अजय माकन का बयान: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव ने एक नया मोड़ लिया है।
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने हाल ही में यह बयान दिया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का समर्थन और गठबंधन करना कांग्रेस की एक बड़ी भूल थी, जिसका खामियाजा आज दिल्ली की जनता और पार्टी को भुगतना पड़ रहा है। इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि कांग्रेस अब आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन को लेकर पूरी तरह से संशय में है।
अजय माकन का बयान: कांग्रेस की कमजोरी और AAP के साथ गठबंधन का नुकसान
अजय माकन का बयान: अजय माकन ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के खिलाफ श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा कि उनका मानना है कि 2014 में आम आदमी पार्टी की सरकार को 40 दिनों तक समर्थन देना और फिर 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन करना कांग्रेस के लिए एक बड़ी गलती थी। माकन ने कहा कि इस गलती के कारण आज दिल्ली की जनता और कांग्रेस पार्टी दोनों को ही नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने यह भी माना कि इस गठबंधन ने कांग्रेस को कमजोर किया, और अब पार्टी को इस स्थिति से बाहर निकलने की जरूरत है।
माकन ने कहा, “हमारी पार्टी में विचार रखने की पूरी स्वतंत्रता है, लेकिन मैंने हमेशा यह महसूस किया है कि 2014 में आप का समर्थन और फिर 2015 में गठबंधन करना कांग्रेस के लिए गलत था। इस गलती ने न केवल दिल्ली में पार्टी की स्थिति को कमजोर किया, बल्कि कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर पर भी छवि को नुकसान पहुंचाया है।”
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अजय माकन का बयान: केजरीवाल पर माकन का हमला
अजय माकन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वे कभी भी केजरीवाल पर भरोसा नहीं करते थे। माकन ने केजरीवाल की राजनीति और उनके दृष्टिकोण पर सवाल उठाते हुए कहा, “केजरीवाल एक व्यक्ति हैं जो अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। वे कभी भी अपनी विचारधारा पर कायम नहीं रहे। अगर एक पार्टी 370 और यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे मुद्दों पर बीजेपी के साथ खड़ी हो सकती है, तो उस पार्टी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।”
माकन ने यह भी कहा कि केजरीवाल की राजनीति में कोई स्थिर विचारधारा नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब बीजेपी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाया था, तो आम आदमी पार्टी ने इसका समर्थन किया। इसके अलावा, जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशभर में विरोध हो रहा था, तो आम आदमी पार्टी ने बीजेपी का समर्थन किया। माकन ने यह तर्क दिया कि जब कोई पार्टी ऐसे मुद्दों पर बीजेपी का साथ देती है, तो उसे भरोसेमंद नहीं माना जा सकता है।
अजय माकन का बयान: लोकपाल और आरक्षण पर केजरीवाल के दृष्टिकोण पर सवाल
अजय माकन ने लोकपाल के मुद्दे पर भी केजरीवाल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की उत्पत्ति ही लोकपाल के मुद्दे पर हुई थी, लेकिन जब केजरीवाल और उनकी सरकार सत्ता में आए, तो उन्होंने कभी भी लोकपाल के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। माकन ने कहा, “केजरीवाल और उनकी टीम ने हमेशा लोकपाल को लेकर धरने दिए हैं, लेकिन सत्ता में आते ही उन्होंने लोकपाल की बात पूरी तरह से छोड़ दी।”
इसके अलावा माकन ने केजरीवाल के आरक्षण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक समय आरक्षण के खिलाफ थे और एक वीडियो में उन्होंने यह कहा था कि “सेकंड जेनरेशन को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए।” माकन ने यह आरोप लगाया कि केजरीवाल के विचारधारा में निरंतर बदलाव आता रहा है, और उनकी नीतियां कभी स्थिर नहीं रही।
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अजय माकन का बयान: गठबंधन पर माकन का बयान
कांग्रेस द्वारा आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर पूछे गए सवाल पर अजय माकन ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी ने 2014 में जो गलती की थी, उसका खामियाजा दिल्ली की जनता अब भुगत रही है। उन्होंने कहा, “हमने जो गलती की, उसकी सजा आज दिल्ली वाले भुगत रहे हैं। हम कांग्रेस के पक्ष में हैं, और हमेशा दिल्ली की जनता के साथ खड़े रहेंगे, लेकिन किसी भी हालत में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करना हमारी भूल थी।”
माकन ने यह भी कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य दिल्ली की जनता के पक्ष में काम करना है, न कि अपने राजनीतिक विरोधियों के साथ गठबंधन करके अपनी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाना। उनके अनुसार, कांग्रेस को अपनी गलतियों से सीखना होगा और भविष्य में किसी भी गठबंधन से पहले पूरी तरह से विचार करना होगा।
अजय माकन का बयान: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों का असर
यह बयान आने के बाद, दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की संभावना लगभग समाप्त हो गई है। अजय माकन का बयान कांग्रेस में एक नई राजनीतिक दिशा की ओर इशारा करता है, जहां पार्टी अपने पुराने गठबंधनों को खत्म करने और स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरने के पक्ष में दिख रही है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बढ़ते विवाद के बीच, यह साफ है कि आगामी विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियां एक-दूसरे के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में सामने आएंगी। कांग्रेस के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय होगा, क्योंकि उसे अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा और यह तय करना होगा कि वह किस दिशा में आगे बढ़ेगी।
इस राजनीतिक गतिरोध के बीच, दिल्ली के विधानसभा चुनावों का माहौल अब काफी गरम हो चुका है। दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और आरोपों के बीच जनता को यह तय करना होगा कि उन्हें किस पार्टी का समर्थन करना है, जो उनके हितों की सबसे अच्छी रक्षा कर सके।