PM MODI का गांधीनगर भाषण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन गांधीनगर में एक भव्य जनसभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान, आतंकवाद, विकास और ऐतिहासिक भूलों पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान छद्म युद्ध नहीं, बल्कि पूरी तरह से युद्ध लड़ रहा है और भारत अब आतंकवाद के कांटे को निकालकर ही रहेगा।
PM MODI “हमने पाकिस्तान को तीन बार हराया है”
अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात की जनता को राष्ट्रभक्ति से सराबोर बताया और कहा कि जहां भी वे गए, वहां केसरिया रंग की लहर दिखाई दी, लोगों में मातृभूमि के लिए अपार प्रेम था। इसी भावना को जोड़ते हुए उन्होंने पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भारत ने तीन बार पाकिस्तान को युद्ध में हराया है, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान केवल प्रॉक्सी वॉर नहीं, एक सोची-समझी युद्ध नीति के तहत आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
“अगर उस समय आतंकवादियों को खत्म कर दिया जाता, तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते,” पीएम मोदी ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि 6 मई के बाद मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान, झंडे और सलामी दी गई – जिससे यह साबित होता है कि यह सिर्फ आतंकी हमला नहीं, बल्कि एक घोषित युद्ध है।
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“अब आतंकवाद का अंत तय है”
मोदी ने आतंकवाद को ‘चुभते हुए कांटे’ की संज्ञा दी और कहा, “शरीर कितना भी स्वस्थ हो, अगर एक कांटा चुभा हो तो चैन नहीं आता। अब हमने तय कर लिया है कि उस कांटे को निकालकर ही रहेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने पड़ोसियों का सुख-चैन चाहता है, लेकिन अगर बार-बार हमारी सहनशक्ति को ललकारा गया, तो यह वीरों की भूमि माकूल जवाब देगी।
कश्मीर और सरदार पटेल पर कांग्रेस को घेरा
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ, तभी कश्मीर पर पहला आतंकी हमला हुआ। “मां भारती का एक टुकड़ा पाकिस्तान ने छीन लिया, अगर उस वक्त सरदार पटेल की बात मानी जाती और सेना तब तक नहीं रोकी जाती जब तक पीओके वापस न लिया जाता, तो आज 75 साल से आतंकवाद का दंश नहीं झेलना पड़ता।”
सिंधु जल संधि पर तीखा प्रहार
सिंधु जल संधि की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता को यह जानना जरूरी है कि 1960 की संधि ने देश को किस तरह नुकसान पहुंचाया। “इस संधि के तहत जम्मू-कश्मीर के बांधों की गाद साफ नहीं की जा सकती थी। 60 साल तक गेट बंद रखे गए और जलाशय 100% की जगह 2-3% क्षमता पर ही सीमित रह गए। अब हमने जब सफाई शुरू की, तो पाकिस्तान में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।”
गुजरात की तरक्की पर गर्व
पीएम मोदी ने गुजरात की तुलना अतीत और वर्तमान में करते हुए कहा, “जहां कभी सिर्फ नमक था, वहां आज हीरे चमकते हैं। यह योजनाबद्ध विकास और जनभागीदारी की ताकत है।”
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भारत की आर्थिक छलांग – दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
अपने प्रधानमंत्री बनने के 11 वर्षों के सफर को याद करते हुए मोदी ने कहा, “2014 में जब मैंने शपथ ली थी, भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान पर थी। हमने महामारी, प्राकृतिक आपदाएं, सीमा संकट – सब झेलते हुए आज भारत को चौथे नंबर पर पहुंचा दिया। अब देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब धैर्य नहीं, निर्णायक कदमों की राह पर है। “हम 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे और आज़ादी के 100 साल दुनिया को गर्व से बताएंगे।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ – भारत की सामूहिक जिम्मेदारी
अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की चर्चा की और इसे 140 करोड़ देशवासियों की जिम्मेदारी बताया। “सिंदूरिया सागर की गर्जना को दुनिया सुन रही है। यह ऑपरेशन सिर्फ सैन्यबल से नहीं, जनबल से भी जीता जाएगा। हमें देश को बनाना और बचाना है।”
आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का संकल्प
पीएम मोदी का गांधीनगर भाषण केवल एक चुनावी संबोधन नहीं था, बल्कि पाकिस्तान, आतंकवाद, ऐतिहासिक गलतियों और भारत के आर्थिक भविष्य पर केंद्रित एक स्पष्ट विज़न था। उन्होंने जहां एक ओर कांग्रेस की ऐतिहासिक भूलों को उजागर किया, वहीं भारत की आर्थिक प्रगति और सुरक्षा नीति को स्पष्ट दिशा देने का संकल्प भी दोहराया।