“चाणक्य भी थे…”: यूपी बोर्ड टॉपर प्राची निगम ने ट्रोल्स को किया चुप
प्राची निगम ने बताया कि चाण्यक्य को भी उनकी शक्ल और लुक के लिए ट्रोल किया गया था, लेकिन इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ा।
चाणक्य भी थे शिक्षा का सम्मान: ट्रोलिंग के खिलाफ आवाज़ उठाना:
नई दिल्ली: यूपी बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा में 98.5 फीसदी अंक प्राप्त कर टॉप करने वाली प्राची निगम ने वे लोगों को कहा, जो उनके चेहरे के बालों को लेकर ट्रोल कर रहे थे, उनकी टिप्पणियों का उन पर कोई असर नहीं पड़ा।
रूप के बजाय निशाना: प्राची ने जताया कि उनके लिए उनका रूप नहीं, उनका निशाना महत्वपूर्ण है।
चाणक्य भी थे प्राची ने व्यक्त किया कि उसके लिए महत्वपूर्ण नहीं है कि उसका रूप कैसा है, बल्कि उसका निशाना हैं।वे कहती हैं, “जब मुझे पता चला कि लोग मुझे ट्रोल कर रहे हैं, तो मुझे इससे कोई चिंता नहीं हुई। मेरे निशाना मेरे व्यक्तित्व को परिभाषित करते हैं, न कि मेरा रूप।”
अपने समर्थकों का आभार:
चाणक्य भी थे प्राची ने अपने समर्थकों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “जब मेरी तस्वीर सोशल मीडिया पर यूपी बोर्ड परीक्षा के टॉपर के रूप में साझा की गई, तो कुछ लोग मुझे ट्रोल करने लगे। लेकिन उस समय, वे लोग भी थे जो मेरा साथ दिया। मैं उन सभी का आभारी हूं।”
“प्राची का संदेश: चेहरे के बालों के माध्यम से ट्रोलिंग पर प्रतिक्रिया”
चाणक्य भी थे प्राची ने वह लोगों के बारे में बताया जो उनके चेहरे के बालों की वजह से विचित्र महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग अपनी ट्रोलिंग जारी रख सकते हैं, लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
चाणक्य और प्राची: समानताएं और प्रेरणा
प्राची निगम, उत्तर प्रदेश बोर्ड की 10वीं की टॉपर, सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर वायरल होने के बाद चर्चा में आ गईं। कुछ लोगों ने उनके चेहरे के बालों को लेकर उनका मजाक उड़ाया, तो वहीं कई लोगों ने उनका समर्थन किया और उनकी शानदार उपलब्धि के लिए बधाई दी।
“चाणक्य और प्राची: रूप-रंग के लिए ट्रोलिंग का सामना”:
यह घटना हमें महान विचारक और कूटनीतिज्ञ चाणक्य की याद दिलाती है। इतिहास बताता है कि चाणक्य को भी उनके रूप-रंग के लिए उपहास का सामना करना पड़ा था।
सफलता की अद्भुत प्रेरणा:
लेकिन, न तो चाणक्य और न ही प्राची ने इन नकारात्मक टिप्पणियों पर ध्यान दिया। उन्होंने अपनी बुद्धि, कर्मठता और आत्मविश्वास पर भरोसा रखा और अपनी मंजिल हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहे।
सामाजिक मानदंडों से परे: सफलता की नई परिभाषा:
चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र और कूटनीति की प्रतिभा से न केवल मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि चाणक्य नीति के रूप में अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया।इसी तरह प्राची ने अपनी मेहनत और लगन से 10वीं की परीक्षा में टॉप करके साबित कर दिया कि सफलता किसी भी शारीरिक बनावट या सामाजिक मानदंडों से परे है।चाणक्य और प्राची दोनों ही हमारे लिए प्रेरणा हैं। वे हमें सिखाते हैं कि हमें कभी भी दूसरों की नकारात्मक टिप्पणियों से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। अपनी योग्यता और क्षमताओं पर विश्वास रखते हुए हमें अपने लक्ष्यों की ओर निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
सफलता की कहानी: दृढ़ संकल्प से जीत की राह:
यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें समाज में व्याप्त भेदभाव और रूढ़ियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। हमें हर व्यक्ति को उसकी अद्वितीय प्रतिभा और क्षमताओं के आधार पर स्वीकार करना चाहिए, न कि उसके बाहरी रूप-रंग के आधार पर।चाणक्य और प्राची की कहानी हमें सिखाती है कि आत्मविश्वास, कर्मठता और दृढ़ संकल्प से हम जीवन में किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं और अपनी सफलता की कहानी लिख सकते हैं।
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ट्रोलिंग के खिलाफ समुदाय की एकजुटता
सोशल मीडिया पर उसे भारी रूप से ट्रोल किए जाने के बाद, ऑनलाइन समुदाय ने किशोरी के समर्थन में ट्रोल्स के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने प्राची पर ऐसी टिप्पणियों के संभावित भावनात्मक प्रभाव पर भी चिंता व्यक्त की।सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी प्राची से बात की और उसे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और अपने सपनों को हासिल करने के लिए कहा।एक टिप्पणी देते हुए सुश्री वाड्रा ने प्राची को उसके बोर्ड परीक्षा परिणाम के लिए बधाई दी और उसे इस तरह की ट्रोलिंग से प्रभावित न होने के लिए कहा।