कराची 100 इंडेक्स: पाकिस्तान, जिसे अक्सर आर्थिक अस्थिरता और कर्ज संकट से जूझते हुए देखा गया है, ने एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया है जिसने सभी को हैरान कर दिया।
जहां भारत का शेयर बाजार पिछले कुछ समय से स्थिर गति से बढ़ रहा है, वहीं पाकिस्तान के कराची स्टॉक एक्सचेंज ने ऐसा प्रदर्शन किया है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
कराची 100 इंडेक्स: कराची 100 इंडेक्स ने पार किया 1 लाख का आंकड़ा
कराची 100 इंडेक्स: पाकिस्तान का बेंचमार्क शेयर इंडेक्स, कराची 100 इंडेक्स, पहली बार एक लाख के स्तर को पार कर गया है। यह आंकड़ा इस समय 1,01,357 पर पहुंच चुका है, जो न केवल पाकिस्तान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि इसने भारत के बीएसई सेंसेक्स को भी पीछे छोड़ दिया है, जो फिलहाल 79,802 पर है।
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कराची 100 इंडेक्स: पाकिस्तान की सफलता के पीछे क्या हैं कारण
कराची 100 इंडेक्स में इस ऐतिहासिक तेजी के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
- आईएमएफ से मिला बेलआउट पैकेज:
पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से हाल ही में 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज मिला है। इस वित्तीय सहायता ने पाकिस्तान के बाजार में नई ऊर्जा भर दी है। - महंगाई और ब्याज दरों में गिरावट:
पाकिस्तान में महंगाई दर में कमी आई है। इसके साथ ही, देश ने ब्याज दरों में रिकॉर्ड 250 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, जिससे यह दर अब 15% हो गई है। इन कदमों ने बाजार में सुधार और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में मदद की है। - विदेशी निवेशकों का भरोसा:
आईएमएफ की मदद और ब्याज दरों में गिरावट के बाद विदेशी निवेशकों ने पाकिस्तान के बाजार में दिलचस्पी दिखाई है। सितंबर में आईएमएफ डील के बाद कराची 100 इंडेक्स में 25% की तेजी देखी गई है। - स्थानीय सुधार:
पाकिस्तान ने घरेलू बाजार को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसका प्रभाव यह हुआ कि 17 महीनों में कराची 100 इंडेक्स ने 40,000 से बढ़कर 1,00,000 का आंकड़ा पार कर लिया।
17 महीनों में 150% की बढ़त
टॉपलाइन सिक्योरिटीज के सीईओ मोहम्मद सोहेल के अनुसार, कराची 100 इंडेक्स ने 17 महीनों में 150% की तेजी दर्ज की है। जहां भारत का सेंसेक्स इस दौरान मात्र 23% बढ़ा, वहीं पाकिस्तान का शेयर बाजार इस गति से आगे बढ़ा कि उसने भारत को पीछे छोड़ दिया।
भारत के शेयर बाजार की स्थिति
जहां पाकिस्तान का शेयर बाजार तेजी से ऊपर जा रहा है, वहीं भारत का बीएसई सेंसेक्स हाल के महीनों में संघर्ष कर रहा है।
- विदेशी निवेशकों की निकासी:
भारत में विदेशी निवेशकों ने भारी मात्रा में पूंजी निकासी की है, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। - गिरावट की दर:
पिछले दो महीनों में सेंसेक्स में 7% की गिरावट आई है। यह गिरावट भारत के बाजार के लिए एक बड़ा झटका है।
महंगाई और ब्याज दरें बनीं गेम-चेंजर
पाकिस्तान की सफलता का एक और बड़ा कारण वहां की ब्याज दरों और महंगाई में आई गिरावट है। पाकिस्तान ने ब्याज दरों को 250 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 15% कर दिया, जबकि महंगाई दर में भी बड़ी कमी दर्ज की गई।
राजनीतिक अस्थिरता का सीमित प्रभाव
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और उससे जुड़े दंगे और विरोध प्रदर्शन हुए। हालांकि, इन घटनाओं का कराची 100 इंडेक्स पर सीमित प्रभाव पड़ा। कुछ समय के लिए इंडेक्स में 4% की गिरावट आई, लेकिन जल्द ही बाजार में स्थिरता लौट आई।
आर्थिक सुधार और बाजार की संभावनाएं
पाकिस्तान का बाजार दिखा रहा है कि अगर देश सही आर्थिक नीतियों का पालन करे, तो वह अपने वित्तीय संकट से उबर सकता है। हालांकि, यह सफलता कितनी स्थायी होगी, यह देखना बाकी है।
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भारत बनाम पाकिस्तान क्या कहता है आंकड़ों का खेल
- शेयर बाजार का प्रदर्शन:
- कराची 100 इंडेक्स: 1,01,357 अंक
- बीएसई सेंसेक्स: 79,802 अंक
- बढ़त की दर:
- कराची 100 इंडेक्स: 150% (17 महीनों में)
- बीएसई सेंसेक्स: 23%
क्या भारत को लेनी चाहिए प्रेरणा
भारत का बाजार भले ही बड़ा और अधिक स्थिर हो, लेकिन पाकिस्तान ने जिस तरह से अपनी नीतियों को सुधारते हुए शेयर बाजार में तेजी लाई है, वह भारतीय बाजार और सरकार के लिए प्रेरणादायक हो सकता है।
पाकिस्तान ने आर्थिक संकट के बीच बनाया नया रिकॉर्ड
पाकिस्तान ने अपनी आर्थिक चुनौतियों के बीच एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया है। कराची 100 इंडेक्स का एक लाख के पार जाना न केवल पाकिस्तान की शेयर बाजार की ताकत को दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि सही नीतियों और रणनीतियों के जरिए कर्ज संकट में डूबे देश भी अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर कर सकते हैं। भारत को भी अपने बाजार की स्थिरता और निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए इनसे सीखने की जरूरत है।