झारखंड हाईकोर्ट: यह आश्चर्यजनक है कि ट्रायल कोर्ट ने मृत्युदंड दिया: झारखंड हाईकोर्ट ने पत्नी और नवजात की हत्या के आरोपी को बरी किया

झारखंड हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को उसकी पत्नी और 15 महीने के शिशु की हत्या के आरोप में दी गई सजा को रद्द

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झारखंड हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को उसकी पत्नी और 15 महीने के शिशु की हत्या के आरोप में दी गई सजा को रद्द कर दिया है। यह मामला राज्य द्वारा दायर मृत्युदंड संदर्भ और आरोपी की ओर से दायर आपराधिक अपील से जुड़ा था, जिसमें ट्रायल कोर्ट ने व्यक्ति को दोषी मानते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 के तहत आता था, जिसमें हत्या का अपराध शामिल है।

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झारखंड हाईकोर्ट: अदालत की टिप्पणियाँ

न्यायमूर्ति आनंद सेन और न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की पीठ ने इस मामले पर विचार करते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि विरोधाभासी बयान और कमजोर साक्ष्यों के आधार पर ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड दे दिया। यह टिप्पणी अदालत ने उस वक्त की जब उसने ट्रायल कोर्ट के निर्णय का गहन परीक्षण किया और पाया कि साक्ष्य इस तरह के कठोर दंड के लिए पर्याप्त नहीं थे।

झारखंड हाईकोर्ट: मामले के तथ्य

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मृतका के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी की शादी आरोपी से हुई थी। शुरू में उनकी बेटी का वैवाहिक जीवन सामान्य था, लेकिन बाद में उसे दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा। इसके अलावा, मृतका के पति का किसी अन्य महिला के साथ संबंध भी था। जब मृतका को अपने पति द्वारा मारपीट का सामना करना पड़ा, तब वह अपने मायके लौट आई थी। उसके माता-पिता ने उसे समझा-बुझाकर वापस भेज दिया, लेकिन वापस जाने के बाद भी उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

मृतका को अपने ससुर के किसी अन्य महिला के साथ संबंधों का विरोध करने पर धमकियों का सामना करना पड़ा। उसने इस बारे में अपने परिवार को भी सूचित किया था। अगले ही दिन परिवार को जानकारी मिली कि वह लापता हो गई है। बाद में, उसका शव और उसके 15 महीने के बच्चे का शव एक कुएं में पाया गया। इसके बाद मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई और उसके पति के खिलाफ आरोप लगाए गए।

झारखंड हाईकोर्ट: अभियोजन पक्ष का मामला

अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों की गहन जांच की। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने जो परिस्थितियाँ प्रस्तुत की थीं, वे ठीक से सिद्ध नहीं हो सकीं। भले ही कुछ हद तक उन परिस्थितियों को सच माना भी जाए, तब भी वे उन तथ्यों की कड़ी को पूरा नहीं करतीं, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि अपराध आरोपी ने ही किया है और कोई और नहीं। अदालत ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष का मामला ताश के पत्तों की तरह ढह गया है।

अदालत के अनुसार, न तो ऐसी परिस्थितियों को सिद्ध किया गया जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आरोपी अपराध में शामिल था और न ही कोई सुसंगत अभियोजन पक्ष का संस्करण सामने आया जिस पर भरोसा किया जा सके। अभियोजन पक्ष का प्रस्तुतिकरण स्पष्टता और पर्याप्तता की कमी से भरा था, जो कि इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया के लिए आवश्यक मानकों को पूरा नहीं करता था।

झारखंड हाईकोर्ट: अदालत द्वारा उल्लेखित प्रमुख निर्णय

झारखंड हाईकोर्ट ने (2021) 13 SCC 716 में रिपोर्ट किए गए फैसले का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि ट्रायल कोर्ट पर यह जिम्मेदारी है कि मृत्युदंड देते समय अधिक जांच, सावधानी और सतर्कता का पालन किया जाए। अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को इस तरह के मामले में कठोर दंड देते समय उचित साक्ष्य और उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।

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अदालत ने यह भी कहा कि अदालत केवल मूक दर्शक नहीं बन सकती, बल्कि उसे आपराधिक मुकदमे के दौरान पूरी तरह सतर्क और जागरूक रहना चाहिए। भले ही अभियोजन पक्ष अनजाने में या जानबूझकर सभी प्रासंगिक सामग्री को रिकॉर्ड पर लाने में चूक जाए, अदालत को अपने स्तर पर अभियोजन को रोककर स्पष्टीकरण मांगना चाहिए। अदालत का यह कथन न्यायिक प्रक्रिया में निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करने के सिद्धांत पर जोर देता है।

झारखंड हाईकोर्ट: अंतिम निर्णय

इन सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने आरोपी की दोषसिद्धि और सजा को रद्द कर दिया। अदालत ने इस मामले में दिए गए मृत्युदंड संदर्भ का नकारात्मक उत्तर दिया और आपराधिक अपील को मंजूर कर लिया। इसका अर्थ है कि अदालत ने यह निर्णय लिया कि आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं थे और इसीलिए उसे बरी कर दिया गया।

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यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट द्वारा की गई त्रुटियों को पहचाना और सुनिश्चित किया कि न्याय की सेवा में कोई कमी न रहे। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य न केवल अपर्याप्त थे, बल्कि उनमें भी विरोधाभास थे। ऐसे में, किसी व्यक्ति को मृत्युदंड देने जैसा कठोर निर्णय न्यायसंगत नहीं हो सकता।

अदालत ने न्याय के सिद्धांतों पर चलते हुए आरोपी को साक्ष्य की कमी के कारण बरी किया। यह निर्णय यह भी संकेत करता है कि न्यायपालिका का काम सिर्फ अभियोजन पक्ष के तर्कों को मान लेना नहीं होता, बल्कि उन्हें उचित ठहराने के लिए गहन जांच और परीक्षण करना होता है।

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JUDGES ON LEAVE

Regards:- Adv.Radha Rani for LADY MEMBER EXECUTIVE in forthcoming election of Rohini Court Delhi

'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

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GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

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Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना