दिल्ली के ऐतिहासिक लाल क़िले के सामने चल रहे जैन दशलक्षण पर्व 2025 ( महापर्व ) में एक सनसनीखेज़ चोरी की घटना ने सभी को चौंका दिया। पूजा के दौरान रखे गए दो सोने के कलश, जिनकी कीमत करीब ₹1.5 करोड़ बताई जा रही है, अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी कर लिए गए। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और आखिरकार हापुड़ से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
दशलक्षण पर्व 2025 की घटना कैसे हुई?
3 सितंबर 2025 को जब कार्यक्रम स्थल पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला मौजूद थे, तभी यह चोरी हुई। आयोजक और श्रद्धालु स्वागत सत्कार में व्यस्त थे। उसी समय एक शख्स जैन पुजारी का भेष बनाकर मंच पर पहुँचा और सोने के कलश को उठाकर ले गया।
- चोरी गए कलश में 760 ग्राम का एक बड़ा कलश और 115 ग्राम का छोटा कलश शामिल था।
- इन कलशों में हीरे, रूबी और पन्ना (एमराल्ड) जड़े हुए थे।
- कलश को Sudhir Kumar Jain प्रतिदिन पूजा के लिए लाते थे।
CCTV में खुलासा
दशलक्षण पर्व 2025 का CCTV फुटेज में आरोपी को बैग लेकर मंच से निकलते हुए साफ देखा गया। आरोपी ने धोती-कुर्ता पहनकर खुद को साधु के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे किसी को शक नहीं हुआ।
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पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तकनीकी निगरानी और मोबाइल लोकेशन के आधार पर मुख्य आरोपी भूषण वर्मा को उत्तर प्रदेश के हापुड़ से गिरफ्तार किया।
- पुलिस ने एक कलश बरामद कर लिया।
- दूसरा कलश आरोपी ने पिघला दिया था और रत्न अलग कर दिए थे।
- दो और सहयोगी गौरव वर्मा और अंकित पाटिल भी पकड़े गए।
धार्मिक महत्व और श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया
यह चोरी केवल आर्थिक नुकसान नहीं थी बल्कि जैन समाज के लिए धार्मिक और भावनात्मक आघात भी थी।
- कलश पीढ़ियों से परिवार की विरासत रहे थे।
- जैन श्रद्धालुओं ने कहा कि पूजा की सबसे अहम धरोहर को खोना गहरी चोट जैसा है।
- आयोजकों ने सुरक्षा चूक पर कड़ा एतराज जताया।
FIR और आगे की जांच
- FIR दर्ज की गई है Bharatiya Nyaya Sanhita की धारा 303(2) के तहत।
- पुलिस आगे की जांच में जुटी है और आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
- अदालत में जल्द ही पेशी होगी।
दशलक्षण पर्व 2025 के मुख्य बिंदु
- दिल्ली के लाल क़िले के सामने जैन महोत्सव से दो सोने के कलश चोरी।
- कीमत लगभग ₹1.5 करोड़, जिनमें हीरे और कीमती रत्न जड़े थे।
- आरोपी ने साधु का भेष बनाकर मंच से कलश उठाया।
- CCTV से पहचान हुई, पुलिस ने हापुड़ से गिरफ्तार किया।
- एक कलश बरामद, दूसरा पिघलाकर रत्न निकाले गए।
यह घटना राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। इतने बड़े धार्मिक आयोजन दशलक्षण पर्व 2025 में हुई चोरी ने न केवल भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुँचाई, बल्कि सुरक्षा तंत्र की कमज़ोरियों को भी उजागर किया। दिल्ली पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है ताकि ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हों।












