PATNA HIGH COURT ने अमेरिकी नाबालिग के यौन शोषण मामले में राज्य पुलिस को फटकार लगाई 2025 !

PATNA HIGH COURT पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में बिहार पुलिस को 13 वर्षीय अमेरिकी नाबालिग के यौन शोषण मामले में “सुस्त और

PATNA HIGH COURT ने अमेरिकी नाबालिग के यौन शोषण मामले में राज्य पुलिस को फटकार लगाई 2025 !

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PATNA HIGH COURT पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में बिहार पुलिस को 13 वर्षीय अमेरिकी नाबालिग के यौन शोषण मामले में “सुस्त और उदासीन” रवैये के लिए कड़ी फटकार लगाई।

PATNA HIGH COURT ने अमेरिकी नाबालिग के यौन शोषण मामले में राज्य पुलिस को फटकार लगाई 2025 !

कोर्ट ने कहा कि इस मामले को जिस तरह से संभाला गया, उसने “देश की छवि को धूमिल” किया है, जहां संविधान की प्रस्तावना में न्याय, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संरक्षण प्रदान करने की बात कही गई है।

PATNA HIGH COURT आरोपी के खिलाफ IPC की धाराओं में दर्ज हुआ केस

यह मामला 2018 का है, जब एक नाबालिग लड़की के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी का यौन शोषण किया गया। पीड़िता की मां ने 2018 में एक महिला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने इसे स्वीकार नहीं किया। अंततः, सितंबर 2019 में दरभंगा टाउन पुलिस स्टेशन ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354A, 354D, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया, लेकिन पोक्सो अधिनियम नहीं लगाया गया।

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POCSO कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती

पटना हाईकोर्ट की जस्टिस बिबेक चौधरी की पीठ ने इस मामले में बिहार पुलिस की गंभीर लापरवाही पर चिंता जताई। अदालत ने कहा कि पुलिस ने न केवल मामले की ठीक से जांच करने में कोताही बरती, बल्कि पीड़िता के माता-पिता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को भी नजरअंदाज किया।

कोर्ट ने यह भी पाया कि पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल करते समय आवश्यक साक्ष्यों को इकट्ठा नहीं किया, जिससे अभियोजन पक्ष की दलीलें कमजोर पड़ गईं। पीड़िता की मां ने हाईकोर्ट में एक आपराधिक रिट याचिका दायर कर POCSO कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B के तहत आरोपी द्वारा भेजे गए फेसबुक संदेशों को स्वीकार करने के उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया था।

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एक महीने के भीतर रिपोर्ट जमा करने का कोर्ट का सख्त निर्देश

पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में विशेष न्यायाधीश, POCSO अधिनियम, दरभंगा को निर्देश दिया कि वह एक विशिष्ट तिथि तय करें और याचिकाकर्ता को पहले से सूचित कर अदालत के समक्ष कंप्यूटर डिवाइस पेश करने की अनुमति दें।

इसके अतिरिक्त, अदालत ने आदेश दिया कि एसएचओ की सहायता से एक विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाए, जो अदालत में संदेशों की एक प्रति प्राप्त करे और उसे वैज्ञानिक परीक्षण के लिए भेजे। अदालत ने कहा कि रिपोर्ट एक महीने के भीतर प्रस्तुत की जानी चाहिए और इसमें भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए।

पुलिस की उदासीनता के गंभीर परिणाम

हाईकोर्ट ने पाया कि पुलिस की निष्क्रियता ने पूरे मामले को प्रभावित किया। चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी, दरभंगा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले का संज्ञान नहीं लिया, जिससे पीड़िता के माता-पिता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

हाईकोर्ट ने पहले ही जांच अधिकारी (IO) को निर्देश दिया था कि वह आरोपी का मोबाइल फोन बरामद करे, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) का विश्लेषण करे और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीड़िता का बयान दर्ज करे। हालांकि, जांच अधिकारी इन निर्देशों का पालन करने में विफल रहा।

महत्वपूर्ण साक्ष्य की अनदेखी

पीड़िता के पिता ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B के तहत एक प्रमाण पत्र के साथ एक आवेदन दायर किया, जिसमें आरोपी द्वारा भेजे गए फेसबुक, व्हाट्सएप और टेक्स्ट संदेश शामिल थे। हालांकि, विशेष न्यायाधीश ने इसे इस आधार पर स्वीकार नहीं किया कि मूल डिवाइस अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया था।

इस अस्वीकृति के खिलाफ पीड़िता की मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें तर्क दिया गया कि अभियुक्त द्वारा भेजे गए संदेश इस मामले के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं। अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया कि दरभंगा के विशेष न्यायाधीश, POCSO अधिनियम, याचिकाकर्ता को कंप्यूटर डिवाइस प्रस्तुत करने की अनुमति दें।

बाल यौन शोषण मामलों में लापरवाही से न्याय प्रणाली पर संकट

पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस की निष्क्रियता और अनियमितताओं ने इस गंभीर मामले में न्याय की प्रक्रिया को बाधित किया। अदालत ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया कि वे अपनी जांच में पारदर्शिता और गंभीरता लाएं।

कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में लापरवाही देश की न्यायिक प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती है और पीड़िता को न्याय से वंचित कर सकती है। इसलिए, अदालत ने संबंधित अधिकारियों को इस मामले में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।

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पीड़िता के न्याय की लड़ाई और हाईकोर्ट का हस्तक्षेप

यह मामला न केवल पीड़िता और उसके परिवार के लिए न्याय की लड़ाई का प्रतीक है, बल्कि यह बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। पटना हाईकोर्ट का यह सख्त रुख देश में बाल यौन शोषण के मामलों को अधिक गंभीरता से लेने और न्यायिक प्रक्रिया को निष्पक्ष व प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

केस टाइटल- एंजेला ली हिक्स बनाम बिहार राज्य और अन्य

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'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

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GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

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Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना