अडानी ग्रुप पर हिडनबर्ग के खुलासे के बाद सेबी अध्यक्ष ने जांच के समय सुप्रीम कोर्ट को मुख्य तथ्यों को छिपाया, अडानी पर रिपोर्ट की पुनः जांच के लिए जेपीसी गठन की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कल जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करेगी। सिर्फ जेपीसी जांच द्वारा ही अडानी महाघोटाले और अडानी को बचाने के मोदी सरकार के प्रयासों को उजागर कर सकती है।
मोदी-अडानी जुगलबंदी का महाघोटाला: देवेन्द्र यादव का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली, 21 अगस्त, 2024- प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और adani ग्रुप जुगलबंदी के बाद सामने आया महाघोटाला जिसका हिडनबर्ग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने गौतम adani के दो आफशोर फंड की हिस्सेदारी थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट से छिपाया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अडानी द्वारा किए गए हजारों करोड़ के महाघोटाले की जांच की जिम्मेदारी सेबी अध्यक्ष माधबी बुच को सौंपी, जिसमें मोदी सरकार के दबाव पर adani ग्रुप को बचाने की कोशिश की गई। हिडनबर्ग की रिपोर्ट में उठाए सवालों और अडानी गु्रप के साथ सेबी अध्यक्षता की संलिप्तता की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर दिल्ली प्रदेश कांगेस कमेटी कल 22 अगस्त, 2024 को सुबह जंतर मंतर पर सुबह 10 बजे से 1 बजे तक विशाल धरना प्रदर्शन करेगी। जिसमें कांग्रेस केन्द्रीय नेतृत्व वरिष्ठ नेता, दिल्ली कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता, सामाजिक संस्थाओं और दिल्ली के प्रभावित लोग धरने में हिस्सा लेंगे।
संवाददाता सम्मेलन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव, अ0भा0क0कमेटी के सोशल मीडिया एवं डिजीटल प्लेटफार्म विभाग की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनते और प्रदेश कांग्रेस कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने संबोधित किया।
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राहुल गांधी और कांग्रेस की चिंता: मोदी सरकार में अमीर-गरीब की खाई बढ़ती जा रही है
देवेन्द्र यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और जनप्रिय नेता राहुल गांधी जी मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में अमीरों का और अमीर होना और गरीबों के और गरीब होने पर चिंतित है। देश में अमीरों और गरीबों के बीच की खाई लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि जब देश की, देश की सम्पति उसकी सुरक्षा को जिसके हाथों में जनता सौंपती है, जब वही भेड़िया बनकर उसको खाने की भूमिका निभाऐगा तो देश को कौन बचाऐगा। हिडनबर्ग की रिपोर्ट, अडानी ग्रुप की गतिविधियों की सेबी की जांच, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और adani को भरपूर समर्थन देने सहित पोषित करने की भूमिका मोदी जी निभा रहे है। उन्होंने कहा कि अडानी के महाघोटाले को देशवासियों तक पहुॅचाने के लिए कांग्रेस पार्टी सड़क से संसद लड़ाई लड़ेगी।
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अडानी महाघोटाले में सेबी अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल: सुप्रिया श्रीनते का बयान
अ0भा0क0कमेटी के सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफार्म विभाग की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनते ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अडानी महाघोटाले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सेबी द्वारा जांच के बाद सेबी अध्यक्षा माधबी बुच की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लग गया है जिसमें adani को मोदी जी के संरक्षण में बचाने की कोशिश की गई है। अडानी के महाघोटाले की परत दर पर खुलने पर मोदी सरकार का भ्रष्टाचार देशवासियों के सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि adani को फायदा पहुॅचाने के लिए मोदी जी सीबीआई, ईडी सहित अन्य सरकारी एजेंसियों का इतनी सफाई से इस्तेमाल कर रहे है कि शेयर बाजार सहित देश के पोर्ट, एयरपोर्ट, बिजली संस्थान सहित देश का पूरे बिजनेस अडानी को दिया जा रहा है, अगर कोई अन्य प्रतियोगी अडानी के समक्ष आता है तो मोदी सरकार की सरकार जांच एजेंसी adani के लिए उनपर छापेमारी करना शुरु कर देती है। मोदी सरकार adani ग्रुप पर पूरी तरह मेहरबान है।
श्रीनते ने कहा कि मोदी जी के विदेशी दौरे और सरकार की विदेश नीति सब कुछ अडानी जी के लिए हो चुका है। मोदी जी के दौरे के बाद श्रीलंका में अडानी ग्रीन एनर्जी पावर परचेज एग्रीमेंट 20 साल के लिए 367 करोड़ निवेश करेगी। बंगलादेश में अडानी ग्रुप इलेक्ट्रो पावर का एग्रीमेंट मिला और इसी तरह इजरायल में प्रधानमंत्री दौरे के बाद अडानी को बिजनेस मिला। मतलब मोदी सरकार की विदेश नीति अडानी के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चल रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार अडानी को व्यापार बढ़ाने के लिए सभी हदें पार कर रही है। आज दो रुपये की चीज 20 रुपये में मिल रही है। उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है जिसकी रक्षा और सुरक्षा खुद प्रधानमंत्री मोदी जी कर रहे है उसकी जांच कौन करेगा।
सेबी अध्यक्ष माधबी बुच पर अडानी जांच में हितों के टकराव का गंभीर आरोप:
सुप्रिया श्रीनते ने कहा कि हिडनबर्ग की रिपोर्ट में हजारों करोड़ के अडानी महाघोटाले की जांच कर रही सेबी अध्यक्ष माधबी बुच जिन कम्पनियां में adani के खिलाफ जांच कर रही है, उन कम्पनियों में माधबी बुच और उनके पति धवल बुच की राशि लगी है और धवल बुच कम्पनियों के एडवाईजर भी है। उन्होंने कहा कि माधबी बुच को सेबी अध्यक्ष पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। निवेशकों के हजारों करोड़ के नुकसान का हर्जाना कौन भरेगा, क्योंकि माधबी बुच ने सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में नही लाया कि कम्पनियों में उनकी भी हिस्सेदारी है जिनकी वो जांच कर रही है। आज सवाल उठता है कि मोदी जी आखिर कब तक adani को बचाऐंगे।
सेबी की जांच रिपोर्ट पर सवाल: सुप्रीम कोर्ट को अंधेरे में रखने का आरोप
श्रीनते ने कहा कि सेबी की जांच की रिपोर्ट को दोबारा खंगालने की जरूरत है, क्योंकि सेबी अध्यक्ष ने जांच में सुप्रीम कोर्ट को अंधेरे में रखा गया है। adani महाघोटाले में मोदी नीति को जेपीसी गठित करके उजागर किया जा सकता है, क्योंकि जेपीसी जांच दलगत राजनीति से ऊपर उठकर होती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार adani महाघोटाले में जेपीसी जांच से क्यों भाग रही है। संसद में इस महाघोटाले की जांच के लिए तुरंत जेपीसी का गठन हो ताकि adani ग्रुप से हुए हजारों करोड़ का घोटाला उजागर होकर जनता के सामने आए।