इंडियाज गॉट लेटेंट विवाद: नई दिल्ली — सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 28 अप्रैल 2025 को चर्चित यूट्यूबर और कंटेंट क्रिएटर रणवीर इलाहाबादिया के पक्ष में एक अहम फैसला सुनाते हुए उनका पासपोर्ट जारी करने का आदेश दिया।
इलाहाबादिया का पासपोर्ट उन शर्तों के तहत जब्त किया गया था जब उन्हें “इंडियाज गॉट लेटेंट” शो में की गई विवादास्पद टिप्पणियों के चलते दर्ज अश्लीलता के मामलों में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया गया था।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने आदेश देते हुए कहा कि अब चूंकि असम और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर की जांच पूरी हो गई है, इसलिए इलाहाबादिया पासपोर्ट के लिए महाराष्ट्र साइबर क्राइम ब्यूरो में आवेदन कर सकते हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया संबंधित एजेंसी के नियमों और प्रक्रियाओं के तहत होगी।
इंडियाज गॉट लेटेंट विवाद: अदालत ने पासपोर्ट जमा कराने की शर्त पर दी थी इलाहाबादिया को अंतरिम राहत
रणवीर इलाहाबादिया पर आरोप था कि उन्होंने “इंडियाज गॉट लेटेंट” नामक शो के दौरान कुछ ऐसी टिप्पणियां कीं जिन्हें कई लोगों ने आपत्तिजनक और अश्लील माना। इसके बाद असम और महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
अदालत ने उन्हें अंतरिम संरक्षण देते समय शर्त रखी थी कि उन्हें अपना पासपोर्ट जांच अधिकारी के पास जमा कराना होगा। इस आदेश का पालन करते हुए इलाहाबादिया ने ठाणे पुलिस स्टेशन में अपना पासपोर्ट जमा कर दिया था।
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सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
रणवीर इलाहाबादिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिनव चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करते हुए निवेदन किया कि असम और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ दिया जाए, क्योंकि दोनों शिकायतें एक ही कार्यक्रम से संबंधित हैं।
हालांकि, खंडपीठ ने इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी। जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी करते हुए कहा,
“गुवाहाटी की एफआईआर में कुछ ऐसे विशिष्ट आरोप हैं जो मुंबई की एफआईआर में नहीं हैं। ऐसे में असम के कथित पीड़ित व्यक्ति को महाराष्ट्र आने के लिए कहना न्यायोचित नहीं होगा।”
डॉ. चंद्रचूड़ ने अमीश देवगन मामले का हवाला देते हुए कहा कि वहां एक ही प्रकरण से संबंधित विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने का आदेश दिया गया था। इस पर अदालत ने कहा कि इस अनुरोध पर अगली सुनवाई में विचार किया जाएगा।
कॉमेडियन समय रैना के खिलाफ याचिका
सुनवाई के दौरान अदालत ने मेसर्स क्योर एसएमए फाउंडेशन द्वारा दाखिल एक अन्य रिट याचिका पर भी गौर किया। यह याचिका दिव्यांग व्यक्तियों के खिलाफ कॉमेडियन समय रैना द्वारा शो के दौरान की गई कुछ टिप्पणियों के खिलाफ थी।
इससे पहले, क्योर एसएमए फाउंडेशन ने वर्तमान मामले में हस्तक्षेप करने के लिए आवेदन दायर किया था। पिछली सुनवाई पर जस्टिस सूर्यकांत ने संगठन की वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह से कहा था कि वे स्वतंत्र रिट याचिका दाखिल करें।
इस सलाह का पालन करते हुए फाउंडेशन ने अलग से रिट याचिका दायर की, जिसमें अदालत ने निजी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने की अनुमति दी। चूंकि वकील अपराजिता सिंह ने यह कहा कि प्रतिवादियों के पते का पता नहीं चल सका है, इसलिए अदालत ने मुंबई पुलिस आयुक्त के माध्यम से नोटिस भेजने की अनुमति दी।
पासपोर्ट वापसी की प्रक्रिया
पिछली सुनवाई में भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया था कि इलाहाबादिया के खिलाफ लंबित जांच दो सप्ताह के भीतर पूरी हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए अदालत ने पासपोर्ट लौटाने के मुद्दे पर जांच पूरी होने के बाद विचार करने का वादा किया था।
अब, जब जांच पूरी हो चुकी है, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पासपोर्ट जारी करने की अनुमति दे दी है। हालांकि, रणवीर इलाहाबादिया को अब भी संबंधित एजेंसियों के समक्ष आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।
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पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल
इलाहाबादिया के वकील डॉ. चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने जांच पूरी होने से पहले ही सार्वजनिक रूप से इलाहाबादिया को अश्लीलता का दोषी करार दिया था और कहा था कि शीघ्र ही आरोपपत्र दायर किया जाएगा।
डॉ. चंद्रचूड़ ने तर्क दिया कि इस तरह की पुलिस कार्रवाई न केवल अभियुक्त के अधिकारों का उल्लंघन करती है, बल्कि निष्पक्ष जांच की प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकती है। अदालत ने इस बिंदु पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन इस विषय पर भी आगे सुनवाई के दौरान विचार किया जाएगा।
केस टाइटल्स
- रणवीर गौतम इलाहाबादिया बनाम भारत संघ और अन्य — डब्ल्यू.पी.(सीआरएल.) नंबर 83/2025
- आशीष अनिल चंचलानी बनाम गुवाहाटी राज्य और अन्य — डब्ल्यू.पी.(सीआरएल.) नंबर 85/2025
दोनों मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी है।
रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत
इस आदेश से रणवीर इलाहाबादिया को राहत जरूर मिली है, लेकिन उनके खिलाफ असम और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर के अंतिम निपटारे का इंतजार अभी भी बाकी है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि एफआईआर को जोड़ने के अनुरोध पर भी गंभीरता से विचार किया जाएगा, लेकिन सभी तथ्यों और कानूनों का ध्यान रखते हुए।
इसके अलावा, हास्य कलाकार समय रैना और अन्य के खिलाफ दिव्यांगजनों के अपमान से जुड़े नए मामलों पर भी अदालत विचार कर रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में “इंडियाज गॉट लेटेंट” से जुड़े विवादों की न्यायिक प्रक्रिया और भी दिलचस्प मोड़ ले सकती है।