PUNJAB AND HARYANA HIGH COURT: CET के दौरान दाखिल OBC प्रमाण पत्र वैध 2025 !

Photo of author

By headlineslivenews.com

Spread the love

PUNJAB AND HARYANA HIGH COURT: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) चयन प्रक्रिया के दूसरे चरण में पिछड़ा वर्ग (BC) का ताजातरीन प्रमाण पत्र नहीं मांग सकता है, जब कि यह प्रमाण पत्र पहले ही सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) के समय दाखिल किया जा चुका हो।

PUNJAB AND HARYANA HIGH COURT: CET के दौरान दाखिल OBC प्रमाण पत्र वैध 2025 !

यह निर्णय उन उम्मीदवारों द्वारा दायर की गई याचिकाओं के आधार पर आया, जिन्होंने 1 अप्रैल 2023 से पहले जारी किए गए OBC प्रमाण पत्र के आधार पर भर्ती प्रक्रिया में भाग लिया था, लेकिन बाद में उनकी उम्मीदवारी को खारिज कर दिया गया क्योंकि HSSC ने दूसरे चरण में ताजे प्रमाण पत्र की मांग की।

PUNJAB AND HARYANA HIGH COURT: भर्ती प्रक्रिया और दस्तावेज़ की कट-ऑफ तिथि

न्यायालय ने कहा कि अगर भर्ती विज्ञापन में दस्तावेज़ों को जमा करने के लिए कोई विशेष कट-ऑफ तिथि नहीं दी गई है, तो आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि ही कट-ऑफ तिथि मानी जाएगी। इस मामले में, दस्तावेज़ अपलोड करने के लिए निर्धारित कट-ऑफ तिथि आवेदन दाखिल करने की अंतिम तिथि थी, और इसका OBC प्रमाण पत्र की तिथि से कोई संबंध नहीं था। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी उम्मीदवार ने CET के समय BC-A या BC-B प्रमाण पत्र दाखिल किया था, तो वह प्रमाण पत्र भर्ती प्रक्रिया के सभी चरणों में वैध माना जाएगा।

इसलिए, HSSC को यह अधिकार नहीं था कि वह चयन प्रक्रिया के दूसरे चरण में ताजा OBC प्रमाण पत्र की मांग करता। तीन वित्तीय वर्षों तक चले इस CET के दौरान प्रस्तुत किए गए BC प्रमाण पत्र को वैध माना गया। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी उम्मीदवार को केवल इसलिए BC श्रेणी से सामान्य श्रेणी में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता कि उसने 1 अप्रैल 2023 से पहले जारी OBC प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।

Historic Judgment of Jodhpur Bench: POCSO मामले में आरोपी को बरी करने का राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला 2025 !

RAJASTHAN COURT VERDICT: हाईकोर्ट ने पिता के आपराधिक मामले में धन ट्रांसफर पर बेटी के खिलाफ दर्ज FIR रद्द की 2025 !

RAJASTHAN HIGH COURT ORDER: मृतक कर्मचारी के खिलाफ आरोपों का प्रतिवाद नहीं किया जा सकता 2025 !

उम्मीदवारों का असंतोष और गलतफहमी

उम्मीदवारों ने तर्क दिया कि उन्होंने CET के समय वैध जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, जो परिवार पहचान पत्र (PPP) प्रणाली से जुड़ा हुआ था। इसके बाद HSSC ने यह नया नियम लाया कि केवल 1 अप्रैल 2023 के बाद जारी प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे। इस बदलाव की जानकारी न होने के कारण कई उम्मीदवारों को बाद में अयोग्य घोषित कर दिया गया। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि यह मामला प्रमाण पत्र के अपलोड न किए जाने का नहीं था, बल्कि प्रमाण पत्र की वर्ष तिथि को लेकर था।

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि भर्ती विज्ञापन में प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कोई विशिष्ट कट-ऑफ तिथि नहीं दी गई थी और जाति की स्थिति स्थायी थी, जो कि क्रीमी लेयर मानदंडों के विपरीत था, जो वित्तीय स्थितियों के आधार पर वार्षिक रूप से बदलती रहती हैं।

Headlines Live News

अदालत की टिप्पणी और गलत संचार का मुद्दा

कोर्ट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि याचिकाओं के माध्यम से हजार से अधिक उम्मीदवारों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जो यह दर्शाता है कि उम्मीदवारों के बीच गलत संचार या मार्गदर्शन की कमी थी। न्यायालय ने यह कहा कि एक या कुछ उम्मीदवारों की ओर से गलती हो सकती है, लेकिन जब बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने यही गलती की, तो यह गलत संचार का परिणाम हो सकता है।

कोर्ट ने कहा कि केवल कुछ गलतफहमी के कारण अधिक योग्य उम्मीदवारों को पद से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। जिन उम्मीदवारों ने सही तरीके से प्रक्रिया का पालन किया, उन्हें कम योग्य उम्मीदवारों से स्थानांतरित करके उनकी उम्मीदवारी को रद्द करना जनहित में नहीं था। इससे यह भी साबित हुआ कि भर्ती प्रक्रिया में स्पष्टता की कमी थी, जिसके कारण योग्य उम्मीदवारों का चयन प्रभावित हुआ।

भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और न्यायपूर्ण बनाने की आवश्यकता

कोर्ट ने कट-ऑफ तिथि को लेकर जारी की गई अधिसूचना को रद्द कर दिया और कहा, “स्पष्टता के लिए और उम्मीदवारों के हितों के प्रति पूर्वाग्रह के बिना, प्रतिवादी संदेह को दूर कर सकता था या मामूली सुधार कर सकता था।” कोर्ट ने यह भी कहा कि उम्मीदवारों को सिर्फ प्रक्रियागत गलतियों या संचार की कमी के कारण उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

इस निर्णय में न्यायालय ने यह सुनिश्चित किया कि उम्मीदवारों के हितों की रक्षा की जाए और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी, न्यायपूर्ण और सभी के लिए समान बनाया जाए। इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया कि चयन प्रक्रिया में यदि कोई बदलाव होता है तो उम्मीदवारों को उचित सूचना दी जानी चाहिए, ताकि वे नए नियमों से अवगत हो सकें और उनके अधिकारों का उल्लंघन न हो।

मान्यता प्राप्त प्रक्रिया के तहत आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का अधिकार

न्यायालय ने यह भी कहा कि यह जनहित में था कि सबसे योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाए और जो उम्मीदवार मान्यता प्राप्त प्रक्रिया के तहत आवेदन करते हैं, उन्हें केवल प्रमाण पत्र की तिथि में बदलाव के कारण अयोग्य घोषित नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के तर्क को खारिज कर दिया कि उन्हें बिना किसी कट-ऑफ तिथि के प्रमाण पत्र दाखिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि प्रतिवादी ने आवेदन की अंतिम तिथि के बाद विज्ञापन में बदलाव किया था।

Headlines Live News

उम्मीदवारों को उचित सूचना देने की अनिवार्यता

इस मामले का नाम नवीन और अन्य बनाम हरियाणा राज्य और अन्य रखा गया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि भर्ती प्रक्रियाओं में अधिक पारदर्शिता और स्पष्टता हो। यह निर्णय न केवल उम्मीदवारों के अधिकारों की रक्षा करता है बल्कि भविष्य की भर्ती प्रक्रियाओं के लिए एक मिसाल भी प्रस्तुत करता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि नियमों में बदलाव के कारण उम्मीदवारों को अनुचित तरीके से अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा, खासकर जब नियमों की स्पष्टता की कमी हो या जब किसी नियम में बदलाव हो।

यह फैसला स्पष्ट करता है कि भर्ती निकायों को नियमों में किसी भी संशोधन के समय उचित सूचना देनी चाहिए ताकि उम्मीदवारों को गलत जानकारी के कारण नुकसान न हो।

केस टाइटल: नवीन और अन्य बनाम हरियाणा राज्य और अन्य

PUNJAB AND HARYANA HIGH COURT: CET के दौरान दाखिल OBC प्रमाण पत्र वैध 2025 !

गिफ्ट डीड क्या होती है | gift deed for property transfer | kanoon ki baat | advocate rishipal singh


Spread the love
Sharing This Post:

Leave a comment

PINK MOON 2025 सरकार ने पूरी की तैयारी 2025 विश्व गौरैया दिवस: घरों को अपनी चहचहाहट से भरती है गौरैया, हो चुकी लुप्त स्पेस में खुद का युरीन पीते हैं एस्ट्रोनॉट्स! इस क्रिकेटर का होने जा रहा है तालाक!