World Sparrow Day 2024 – लुप्त होती विरासत : गौरैया को वापस लाएं

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By headlineslivenews.com

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World Sparrow Day 2024 : VOICE FOR NATURE चिड़िया चहके, घर आँगन महके : गौरैया को बचाने का वक्त है!

World Sparrow Day 2024 : विश्व गौरैया दिवस : 20 मार्च – याद है वो बचपन का वो दौर? खिड़की खोलते ही गौरैया की मीठी चहचहाहट से सुबह हुआ करती थी। वो छोटी सी चिड़िया घर आँगन की रौनक हुआ करती थी। मगर आज? शहरीकरण के कोहरे में कहीं खो गई है वो चहचहाहट। विश्व गौरैया दिवस के मौके पर आइए जानते हैं गौरैया के महत्व को और उसे बचाने के उपायों को।

World Sparrow Day 2024 - लुप्त होती विरासत : गौरैया को वापस लाएं
World Sparrow Day 2024 – लुप्त होती विरासत : गौरैया को वापस लाएं (Fading Heritage: Bring Back the Sparrow) VOICE FOR NATURE

World Sparrow Day 2024 – VOICE FOR NATURE खामोश होती चहचहाहट : गौरैया को बचाने का संकल्प (Silenced Chirps: A Pledge to Save the Sparrow)

World Sparrow Day 2024 : दिल्ली ही नहीं भारत में भी ऐसे कई पशु और पक्षी प्रेमी है जो इन बेजुबान पक्षियो के लिए पक्षी राजन बन गए है जो अपनी रोजमर्रा की जिंदगी भी जीते है और पक्षियों का भी ख्याल अपने बच्चो की तरह करते है इन्ही में एक बड़ा नाम है बन गया है तिहाड़ जेल के वार्डन योगेंद्र का योगेंदर जोकि तिहाड़ जेल में एक वार्डन है और प्रशासनिक स्तर पर अपनी सेवाए दे रहे है लेकिन पक्षियों की सेवा करने में हमेशा आगे रहते है योगेंद्र विश्व गुरैया दिवस हर साल मनाते है और लगभग कई साल से इस दिन का आयोजन करते है और इस आयोजन के दिन पक्षियों की महत्वता को सबको बताने का काम करते है और साथ ही उन लोगो को सम्मान देने का काम भी करते है जो समाज में अपना एक बड़ा योगदान देते है

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World Sparrow Day 2024
World Sparrow Day 2024 - लुप्त होती विरासत : गौरैया को वापस लाएं
World Sparrow Day 2024
World Sparrow Day 2024 - लुप्त होती विरासत : गौरैया को वापस लाएं

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World Sparrow Day 2024 : चिड़िया चहके, घर आँगन महके : गौरैया को बचाने का वक्त है!

विश्व गौरेया दिवस के इस आयोजन में सेकड़ो लोगो ने हिस्सा लिया जिसमे ज्यादातर लोग भारत के अलग अलग कोने से आये थे इस आयोजन में प्रशासनिक अधिकारी संस्थाओ के लोग , समाज सेवक , और कई पत्रकारों ने इसमें हिस्सा लिया इस आयोजन की खूबसूरती यूके फाउंडेशन ने बनाकर रखी इस संस्था के कई प्रतिभाशाली बच्चो ने नेचर और पक्षी जीवन पर डांस , गीत और कविताओं के माध्यम से सबके दिलो में पक्षी प्रेमी होने की भावना को जागृत करने का काम किया

World Sparrow Day 2024
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आयोजन की खूबसूरती यूके फाउंडेशन ने बनाकर रखी
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World Sparrow Day 2024 : गौरैया से खाली होते आँगन : एक चेतावनी

पिछले कुछ दशकों में गौरैया की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। जो कभी हर घर की मेहमान हुआ करती थी, वो आज दुर्लभ हो गई है। ये हमारे लिए एक चेतावनी है। गौरैया का कम होना सिर्फ एक छोटी चिड़िया का लुप्त होना नहीं है, बल्कि पर्यावरण असंतुलन का संकेत है।

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World Sparrow Day 2024 : गौरैया : प्रकृति की संतुलनकर्ता

गौरैया सिर्फ एक सुंदर चिड़िया नहीं है, वह प्रकृति संतुलन की रक्षक है। गौरैया विभिन्न प्रकार के फसल खाने वाले कीट-पतंगों को खाकर फसलों को बचाती है। गौरैया के कम होने से फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों की संख्या बढ़ सकती है, जिससे हमारी खाद्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

World Sparrow Day 2024 : चहचहाहट वापसी का संदेश

गौरैया की वापसी का मतलब है स्वच्छ पर्यावरण की वापसी। विश्व गौरैया दिवस सिर्फ एक दिन मनाने का त्योहार नहीं है, बल्कि गौरैया को बचाने और पर्यावरण को संतुलित रखने का संकल्प लेने का दिन है।

World Sparrow Day 2024 लुप्त होती चहचहाहट : गौरैया को वापस लाएं अपने आँगन में

विश्व गौरैया दिवस : 20 मार्च , कभी शहरों का पर्यावरण दूत मानी जाने वाली गौरैया अब ढूंढने से भी कम नज़र आती है। विश्व गौरैया दिवस के मौके पर आइए जानें गौरैया के महत्व को और उसे कैसे बचाया जा सकता है।

चहचहाहटों से गुलजार हुआ करते थे आँगन : World Sparrow Day 2024

कुछ दशक पहले तक सुबह की किरणों के साथ ही गौरैया की मीठी चहचहाहट हुआ करती थी। ये छोटी सी चिड़िया घरों-आँगनों की शान होती थी। गौरैया का फुदकना, दाने चुगना और टहनियों पर कूदना-फांदना एक सुखद दृश्य होता था। लेकिन आज वो नज़ारा कम ही देखने को मिलता है।

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क्यों हो रहा है गौरैया का लोप? World Sparrow Day 2024

गौरैया के कम होते जाने के पीछे कई वजह हैं।

  • आधुनिकता का दंश : बढ़ते शहरीकरण और पेड़ों की कटाई के कारण गौरैया को घोंसला बनाने के लिए जगह नहीं मिल रही है।
  • ज़हरीला भोजन : खेतों में अंधाधुंध इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक गौरैया के लिए जहर बनकर काम कर रहे हैं।
  • भोजन की कमी : कीट-पतंगों की संख्या घटने से गौरैया के प्राकृतिक भोजन में कमी आई है।
  • आधुनिक इमारतें : खिड़कियों और दरारों से घोंसले बनाने वाली गौरैया के लिए आधुनिक इमारतें अनुकूल नहीं हैं।

गौरैया सिर्फ एक छोटी चिड़िया नहीं है, वह प्रकृति का पहरेदार है। गौरैया विभिन्न प्रकार के कीट-पतंगों को खाकर फसलों को बचाती है। गौरैया के कम होने से फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों की संख्या बढ़ सकती है।

गौरैया : प्रकृति का पहरेदार

गौरैया की वापसी का मतलब है स्वच्छ पर्यावरण की वापसी। विश्व गौरैया दिवस सिर्फ एक दिन मनाने का त्योहार नहीं है, बल्कि गौरैया को बचाने और पर्यावरण को संतुलित रखने का संकल्प लेने का दिन है।

अपने आँगन में लौटाएं चहचहाहट

आइए, मिलकर अपने शहरों, अपने घरों में फिर से गौरैया की मीठी चहचहाहट सुनने का प्रयास करें।

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