केवल एक त्योहार नहीं,

Prakash Parv 2025: 556 साल बाद भी दुनिया मानती है गुरु नानक की ये 3 बातें, जानें प्रकाश पर्व का पूरा इतिहास

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Prakash Parv 2025: गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व 5 नवंबर, 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि गुरु नानक देव जी के उन सिद्धांतों का उत्सव है जो आज भी दुनिया को रास्ता दिखा रहे हैं। उन्होंने ‘नाम जपो, किरत करो, वंड छको’ की 3 मूल शिक्षाएं दीं, जिसका अर्थ है – ईश्वर का नाम जपो, ईमानदारी से मेहनत करो और जो कुछ भी है, उसे दूसरों के साथ बांटकर खाओ। उनका जन्म 1469 में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी (अब ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। इस दिन दुनिया भर के सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारों में इकट्ठा होते हैं, गुरबानी का पाठ करते हैं, सेवा करते हैं और लंगर में भाग लेते हैं। यह लेख गुरु नानक देव जी के जीवन, उनकी शिक्षाओं और प्रकाश पर्व के महत्व पर गहराई से प्रकाश डालता है।

Prakash Parv 2025: 556 साल बाद भी दुनिया मानती है गुरु नानक की ये 3 बातें, जानें प्रकाश पर्व का पूरा इतिहास

Prakash Parv 2025: रोशनी, आस्था और सेवा का महापर्व

गुरु नानक जयंती, जिसे ‘गुरुपर्व’ या ‘प्रकाश पर्व’ के नाम से भी जाना जाता है, सिख समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहारों में से एक है। यह दिन सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु, श्री गुरु नानक देव जी के जन्म के उत्सव का प्रतीक है। हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में बसे सिखों द्वारा बड़ी श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल, गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व 5 नवंबर, 2025 (बुधवार) को मनाया जाएगा। यह दिन सिर्फ एक जयंती नहीं, बल्कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं – समानता, निस्वार्थ सेवा, और एक ईश्वर में विश्वास – को याद करने और अपने जीवन में अपनाने का एक अवसर है।

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कौन थे गुरु नानक देव जी? (एक दिव्य आत्मा का अवतरण)

गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 ईस्वी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गांव में हुआ था, जिसे अब ‘ननकाना साहिब’ के नाम से जाना जाता है और यह वर्तमान में पाकिस्तान में है। उनके पिता का नाम मेहता कालूचंद और माता का नाम तृप्ता देवी था। बचपन से ही नानक देव जी का मन सांसारिक कार्यों में नहीं लगता था। वे घंटों तक ध्यान और चिंतन में लीन रहते थे। उन्होंने समाज में व्याप्त आडंबरों, जातिगत भेदभाव और धार्मिक कट्टरता का पुरजोर विरोध किया। उनका मानना था कि ईश्वर एक है और सभी मनुष्य बराबर हैं। यही संदेश देने के लिए उन्होंने अपने जीवनकाल में चार लंबी यात्राएं (उदासियां) कीं, जिनमें उन्होंने मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और तिब्बत तक का सफर तय किया।

गुरु नानक जयंती 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु नानक जयंती कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।

  • 556वां प्रकाश पर्व: 5 नवंबर, 2025 (बुधवार)
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 4 नवंबर, 2025 को रात्रि 10:36 बजे से
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 नवंबर, 2025 को शाम 06:48 बजे तक
    इन शुभ मुहूर्तों के दौरान, दुनिया भर के गुरुद्वारों में विशेष प्रार्थना सभाओं और कीर्तन का आयोजन किया जाता है।

गुरुपर्व का उत्सव: तीन दिनों का भव्य आयोजन

गुरु नानक जयंती का उत्सव केवल एक दिन का नहीं, बल्कि तीन दिनों तक चलता है, जिसकी हर एक रस्म का अपना विशेष महत्व है।

  • पहला दिन (अखंड पाठ): गुरुपर्व से दो दिन पहले, गुरुद्वारों में ‘अखंड पाठ’ का आयोजन किया जाता है। इसमें सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब का 48 घंटे तक बिना रुके पाठ किया जाता है। यह पाठ इस बात का प्रतीक है कि गुरु की वाणी निरंतर और अखंड है।
  • दूसरा दिन (नगर कीर्तन): गुरुपर्व से एक दिन पहले, एक भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसे ‘नगर कीर्तन’ कहते हैं। इस शोभायात्रा का नेतृत्व पंज प्यारे (पांच प्यारे) करते हैं, जो हाथों में सिख धर्म का ध्वज ‘निशान साहिब’ लेकर चलते हैं। उनके पीछे गुरु ग्रंथ साहिब को एक सुंदर पालकी में सजाकर ले जाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हैं, अपनी पारंपरिक मार्शल आर्ट ‘गतका’ का प्रदर्शन करते हैं और गुरु नानक के संदेशों का प्रचार करते हैं।
  • तीसरा दिन (गुरुपर्व): मुख्य दिन यानी गुरुपर्व पर, उत्सव सुबह 4-5 बजे ‘अमृत वेला’ में शुरू होता है। भक्त ‘प्रभात फेरी’ निकालते हैं, जिसमें वे भजन गाते हुए गलियों में घूमते हैं। इसके बाद गुरुद्वारे में ‘आसा दी वार’ का कीर्तन होता है, और गुरु ग्रंथ साहिब से कथा वाचन किया जाता है। दिन भर कीर्तन, प्रार्थना और लंगर का दौर चलता है।

गुरु नानक देव जी का मूल दर्शन

गुरु नानक देव जी का सबसे मूल और केंद्रीय सिद्धांत ‘इक ओंकार’ (ੴ) है, जिसका अर्थ है ‘ईश्वर एक है’। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईश्वर किसी एक धर्म या समुदाय का नहीं, बल्कि पूरी मानवता का है। वह निराकार, सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान है। उन्होंने लोगों को मूर्ति पूजा और व्यर्थ के कर्मकांडों से दूर रहकर सीधे उस एक ईश्वर से जुड़ने का मार्ग दिखाया। उनका यह संदेश आज भी धार्मिक सद्भाव और एकता का सबसे बड़ा प्रतीक है।

गुरु नानक देव जी की तीन सुनहरी शिक्षाएं

गुरु नानक देव जी ने एक सुखी और सार्थक जीवन जीने के लिए तीन सुनहरे नियम दिए, जो सिख धर्म की नींव हैं:

  1. नाम जपो: इसका अर्थ है, हमेशा उस एक ईश्वर का नाम जपना और उसके ध्यान में लीन रहना। यह केवल माला जपना नहीं, बल्कि अपने हर कार्य में ईश्वर को याद रखना है।
  2. किरत करो: इसका अर्थ है, ईमानदारी और मेहनत से अपनी आजीविका कमाना। उन्होंने किसी पर निर्भर रहने या बेईमानी से धन कमाने का घोर विरोध किया।
  3. वंड छको: इसका अर्थ है, जो कुछ भी आपने कमाया है, उसे जरूरतमंदों के साथ बांटकर खाना। यह सिद्धांत समानता और निस्वार्थ सेवा की भावना को बढ़ावा देता है। इसी सिद्धांत का सबसे बड़ा उदाहरण ‘लंगर’ प्रथा है।

समानता और सेवा की सबसे बड़ी मिसाल

‘लंगर’ की प्रथा गुरु नानक देव जी द्वारा ही शुरू की गई थी। यह एक सामुदायिक रसोई है जहां बिना किसी भेदभाव (जाति, धर्म, लिंग या सामाजिक स्थिति) के हर व्यक्ति को मुफ्त में भोजन कराया जाता है। सभी लोग एक साथ एक ही पंक्ति में बैठकर भोजन करते हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि ईश्वर की नजर में सभी बराबर हैं। गुरुपर्व के दिन, दुनिया भर के गुरुद्वारों में विशाल लंगरों का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों लोग भोजन करते हैं। यह निस्वार्थ सेवा और समानता का सबसे जीवंत उदाहरण है।

गुरुद्वारा: आस्था के केंद्र

गुरु नानक जयंती के अवसर पर, दुनिया भर के गुरुद्वारों, विशेषकर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर (श्री हरमंदिर साहिब) और पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब (गुरु नानक जी का जन्मस्थान) को रोशनी और फूलों से खूबसूरती से सजाया जाता है। इन स्थानों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु मत्था टेकने और प्रार्थना करने आते हैं। रात के समय जब ये गुरुद्वारे रोशनी में नहाए होते हैं, तो उनका दृश्य बेहद मनमोहक और दिव्य होता है। यह दिन लोगों को एक साथ लाता है और समुदाय की भावना को मजबूत करता है।

गुरु नानक देव जी की यात्राएं (उदासियां)

गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा यात्राओं में बिताया ताकि वे अपने ज्ञान और संदेश को दूर-दूर तक फैला सकें। इन यात्राओं को ‘उदासियां’ कहा जाता है। माना जाता है कि उन्होंने चार प्रमुख उदासियां कीं, जिनमें उन्होंने पैदल ही हजारों किलोमीटर की यात्रा की। इन यात्राओं के दौरान, वे हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध और जैन संतों से मिले, विभिन्न धार्मिक स्थलों पर गए और लोगों को आडंबरों को छोड़कर सच्ची भक्ति का मार्ग दिखाया। उनकी ये यात्राएं संवाद, सहिष्णुता और मानवता की सबसे बड़ी मिसाल हैं।

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प्रकाश पर्व का आज के समय में महत्व

गुरु नानक जयंती केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जो हमें आत्म-चिंतन करने और गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करता है। आज के समय में, जब दुनिया नफरत, भेदभाव और असमानता जैसी समस्याओं से जूझ रही है, तब गुरु नानक देव जी के ‘इक ओंकार’, ‘सर्वधर्म समभाव’ और ‘निस्वार्थ सेवा’ के सिद्धांत पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक हो गए हैं। यह प्रकाश पर्व हमें याद दिलाता है कि सबसे बड़ा धर्म मानवता की सेवा करना है और सच्चा सुख बांटने में ही मिलता है।


खबर का सार (Summary Table)

श्रेणीविवरण
त्योहार का नामगुरु नानक जयंती, गुरुपर्व, प्रकाश पर्व
किसके उपलक्ष्य मेंसिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव जी का जन्मदिवस
2025 में तिथि5 नवंबर, 2025 (बुधवार)
जन्मदिन संस्करण556वां प्रकाश पर्व
तिथि (हिन्दू कैलेंडर)कार्तिक मास की पूर्णिमा
जन्म स्थानननकाना साहिब (तलवंडी), वर्तमान पाकिस्तान
प्रमुख शिक्षाएंइक ओंकार (एक ईश्वर), नाम जपो, किरत करो, वंड छको
मुख्य परंपराएंअखंड पाठ (48 घंटे), नगर कीर्तन (शोभायात्रा), लंगर (सामुदायिक रसोई)
मुख्य उत्सव स्थलस्वर्ण मंदिर (अमृतसर), ननकाना साहिब और दुनिया भर के गुरुद्वारे
त्योहार का संदेशसमानता, निस्वार्थ सेवा, धार्मिक सद्भाव और मानवता
'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

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Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना