WORLD SPARROW DAY 20 MAR: गौरैया चिड़िया की गिरती संख्या पर चिंता जताने के लिए हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है.
माना जाता है कि दुनियाभर में गौरैया की करीब 26 प्रजातियां हैं. जिसमें सबसे आम प्रजाति “हाउस स्पैरो” (House Sparrow) मानी जाती है. लेकिन इनकी संख्या दिन पर दिन गिरती चली जा रही है. शहरों में से तो मानों इनका नामोनिशान ही खत्म हो गया. गौरैया दिवस की शुरुआत स्पैरो मैन के थ्रू हुई है. तो आइए जानते हैं, कौन है ये स्पेरो मैन.
WORLD SPARROW DAY 20 MAR: कौन है हाउस स्पैरो?
हाउस स्पैरो, ज्यादातर इंसानों के करीब रहना पसंद करती है. आमतौर पर इनका वजन सिर्फ 25-30 ग्राम होता है लेकिन ये एक दिन में अपने वजन के बराबर भोजन खा सकती हैं. ये चिड़िया झुंड में चलती है, क्योंकि इसे अकेले रहना पसंद नहीं. अक्सर ये अपने झुंड के साथ चहचहाती हुई और एक-दूसरे से बात करते हुए नजर आती हैं. गौरैया अपने घोंसले बनाने में काफी माहिर होती है. इसके अलावा माना जाता है कि ये चिड़ियां लगभग 24 से 34 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती हैं.
WORLD SPARROW DAY 20 MAR: कौन थे स्पैरो मैन ऑफ इंडिया-
2010, ये वो साल था जब भारत के एक पर्यावरणविद् मोहम्मद दिलावर ने दुनियाभर के लिए विश्व गौरैया दिवस की नींव रखी थी. इसके अलावा गौरैया के संरक्षण के लिए उन्होंने नेचर फॉरएवर सोसाइटी (Nature Forever Society) की स्थापना भी की. सबसे पहली बार विश्व गौरैया दिवस, 20 मार्च 2010 में भारत में मनाया गया था. जिसके बाद ये दिवस विश्वभर में प्रसिद्ध हो गया. इस सॉसाइटी को आगे चलकर यूरोपियन बर्डवॉचिंग सोसाइटी और अन्य पर्यावरण समूहों जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का समर्थन मिला. इसलिए तब से हर साल 20 मार्च को दुनिया भर में लोग गौरैया संरक्षण के जागरूकता कार्यक्रम, घोंसला निर्माण और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों को चलाने के लिए मनाया जाता है. यही कारण है कि पर्यावरणविद् मोहम्मद दिलावर को “स्पैरो मैन ऑफ इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है.
WORLD SPARROW DAY 20 MAR: मध्यप्रदेश के सीएम ने की संरक्षण की अपील-
विश्व गौरैया दिवस के शुभ अवसर पर मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुभकामनाएं देते हुए इसे संरक्षित करने के प्रयास का आह्वान किया है. देखा जाए तो, कभी गौरैया चिड़िया हमारी इतनी अपनी हुआ करती थी, कि जब मन चाहे, मुंडेर पर आकर बैठ जाती थी. उसकी बोली सी गलियां और घर चहचहाहट से गुंजते रहते थें. लोग भी उसके लिए दाना-पानी रखते थे. लेकिन अब ये ही चिड़िया दूर-दूर तक नज़र नहीं आती. खासतौर से शहरों में. इन्हीं पलों को याद करते हुए मध्यप्रदेश के सीएम का कहना है कि घर-आंगन में चहकाने वाली गौरैया का संरक्षण हमारा दायित्व है. घरों में गौरैया के लिए घोंसला बनाना, दाना-पानी रखना, एक पुण्य कार्य है. पर्यावरण के असंतुलित होने के कारण मासूम जीवों का अस्तित्व खत्म होते जा रहा है, तो आइए इसके लिए हम सभी प्रयास का संकल्प लें.
WORLD SPARROW DAY 20 MAR: उद्देश्य गौरैया के संरक्षण का.
‘विश्व गौरैया दिवस’ का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संतुलन में गौरैया की भूमिका के बारे में बताना और इसे बचाने के लिए प्रेरित करना है. गौरैया पर्यावरण को सुंतलित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है. जो कीट को नियंत्रित रखने में मदद करती है और बीज फैलाकर प्रकृति को हरा-भरा रखने में अहम योगदान देती है. लेकिन आज के दौर में बढ़ते शहरीकरण और प्रदूषण के साथ इनके घोंसलों की कमी ने इन्हें लुप्त कर दिया है. विश्व गौरैया दिवस हमें याद दिलाता है कि अगर हमने इस छोटी चिड़िया को नहीं बचाया तो प्रकृति का संतुलन बिगड़ सकता है.
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