घर पर प्रदर्शन: दिल्ली में बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी द्वारा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के संदर्भ में की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
इस बयान के खिलाफ युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को बिधूड़ी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने न केवल उनके आवास के गेट पर कालिख से ‘महिला विरोधी’ लिखा, बल्कि बिधूड़ी के घर के नेमप्लेट पर जूते भी मारे। इस प्रदर्शन का नेतृत्व दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने किया।
घर पर प्रदर्शन: रमेश बिधूड़ी की विवादास्पद टिप्पणी पर मचा हंगामा
घर पर प्रदर्शन: युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता बिधूड़ी के घर के बाहर खड़े थे और नारेबाजी कर रहे थे, जिन पर ‘रमेश बिधूड़ी शर्म करो’ लिखा हुआ था। इस प्रदर्शन के वीडियो में देखा गया कि कुछ कार्यकर्ताओं ने बिधूड़ी के आवास के गेट पर ‘महिला विरोधी’ शब्दों के साथ कालिख भी पोती। संगठन के अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने बीजेपी की महिला विरोधी सोच की आलोचना करते हुए कहा कि बिधूड़ी का बयान न केवल गलत था, बल्कि यह पूरी पार्टी की महिलाओं के प्रति आपत्ति जनक सोच को उजागर करता है। लाकरा ने कहा कि दिल्ली और कालकाजी के लोग बीजेपी को इसके लिए माफ नहीं करेंगे।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बिधूड़ी ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में ‘प्रियंका गांधी के गालों’ जैसी सड़कें बनवाएंगे। यह टिप्पणी समाज में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक मानी गई और इस पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आईं। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद बिधूड़ी ने खेद जताते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी को अपमानित करना नहीं था।
उन्होंने ट्विटर (अब एक्स) पर लिखा कि “किसी संदर्भ में मेरे द्वारा दिए गए बयान पर कुछ लोग ग़लत धारणा से राजनैतिक लाभ के लिए सोशल मीडिया पर बयान दे रहे हैं। मेरा आशय किसी को अपमानित करने का नहीं था। परंतु फिर भी अगर किसी भी व्यक्ति को दुख हुआ है तो मैं खेद प्रकट करता हूं।”
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युवा कांग्रेस ने बिधूड़ी के खेद के बावजूद विरोध जारी रखा
हालाँकि, बिधूड़ी के इस खेद के बावजूद युवा कांग्रेस ने अपने विरोध को जारी रखा और पार्टी ने इसे महिला विरोधी मानसिकता के प्रतीक के तौर पर प्रस्तुत किया। प्रदर्शनकारियों ने बिधूड़ी के खिलाफ न केवल आलोचना की, बल्कि उनके बयान को बीजेपी की महिला विरोधी सोच का एक उदाहरण भी बताया। युवा कांग्रेस ने यह भी कहा कि यह बयान बीजेपी की पार्टी के भीतर महिलाओं के लिए सम्मान की कमी को उजागर करता है और इस मानसिकता को खत्म करने की आवश्यकता है।
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इस घटना के बाद बिधूड़ी के खिलाफ आलोचनाओं का सिलसिला जारी है, और अब यह देखना है कि बीजेपी इस मामले में किस तरह से प्रतिक्रिया देती है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस विवाद पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन बिधूड़ी का खेद जताना इस बात का संकेत है कि इस विवाद ने पार्टी के लिए कुछ नया संकट खड़ा कर दिया है। इस मामले ने दिल्ली के राजनीतिक माहौल को और भी गर्म कर दिया है, जहाँ चुनावी अभियान तेजी से बढ़ रहे हैं और सभी दलों के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा बन चुका है।
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बिधूड़ी विवाद से दिल्ली चुनावी राजनीति में जुबानी जंग तेज
इस विवाद के राजनीतिक असर को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या यह महिला विरोधी टिप्पणी चुनावी माहौल को प्रभावित करेगी। युवा कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को बीजेपी के खिलाफ चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे। खासकर दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के संदर्भ में यह मुद्दा और भी संवेदनशील हो गया है, जहाँ राजनीतिक दल महिलाओं के मुद्दों को लेकर अपने स्टैंड पर जोर दे रहे हैं।
बिधूड़ी का बयान कांग्रेस के लिए एक अवसर बन गया है, और पार्टी ने इसे बीजेपी की महिला विरोधी नीति का उदाहरण मानते हुए इस पर हमलावर हो गई है। दिल्ली की राजनीति में इस तरह के बयान अक्सर विवादों का कारण बनते हैं, और यह देखा जाएगा कि बीजेपी इस मुद्दे को कैसे संभालती है, खासकर जब चुनाव के माहौल में हर बयान और हर प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण हो जाती है।
इस समय बिधूड़ी के बयान को लेकर राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है, और यह मामला दिल्ली की चुनावी राजनीति को और भी दिलचस्प बना सकता है। वहीं, महिला सुरक्षा और महिला अधिकारों को लेकर बहस भी आगे बढ़ सकती है, जो दिल्ली चुनाव के लिए एक बड़ा मुद्दा साबित हो सकता है।












