Section 497: अपराध से जुड़ी संपत्ति की सुरक्षा और निपटान की कानूनी व्यवस्था

Section 497: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 497 उस समय लागू होती है जब किसी अपराध से जुड़ी संपत्ति को न्यायालय

Section 497

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Section 497: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 497 उस समय लागू होती है जब किसी अपराध से जुड़ी संपत्ति को न्यायालय के सामने पेश किया जाता है।

Section 497

Section 497 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसी संपत्ति को सुरक्षित तरीके से संभाला जाए, उसका सही रिकॉर्ड रखा जाए और उचित समय पर उसका निपटान (Dispose) कर दिया जाए। यह नियम विशेष रूप से जल्दी खराब हो सकने वाली चीजों जैसे फल, सब्जी, दूध आदि पर ध्यान देता है।

1. क्या कहती है Section 497 की उपधारा

अगर कोई संपत्ति किसी आपराधिक मामले में किसी कोर्ट या मजिस्ट्रेट के सामने पेश की जाती है, तो कोर्ट यह आदेश दे सकता है कि उस संपत्ति को कैसे संभालना है। यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक केस की जांच, पूछताछ या सुनवाई पूरी न हो जाए।

अगर वह संपत्ति जल्दी खराब हो सकती है, तो कोर्ट साक्ष्य (जैसे फोटो या वीडियो) लेने के बाद उस चीज को बेचने या अन्य किसी तरीके से निपटाने का आदेश दे सकता है।

उदाहरण:

अगर किसी चोरी के केस में चोर से सेब, केले या दूध बरामद हुआ है, तो कोर्ट आदेश दे सकता है कि इन चीजों की तस्वीरें लेकर उन्हें बेच दिया जाए ताकि वे खराब न हों।

2. उपधारा (2):

14 दिनों में विवरण बनाना जरूरी जब कोई संपत्ति कोर्ट के सामने पेश की जाती है, तो 14 दिनों के अंदर उसका एक पूरा विवरण तैयार करना अनिवार्य है। यह विवरण राज्य सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार बनाना होगा।

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विवरण में क्या होगा:

  • संपत्ति का नाम
  • उसका आकार, रंग, नंबर (जैसे मोबाइल का IMEI नंबर)
  • वह किस हाल में मिली
  • कहां से बरामद हुई

उदाहरण:

किसी अपराध स्थल से मोबाइल फोन जब्त किया गया है, तो उसका ब्रांड, मॉडल नंबर, रंग और IMEI नंबर आदि लिखकर फाइल में दर्ज किया जाएगा।

3. उपधारा (3):

फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी जरूरी कोर्ट को यह सुनिश्चित करना होता है कि जो संपत्ति पेश की गई है, उसकी फोटो खींची जाए और अगर जरूरी हो तो उसका वीडियो भी बनाया जाए। इससे यह फायदा होता है कि अगर भविष्य में वह संपत्ति नष्ट हो जाए तो उसके प्रमाण कोर्ट के पास मौजूद हों।

उदाहरण: अगर पुलिस एक बंदूक जब्त करती है और बाद में उसे नष्ट कर देती है, तो उसकी फोटो और वीडियो अदालत में सबूत के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

4. उपधारा (4):

फोटो और वीडियो को सबूत मान्यता जो फोटो और वीडियो लिए गए हैं, उन्हें कोर्ट में सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर असली संपत्ति किसी कारण से उपलब्ध नहीं है, तो उसकी तस्वीर या वीडियो ही काफी होंगे।

उदाहरण: अगर कोर्ट में पेश की गई चोरी की गई बाइक नष्ट हो जाती है, तो उसकी तस्वीर के आधार पर भी केस को आगे बढ़ाया जा सकता है।

5. उपधारा (5):

30 दिनों में निपटान का आदेश जरूरी जब संपत्ति का विवरण तैयार कर लिया गया हो और उसका फोटो या वीडियो बना लिया गया हो, तो कोर्ट को 30 दिनों के भीतर यह तय करना होता है कि उस संपत्ति का क्या किया जाए।

निपटान के तरीके:

  • संपत्ति को नष्ट करना
  • उसे जब्त करना (सरकार के पास रखना)
  • उसे असली मालिक को लौटा देना

उदाहरण:

  • चोरी की गई बाइक अगर मालिक साबित कर दे कि वह उसकी है, तो कोर्ट उसे लौटा सकता है।
  • अगर अवैध हथियार पकड़ा गया है, तो कोर्ट उसे नष्ट करने का आदेश दे सकता है।

Section 497 में “संपत्ति” का मतलब क्या है?

  1. वह चीज़ जो कोर्ट में पेश की गई हो या कोर्ट की हिरासत में हो।
  2. वह चीज़ जिससे अपराध किया गया हो या जो अपराध से जुड़ी हो।

उदाहरण: कोई कार जो ड्रग्स की तस्करी में इस्तेमाल हुई हो, वह इस धारा के अंतर्गत आती है।

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नाशवान संपत्तियों के शीघ्र निपटान की व्यवस्था

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कीSection 497अदालत में पेश की गई संपत्ति को सही तरीके से संभालने और समय पर उसका निपटान करने की व्यवस्था करती है। इसमें साक्ष्य के तौर पर फोटो और वीडियो को मान्यता दी गई है जो आज के डिजिटल युग के अनुसार एक जरूरी और आधुनिक कदम है। यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि न तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो और न ही न्याय में देर हो।

इस तरह,Section 497 एक ऐसी व्यवस्था है जो न्यायिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, तकनीकी रूप से सक्षम और समयबद्ध बनाती है।

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DIGITAL INDIA की सुविधा: अब नहीं होगी RC गुम होने की टेंशन, जानिए आसान डिजिटल तरीका 2025 !

DIGITAL INDIA: अगर आपकी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) खो गई है या आप उसे साथ

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DIGITAL INDIA: अगर आपकी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) खो गई है या आप उसे साथ ले जाना भूल गए हैं, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

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अब भारत सरकार की ओर से लॉन्च किए गए DigiLocker और mParivahan जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद से आप अपनी RC को मोबाइल फोन से ही डाउनलोड कर सकते हैं। यह डिजिटल डॉक्यूमेंट कानूनी रूप से मान्य होता है और ट्रैफिक पुलिस या किसी भी सरकारी जांच एजेंसी द्वारा इसे स्वीकार किया जाता है।

क्या है RC और क्यों है जरूरी?

DIGITAL INDIA: RC यानी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वह दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि वाहन कानूनी रूप से रजिस्टर्ड है और किस व्यक्ति के नाम पर है। जब आप कोई नई गाड़ी खरीदते हैं, चाहे वह दोपहिया हो या चारपहिया, तो RTO द्वारा जारी की गई RC आपके नाम पर दी जाती है। इसमें वाहन की रजिस्ट्रेशन संख्या, इंजन नंबर, चेसिस नंबर और मालिक की जानकारी जैसे विवरण होते हैं।

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RC की जरूरत तब पड़ती है जब:

  • आप ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोके जाते हैं
  • गाड़ी बेचनी हो
  • इंश्योरेंस क्लेम करना हो
  • वाहन के लोन या ट्रांसफर की प्रक्रिया करनी हो
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RC खो गई? ऐसे करें ऑनलाइन डाउनलोड

DIGITAL INDIA अगर आपकी RC गुम हो गई है तो आप उसे घर बैठे ही दो तरीके से डाउनलोड कर सकते हैं — पहला Vahan Portal के जरिए और दूसरा DigiLocker App के जरिए।

1. Vahan Portal से RC डाउनलोड करने की प्रक्रिया:
  1. सबसे पहले Vahan Parivahan वेबसाइट पर जाएं।
  2. “Online Services” टैब पर क्लिक करें और “Vehicle Related Services” को चुनें।
  3. अब अपने राज्य का चयन करें।
  4. अगली स्क्रीन पर आपसे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और OTP मांगा जाएगा, उसे दर्ज करें।
  5. लॉग इन करने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर डालना होगा।
  6. इसके बाद ‘Download Document’ या ‘RC Print’ जैसा विकल्प चुनें।
  7. कुछ ही सेकंड में आपकी डिजिटल RC स्क्रीन पर दिखाई दे जाएगी, जिसे आप डाउनलोड या प्रिंट कर सकते हैं।
2. DigiLocker से RC डाउनलोड करने का तरीका:
  1. DigiLocker ऐप या वेबसाइट पर जाएं।
  2. अपने आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर से लॉगिन करें।
  3. ‘Issued Documents’ सेक्शन में जाएं और ‘Ministry of Road Transport and Highways’ को सिलेक्ट करें।
  4. अब ‘Registration Certificate’ पर क्लिक करें।
  5. अपने वाहन की डिटेल्स (जैसे रजिस्ट्रेशन नंबर) भरें।
  6. ध्यान रखें कि आधार पर जो नाम है, वही RC पर भी होना चाहिए, तभी डॉक्यूमेंट लिंक हो पाएगा।
  7. डॉक्यूमेंट आपके अकाउंट में सेव हो जाएगा, जिसे आप कभी भी देख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर प्रेजेंट कर सकते हैं।

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क्या डिजिटल RC मान्य है?

जी हां, भारत सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि DigiLocker या mParivahan से डाउनलोड की गई डिजिटल आरसी पूरी तरह से वैध है। आप चाहे किसी भी राज्य में हों, यह डॉक्यूमेंट सभी सरकारी अधिकारियों और ट्रैफिक पुलिस द्वारा स्वीकार किया जाएगा। फिजिकल कॉपी साथ न होने की स्थिति में डिजिटल डॉक्यूमेंट दिखाना पर्याप्त है।

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DIGITAL INDIA अब ऑनलाइन पाए मिनटों में समाधान

DIGITAL INDIA की पहल के तहत अब वाहन संबंधित दस्तावेजों को ऑनलाइन एक्सेस करना बेहद आसान हो गया है। RC जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज को गुम हो जाने पर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बस अपने मोबाइल से कुछ स्टेप्स फॉलो करें और कुछ ही मिनटों में कानूनी रूप से मान्य RC प्राप्त करें। यह सुविधा ना केवल समय बचाती है, बल्कि आपको कागजी दस्तावेजों को साथ रखने की झंझट से भी छुटकारा देती है।