अंशुल कंबोज: रणजी ट्रॉफी में इतिहास रचने वाला युवा तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज ने अपनी गेंदबाजी से एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले अंशुल कंबोज ने 10 विकेट लेकर रणजी ट्रॉफी में अपनी छाप छोड़ दी है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनकी मेहनत और संघर्ष का परिणाम है, बल्कि यह उस किसान परिवार की कड़ी मेहनत का भी परिचायक है, जो उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए प्रेरित करता रहा।
अंशुल कंबोज: रणजी ट्रॉफी में एक पारी में 10 विकेट लेकर रचा इतिहास
अंशुल कंबोज: जिनका जन्म 6 दिसंबर 2000 को हरियाणा के इंद्री क्षेत्र के फाजिलपुर गांव में हुआ था, ने 2023-24 रणजी ट्रॉफी सीज़न के एक महत्वपूर्ण मैच में केरल के खिलाफ ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। इस मैच में उन्होंने केरल की टीम के खिलाफ 10 विकेट झटकते हुए एक पारी में दस विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी के रूप में अपना नाम दर्ज किया।
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किसान पिता की प्रेरणा से क्रिकेट की ओर कदम बढ़ाया
अंशुल कंबोज के पिता उधम सिंह एक किसान हैं। उन्होंने अपने बेटे को बहुत छोटी उम्र से ही क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलानी शुरू कर दी थी। अंशुल कंबोज ने छह साल की उम्र में ही क्रिकेट को अपना करियर बनाने की ठानी थी। उनके पिता ने उन्हें ओपीएस विद्यामंदिर में दाखिला दिलाया ताकि अंशुल को अच्छे कोचिंग का अवसर मिल सके। इस फैसले का परिणाम यह हुआ कि अंशुल ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और एक शानदार करियर की शुरुआत की।
अंशुल कंबोज का क्रिकेट करियर सिर्फ मेहनत और संघर्ष से भरा हुआ है। उन्होंने अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया और इस दौरान खुद को एक बेहतरीन तेज गेंदबाज के रूप में स्थापित किया। उनके तेज गेंदबाजी कौशल और बल्लेबाजी के शानदार प्रदर्शन ने उन्हें एक बहुमुखी क्रिकेटर के रूप में पहचान दिलाई।
रणजी ट्रॉफी में 10 विकेट का इतिहास
अंशुल कंबोज ने अपने रणजी ट्रॉफी करियर में वह मुकाम हासिल किया, जिस पर पूरी क्रिकेट दुनिया की निगाहें थीं। उन्होंने केरल के खिलाफ खेले गए रणजी ट्रॉफी ग्रुप C मैच में एक ही पारी में 10 विकेट लेकर इतिहास रच दिया। जब खेल शुरू हुआ, तो केरल का स्कोर 8 विकेट पर 285 रन था। अंशुल ने अपने शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन के दौरान शॉन रोजर (42) और बासिल थंपी (चार) को आउट करके केरल की पारी को 291 रन पर समाप्त कर दिया और इस तरह रणजी ट्रॉफी के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया।
उन्होंने 30.1 ओवरों में 9 मेडन ओवर डालते हुए सिर्फ 49 रन देकर 10 विकेट लिए। अंशुल का यह प्रदर्शन न केवल उनकी गेंदबाजी की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि उन्होंने अपने खेल में निरंतर सुधार किया है और अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत की है।
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विजय हजारे ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन
अंशुल कंबोज ने 2023-24 सीजन में हरियाणा की विजय हजारे ट्रॉफी जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इस सीजन में अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाते हुए कई मैचों में शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा, वह भारत C के लिए दलीप ट्रॉफी में भी खेले थे और उन्होंने वहां भी शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई थी।
उनके प्रदर्शन के कारण मुंबई इंडियंस ने उन्हें 20 लाख रुपये में खरीदा था। अंशुल ने आईपीएल 2024 में मुंबई इंडियंस की तरफ से तीन मैचों में भाग लिया और दो विकेट चटकाए। इस प्रदर्शन ने अंशुल कंबोज को एक नया मंच दिया और आईपीएल के आगामी सीज़न में उनके लिए और भी ज्यादा संभावनाएं खोलीं। आईपीएल 2024 में उनके प्रदर्शन ने मुंबई इंडियंस और अन्य फ्रैंचाइजी को अपनी ओर आकर्षित किया है, जो आगामी ऑक्शन में उन्हें अपनी टीम में शामिल करना चाहेंगे।
भविष्य में क्या है अंशुल कंबोज का लक्ष्य?
अंशुल कंबोज के लिए रणजी ट्रॉफी में 10 विकेट लेना महज शुरुआत है। उनका लक्ष्य अब राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना है और वह इस दिशा में लगातार मेहनत कर रहे हैं। उनके लिए अगले कुछ साल बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वह खुद को टीम इंडिया में स्थापित करने के लिए तैयार हैं। अंशुल की गति, स्विंग और एकाग्रता उन्हें एक बेहतरीन तेज गेंदबाज बना सकती है और उनकी गेंदबाजी शैली को देखते हुए उन्हें भारतीय क्रिकेट में एक लंबा भविष्य दिखाई देता है।
उनके लिए क्रिकेट का सफर न केवल एक खेल है, बल्कि यह उनके लिए एक सपना साकार करने का तरीका है। अंशुल कंबोज की सफलता से यह साबित होता है कि कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। उनका यह सफर भारतीय क्रिकेट की नई प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
अंशुल का नाम क्रिकेट की दुनिया में तेजी से चमक रहा है और आने वाले समय में वह और भी कई रिकॉर्ड्स तोड़ते हुए भारतीय क्रिकेट को गर्व महसूस कराएंगे।