नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स 9 महीनों का सफ़र गुज़ारने के बाद पृथ्वी पर वापस आ चुके हैं.
पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से दूर रहने के कारण अक्सर
एस्ट्रोनॉट्स
को बिमारियों का सामना करना पड़ता है.
अंतरिक्ष में रहने से एस्ट्रोनॉट्स की हड्डियां हर महीने लगभग 1% कम होने लगती हैं.
यात्रियों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और हड्डियों में कैल्शियम की कमी होती चली जाती है.
महीनों अंतरिक्ष में गुज़ारने से एस्ट्रोनॉट्स की किडनी में पथरी का खतरा बना रहता है.
शरीर की 50 फीसदी तक लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं. जिससे शरीर में खून की कमी बढ़ने लगती है.
खून की कमी होने से ऑक्सीज़न सही मात्रा में शरीर तक नहीं पहुंच पाती. इसे स्पेस एनीमिया कहा जाता है.
एस्ट्रोनॉट्स को अपने शारीरिक संतुलन को दुबारा कायम करने में काफी तकलीफें आती हैं.