छठ पूजा 2024: छठ पूजा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है।
यह पर्व चार दिनों तक चलता है और इसमें सूर्य देवता की पूजा की जाती है। इस पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खरना है, जो इस साल 6 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। खरना का दिन व्रति महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन से उनके 36 घंटे के निर्जला उपवास की शुरुआत होती है।
छठ पूजा 2024: खरना का महत्व
छठ पूजा 2024: खरना, छठ पूजा के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस दिन व्रति महिलाएं पूरे दिन उपवास करती हैं और सूर्यास्त के बाद ही अन्न और जल ग्रहण करती हैं। खरना के दिन बनने वाले प्रसाद को महाप्रसाद कहा जाता है। खासकर, गुड़ और चावल वाली खीर इस प्रसाद का मुख्य हिस्सा होती है, जिसके बिना खरना की पूजा अधूरी मानी जाती है। खीर के साथ साथ केले और रोटी भी बनती है, जो पूजा का हिस्सा होते हैं।
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छठ पूजा 2024: खरना का अर्थ केवल भोग का सेवन करना नहीं है, बल्कि यह तन और मन का शुद्धिकरण भी है। व्रति महिलाएं इस दिन अपने मन और आत्मा को शुद्ध करने का संकल्प लेती हैं, ताकि वे सूर्य देवता की कृपा प्राप्त कर सकें।
छठ पूजा 2024: खरना की पूजा का तरीका
छठ पूजा 2024: खरना की पूजा की विधि को समझना बहुत आवश्यक है। आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए:
- साफ बर्तन का उपयोग: खरना के प्रसाद को हमेशा साफ और नए बर्तनों में ही बनाना चाहिए। यह न केवल शुद्धता का प्रतीक है, बल्कि पूजा के प्रति श्रद्धा को भी दर्शाता है।
- मिट्टी के चूल्हे का उपयोग: प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे या नए और धुले हुए गैस/स्टोव का ही उपयोग करना चाहिए। यह परंपरा के अनुसार होता है और इसे शुभ माना जाता है।
- शुद्ध मन से पूजा: खरना की पूजा को शुद्ध मन से करना चाहिए। व्रति को ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अपनी श्रद्धा के साथ पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान विशेष ध्यान रखें कि सभी चीजें सही तरीके से हो रही हैं।
- भोग का अर्पण: भगवान को खीर, रोटी और केले का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद व्रति सबसे पहले खरना का प्रसाद ग्रहण करें। यह विशेष महत्व रखता है कि व्रति के प्रसाद ग्रहण करने के समय सभी लोग शांत रहें।
- परिवार के अन्य सदस्यों का प्रसाद: व्रति के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य प्रसाद को खा सकते हैं। इस प्रकार, पूजा की प्रक्रिया में एक सामूहिक भाव भी जुड़ता है।
- तामसिक चीजों का परहेज: खरना के दिन भूलकर भी नमक या अन्य तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। यह नियम न केवल स्वास्थ्य के लिए, बल्कि पूजा की शुद्धता के लिए भी आवश्यक है।
- भूमि पर सोना और ब्रह्मचर्य का पालन: छठ व्रत के दौरान व्रति को भूमि पर सोना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। यह उपाय उनके व्रत को और अधिक फलदायी बनाता है।
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छठ पूजा 2024: सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना छठ पूजा का संदेश
छठ पूजा 2024: खरना का दिन व्रति महिलाओं के लिए न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह उनके लिए एक अवसर है अपने आत्म-नियंत्रण और संकल्प को मजबूत करने का। इस दिन से 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ होता है, जो उनकी आस्था और समर्पण का प्रतीक है। इस तरह, खरना की पूजा छठ पूजा के पूरे पर्व का आधार बनती है, और इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
छठ पूजा के इस महापर्व में सभी को सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति हो, यही शुभकामना है।