SLDC बना हैकर्स का टारगेट: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के इस दौर में भारत की महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं (critical infrastructure) को साइबर हमलों का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे ताजा मामला मध्य प्रदेश का है, जहां राज्य की बिजली आपूर्ति व्यवस्था का नियंत्रण करने वाली संस्था – स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDC) – लगातार साइबर हमलों के निशाने पर है। हर दिन विदेशी IP से 100 से 150 बार सेंटर के सिस्टम में घुसने की कोशिश की जा रही है। कंपनी की सुरक्षा प्रणाली फिलहाल इन हमलों को सफल नहीं होने दे रही है, लेकिन लगातार हो रहे हमलों ने खतरे की घंटी बजा दी है।
SLDC बना हैकर्स का टारगेट: क्या है स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDC)?
SLDC मध्य प्रदेश की विद्युत व्यवस्था की रीढ़ है। यह संस्था पूरे राज्य में बिजली आपूर्ति का नियमन और समन्वय करती है। SLDC ग्रिड के माध्यम से बिजली उत्पादन इकाइयों से लेकर वितरण कंपनियों तक आपूर्ति को नियंत्रित करता है। ऐसे में अगर इस संस्था के सिस्टम में कोई सेंध लगती है, तो पूरे प्रदेश की बिजली सप्लाई ठप हो सकती है। इससे सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी बड़ा संकट पैदा हो सकता है।
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कैसे हो रहे हैं ये साइबर अटैक?
जानकारियों के अनुसार, ये हमले विदेशी IP एड्रेस से किए जा रहे हैं। जांच एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान, चीन और अन्य कुछ देशों से इन हमलों की कोशिशें हो रही हैं। हमलावर SLDC के नेटवर्क में घुसकर उसे पंगु बनाना चाहते हैं, ताकि बिजली आपूर्ति प्रभावित हो और प्रदेश में अफरा-तफरी मच जाए।
हर दिन करीब 150 बार सिस्टम में लॉगिन या डेटा एक्सेस की कोशिश की जाती है, लेकिन कंपनी की सुरक्षा प्रणाली — विशेषकर फायरवॉल — इन प्रयासों को नाकाम कर रही है। यह फायरवॉल सिस्टम हर संदिग्ध लॉगिन, बग, वायरस और अनजान नेटवर्क को ब्लॉक कर देता है।
पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव के बाद बढ़े हमले
बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव के बाद इन साइबर अटैक्स की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। पहले जहां दिन में केवल दो से चार अटैक आते थे, अब यह संख्या 100 से ऊपर जा चुकी है। ये हमले सिर्फ SLDC पर नहीं, बल्कि बिजली वितरण प्रणाली के अन्य सर्वर और नेटवर्क पर भी किए जा रहे हैं।
कंपनी ने क्या सुरक्षा उपाय किए हैं?
SLDC ने पहले से ही साइबर सुरक्षा के कई स्तरों पर इंतज़ाम कर रखे हैं। सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर राजेश गुप्ता ने बताया कि कंपनी के पास एक मजबूत IT सुरक्षा ढांचा है जिसमें:
- मल्टी लेयर फायरवॉल सिस्टम
- एडवांस्ड नेटवर्क मॉनिटरिंग टूल्स
- ऑटोमेटेड बग डिटेक्शन सिस्टम
- एक्सपर्ट साइबर सिक्योरिटी टीम
शामिल हैं। इन प्रयासों की वजह से अब तक सभी साइबर अटैक नाकाम रहे हैं।
पिछले अटैक्स और चीन से जुड़े लिंक
यह पहली बार नहीं है जब SLDC पर साइबर अटैक हुआ हो। इससे पहले भी 2021 और 2023 में इसी तरह के हमले हुए थे, जिनमें चीन और उत्तर कोरिया से जुड़े हैकिंग ग्रुप्स का नाम सामने आया था। इन हमलों का मकसद सिर्फ डेटा चोरी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम को ब्लैकआउट करना था।
जांच एजेंसियों को अब तक के साइबर ट्रैफिक में कुछ IP एड्रेस चीन, पाकिस्तान और रूस से जुड़े पाए गए हैं। ये एड्रेस CERT-In (Computer Emergency Response Team – India) और अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सौंपे जा चुके हैं।
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सरकारी सतर्कता और दिशा-निर्देश
मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि किसी भी संदिग्ध बग या ईमेल पर तुरंत रिपोर्ट करें और सिस्टम को अपडेट रखें। केंद्र सरकार की ओर से भी बिजली कंपनियों को सतर्कता बरतने के आदेश मिले हैं।
क्या हो सकता है सबसे बड़ा खतरा?
अगर ये साइबर हमले कभी सफल हो जाते हैं, तो पूरे प्रदेश की बिजली आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। इससे:
- अस्पतालों की सेवाएं बाधित हो सकती हैं
- जल आपूर्ति प्रणाली ठप हो सकती है
- ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम काम नहीं करेगा
- बैंकिंग और सरकारी सेवाएं रुक सकती हैं
यानि, सिर्फ SLDC नहीं बल्कि एक राज्य की व्यवस्था पूरी तरह पंगु हो सकती है।
कैसे बचा जा सकता है ऐसे साइबर अटैक्स से?
सरकार और कंपनियों को तो हाई लेवल सुरक्षा अपनानी ही चाहिए, लेकिन आम नागरिक भी कुछ सामान्य उपायों से साइबर हमलों से बच सकते हैं:
- मजबूत पासवर्ड: नाम, जन्मतिथि या ‘123456’ जैसे पासवर्ड से बचें। एक मजबूत पासवर्ड बनाएं जिसमें अक्षर, अंक और विशेष चिन्ह हों।
- सॉफ्टवेयर अपडेट करें: मोबाइल और कंप्यूटर में सभी ऐप्स और OS को समय पर अपडेट रखें।
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें: कोई भी अज्ञात मेल, लिंक या अटैचमेंट खोलने से पहले दो बार सोचें।
- VPN और फ़ायरवॉल का प्रयोग करें: अपने इंटरनेट कनेक्शन को सुरक्षित रखें।
- एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें: नियमित स्कैन और सुरक्षा अपडेट जरूरी है।
राज्य की डिजिटल ढाल और मजबूत
मध्य प्रदेश सरकार ने CERT-In, NCIIPC और IB जैसी राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर संयुक्त रणनीति तैयार की है ताकि भविष्य में किसी भी संभावित साइबर ब्लैकआउट को रोका जा सके। कंपनी ने कहा है कि वे लगातार निगरानी कर रहे हैं और सुरक्षा बढ़ाई जा रही है।
SLDC बना साइबर युद्ध का पहला मोर्चा
मध्य प्रदेश की बिजली कंपनी पर हो रहे ये साइबर हमले इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि भविष्य में युद्ध केवल बॉर्डर पर नहीं, बल्कि सर्वर और स्क्रीन पर भी लड़े जाएंगे। डिजिटल सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बन गई है। SLDC की सतर्कता और IT टीम की तैयारी ने अभी तक सभी हमलों को नाकाम किया है, लेकिन यह एक स्थायी जंग है। भारत को इन डिजिटल स्ट्राइक से लड़ने के लिए तकनीकी और रणनीतिक दोनों मोर्चों पर और मजबूत होना होगा।