ORISSA HC: सिर्फ 5 वर्षों की सेवा करने वाले को पेंशन लाभ देना असमानता पैदा करेगा

ORISSA HC: ओडिशा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी व्यक्ति को केवल पांच वर्षों की सेवा के आधार पर

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ORISSA HC: ओडिशा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी व्यक्ति को केवल पांच वर्षों की सेवा के आधार पर पेंशन लाभ देना न केवल वित्तीय असंतुलन पैदा करेगा बल्कि अन्य सरकारी कर्मचारियों के बीच असमानता को भी बढ़ावा देगा। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति एस.के. पाणिग्रही की एकल पीठ ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें एक कर्मचारी के सेवानिवृत्ति लाभ के दावे को खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।

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याचिकाकर्ता, जो ओडिशा के राज्य सूचना आयुक्त (SIC) के रूप में कार्यरत थे, ने अदालत से पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ देने की अपील की थी।

ORISSA HC: न्यायालय की टिप्पणी

न्यायालय ने कहा कि सरकारी पेंशन योजनाओं का उद्देश्य लंबे समय तक सेवा देने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत करना है। अदालत ने स्पष्ट किया, “पेंशन लाभ का न्यायालय के माध्यम से हस्तक्षेप करना, जब कोई लागू नियम मौजूद नहीं हो, एक खतरनाक उदाहरण स्थापित कर सकता है। इससे समान दावों की बाढ़ आ सकती है और राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अनुचित दबाव पड़ेगा। यह न केवल वित्तीय जिम्मेदारी को कमजोर करेगा बल्कि पेंशन योजनाओं के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ भी होगा।”

अदालत ने यह भी कहा कि पेंशन योजनाएं दीर्घकालिक सेवा की सराहना और कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई जाती हैं। केवल पांच वर्षों की सेवा के आधार पर पेंशन प्रदान करना न्यायसंगत नहीं होगा, क्योंकि यह अन्य कर्मचारियों के बीच असंतोष पैदा करेगा, जिन्होंने लंबे समय तक सेवा दी है।

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ORISSA HC: याचिकाकर्ता का पक्ष

याचिकाकर्ता जगदानंद ने 2008 से 2013 तक ओडिशा के राज्य सूचना आयुक्त (SIC) के रूप में कार्य किया। उनकी नियुक्ति सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) की धारा 15(3) के तहत गठित एक समिति की सिफारिश के बाद हुई थी। उन्होंने अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा किया और 2013 में पद से मुक्त हो गए।

सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने दावा किया कि RTI अधिनियम की धारा 16(5) में उल्लिखित “सेवा, भत्ते और अन्य शर्तों” में सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ शामिल हैं। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने SICs के सेवा नियमों और पेंशन लाभों के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाई है। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य सरकारी पदों पर कार्यरत अधिकारियों को सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान किया जाता है, और यह लाभ उन्हें भी मिलना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि उन्होंने इस संबंध में कई बार राज्य सरकार को अभ्यावेदन दिया, लेकिन उन्हें कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला। अंततः, उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

ORISSA HC: राज्य का पक्ष

राज्य सरकार ने अदालत में स्पष्ट किया कि राज्य सूचना आयुक्तों (SICs) के लिए पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। राज्य ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को उनके पद और सेवा शर्तों की पूरी जानकारी थी और उन्होंने नियुक्ति के समय और सेवानिवृत्ति के समय इसे स्वीकार किया था।

राज्य के वकील ने यह भी तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने खुद उन बैठकों में भाग लिया था, जहां राज्य सरकार से SICs के सेवा नियमों को निर्धारित करने की सिफारिश की गई थी। यह जानते हुए कि SICs के लिए कोई पेंशन योजना नहीं है, याचिकाकर्ता का अब इस तरह का दावा करना अनुचित है।

ORISSA HC: अदालत का निर्णय

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पेंशन लाभ कानूनी रूप से स्थापित नियमों और नीतियों के तहत दिए जाते हैं। अदालत ने कहा, “जब कोई स्पष्ट कानूनी प्रावधान नहीं है, तो न्यायालय ऐसा अधिकार पैदा नहीं कर सकता। न्यायालय का दायित्व कानून की व्याख्या करना और उसके अनुपालन को सुनिश्चित करना है, न कि ऐसी नीतियां बनाना जो कार्यपालिका या विधायिका के क्षेत्र में आती हैं।”

अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने कार्यकाल के दौरान और सेवानिवृत्ति के समय यह स्वीकार किया था कि उनकी सेवा के लिए कोई पेंशन योजना नहीं है। इसके बावजूद, अब पेंशन का दावा करना न्यायसंगत नहीं है।

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हाईकोर्ट ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम या किसी अन्य कानून में राज्य सूचना आयुक्तों के लिए पेंशन लाभ का स्पष्ट प्रावधान नहीं है। ऐसे में, याचिकाकर्ता का यह दावा अस्वीकार्य है।

अदालत ने यह भी जोर दिया कि पेंशन योजनाओं का उद्देश्य दीर्घकालिक सेवा देने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत करना है। यदि केवल पांच वर्षों की सेवा के आधार पर पेंशन दी जाती है, तो यह अन्य कर्मचारियों के लिए असमानता और वित्तीय असंतुलन का कारण बनेगा।

इसलिए, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

मामला: जगदानंद बनाम ओडिशा राज्य व अन्य
प्रतिनिधित्व:

  • याचिकाकर्ता की ओर से: अधिवक्ता देबेश पांडा और एस. गुमन सिंह
  • प्रतिवादी की ओर से: एएससी सोनक मिश्रा, अधिवक्ता बी.के. दाश और आर.बी. दाश
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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना