SUNITA WILLIAMS 19 MARCH: करीब 9 महीनों बाद भारत के साथ तमाम दुनिया का इंतज़ार खत्म हुआ, जो भारत की बेटी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स के धरती पर वापिस आने की राह देख रहें थें. ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत, अपने घर आने का न्योता दिया है. पर इतने दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद सुनीता विलियम्स की तबीयत कैसी है. आइए जानते हैं पूरी खबर.
सुनीता विलियम्स, ये उन महिला का नाम है, जो आज भारत का गर्व है. वह अब तक की सबसे अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने वाली एकमात्र महीला बनीं. जिन्होंने अंतरिक्ष में करीब 4 बार यानी सबसे ज्यादा यात्रा की है. साथ ही, वे सबसे अधिक समय तक अंतरिक्ष में काम करने वाली महिला भी बनीं, जिन्होंने 50 घंटों से भी ऊपर अंतरिक्ष में काम किया. साथ ही वे अब अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय (9 महीने) गुज़ारने वाली भी एकमात्र महिला बनीं. जो अब तक की सबसे बड़ी अचीवमेंट है. यू ही नहीं उनको भारत का गर्व कहा जाता है.
SUNITA WILLIAMS 19 MARCH: क्यों फ़सी अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स?
भारतीय मूल और नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथ मौजूद अन्य एस्ट्रोनॉट्स ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए 5 जून 2024 को उड़ान भरी थी. हालांकि एस्ट्रोनॉट्स का ये स्पेस टूर महज़ एक हफ्ते के लिया. लेकिन इंटरनेशन स्पेस स्टेशन यानी ISS में तकनीकी खराबी आने के कारण एस्ट्रोनॉट सुनीता और उनके साथियों के लिए धरती पर सुरक्षित पहुंचना काफ़ी मुश्किल हो गया. भारत के साथ समस्त देशों के लोग एस्ट्रोनॉट्स के सही-सलामत धरती पर वापस आने के लिए प्रार्थना कर रहें थें. जहां एक तरफ सुनीता के लिए भारत के साथ अन्य देशों के लोग भी मंदिरों में उनके सही-सलामत वापिस आने की मन्नत मांग रहें थें. तो वहीं दूसरी तरफ अन्य एस्ट्रोनॉट्स के लिए चर्च में दुआ मांगी जा रही थी. लेकिन नासा और एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की संयुक्त कोशिश के कारण सुनिता विलियम्स और बुच विलमोर को धरती पर सही-सलामत लैंड कराना संभव हो पाया.
SUNITA WILLIAMS 19 MARCH: सुनीता विलियम्स को सही-सलामत धरती पर वापिस लाना कैसे हुआ संभव?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की एस्ट्रोनॉट और भारत की बहादुर बेटी सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर तकनीकी खराबी आने के कारण इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में करीब 9 महीनों तक फंसे रहें. लेकिन दोनों ही एस्ट्रोनॉट्स ने भारत के समय अनुसार बुधवार यानी 19 मार्च को सुबह 3:30 बजे फ्लोरिडा के समंदर में सफ़लतापूर्व लैंड किया. एस्ट्रोनॉट्स को सही-सलामत वापिस लाने के लिए दूसरे स्पेस शटल यानी क्रू-10 ने क्रू-9 मिशन को रिप्लेस किया. जिसमें 4 नए अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए. क्रू-10 मिशन के लॉन्च होने के कुछ घंटों बाद ही एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का कैप्सूल फ्लोरिडा के समंदर में लैंड हुआ. जिसके करीब एक घंटे पर एस्ट्रोनॉट्स को कैप्सूल से बाहर निकाला गया.
SUNITA WILLIAMS 19 MARCH: एस्ट्रोनॉट्स का होगा हेल्द चेकअप-
ये बात तो लाज़मी है कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से महीनों दूर रहने के बाद एस्ट्रोनॉट्स के शरीर को पृथ्वी के वातावरण को झेलने में समय लगेगा. स्पेसएक्स की टीम ने एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को रिकवरी व्हील के ज़रिए बाहर निकाला. इसके बाद दोनों को हेल्द चेकअप के लिए ले जाया गया. लंबे समय तक स्पेस के गुरुत्वाकर्षण में रहने के कारण एस्ट्रोनॉट्स की मांसपेशियों और हड्डियां कमज़ोर हो गई. डॉक्टरों की टीम एस्ट्रोनॉट्स के ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, आंखों की रौशनी समेत संपूर्ण स्वास्थ्य जांच करेगी. इसके अलावा उनका मेंटल हेल्थ भी चेक किया जाएगा और तब तक उन्हें किसी से भी मिलने की अनुमति नहीं होगी.
SUNITA WILLIAMS 19 MARCH: सुनीता विलियम्स को प्रधानमंत्री का न्योता-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासा एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स को भारत आने का न्योता दिया है. साथ ही, प्रधानमंत्री ने सुनीता विलियम्स की पृथ्वी वापसी के लिए अपनी खुशी व्यक्त की है और उनसे मिलने की इच्छा ज़ाया की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी लिखा कि 1.4 अरब भारतीयों को विलियम्स की उपलब्धियों पर हमेशा गर्व रहा है. यकीनन सुनीता विलियम्स तमाम महिलाओं के लिए एक इंस्पिरेशन हैं.
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