नितीश कुमार: नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उनकी नई सरकार, मोदी सरकार 3.0, में जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता चंद्रबाबू नायडू की मुख्य भूमिका है।
नितीश कुमार: “नई सरकार में नीतीश कुमार: राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र”
इस गठबंधन के बारे में बात चल रही है, लेकिन नीतीश कुमार को लेकर राजनीतिक चर्चाएं अब भी बहुत हैं। उनके रिकॉर्ड की दृष्टि से, वे कभी-कभी अपने नारे में पलट सकते हैं, और उनकी दृढ़ता पर सवाल उठा जा रहा है।
- नितीश कुमार: "नई सरकार में नीतीश कुमार: राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र"
- "चुनावी परिणाम: जनता दल (यू) और टीडीपी की विजय ने बढ़ाई बीजेपी की बैसाखी की आवश्यकता"
- "बिहार के लिए समझौता: नीतीश कुमार की चार सांसदों के लिए मंत्रालय की पोज़िशन की मांग"
- "साइकिल-रिक्शा से सिनेमा: नीतीश कुमार का अनोखा फिल्मी अनुभव"
- "पुस्तक 'नीतीश कुमार: अंतरंग दोस्तों की नजर से' के अंतर्गत नीतीश कुमार की एक अनोखी फिल्मी यात्रा"
- "फिल्म की चमक: नीतीश कुमार के बीच चुनावी माहौल में फिल्म की प्रेरणा"
- "फिल्मी प्रमोशन: नीतीश कुमार का साइकिल रिक्शे पर सफर"
“चुनावी परिणाम: जनता दल (यू) और टीडीपी की विजय ने बढ़ाई बीजेपी की बैसाखी की आवश्यकता”
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इस चुनाव में जनता दल (यू) ने 12 सीटों पर विजय प्राप्त की है, जबकि टीडीपी ने 16 सीटों पर विजय हासिल की है। इन दोनों दलों के साथ गठबंधन करके बीजेपी को स्थिर सरकार बनाने के लिए बैसाखी की आवश्यकता होगी। इसी कारण, नई सरकार में नीतीश कुमार की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
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“बिहार के लिए समझौता: नीतीश कुमार की चार सांसदों के लिए मंत्रालय की पोज़िशन की मांग”
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी से मिलकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के अनुसार, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा और उसे चार सांसदों के लिए एक मंत्रालय की पोज़िशन मिलेगी। जनता दल (यू) के 12 सांसद हैं, तो उन्हें 3 मंत्रालय मिलेंगे। नीतीश कुमार विशेष रूप से रेल, कृषि, और वित्त मंत्रालय की मांग कर रहे हैं।
“साइकिल-रिक्शा से सिनेमा: नीतीश कुमार का अनोखा फिल्मी अनुभव”
नीतीश कुमार को राजनीति का माहिर माना जाता है, जो जो भी काम उन्होंने ठान लिया है, उसे पूरा करने में सफल रहे हैं। एक ऐसा घटनाक्रम 2009 का है, जब नीतीश कुमार को ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ फिल्म देखने का मन बना। बिना किसी वाहन के सिनेमा हॉल जाने का विकल्प न होने पर, वे साइकिल-रिक्शा पर सवार होकर फिल्म देखने चले गए। नीतीश कुमार को फिल्म इतनी पसंद आई कि उन्होंने अपने सभी साथियों से उसे देखने की अपील तक की। उनकी इस कदम से पिटी हुई फिल्म एकाएक हिट हो गई।
“पुस्तक ‘नीतीश कुमार: अंतरंग दोस्तों की नजर से’ के अंतर्गत नीतीश कुमार की एक अनोखी फिल्मी यात्रा”
नीतीश कुमार की फिल्म देखने के घटना का वर्णन ‘नीतीश कुमार: अंतरंग दोस्तों की नजर से‘ पुस्तक में किया गया है। इस पुस्तक के लेखक उदय कांत ने इस घटना को सटीकता से वर्णित किया है। यहाँ एक रोचक अंश है।
“फिल्म की चमक: नीतीश कुमार के बीच चुनावी माहौल में फिल्म की प्रेरणा”
नीतीश कुमार का चुनावी कार्यक्रम अनेक चुनौतियों के सामने लेकर आया था। चुनाव आयोग ने 2009 में लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित की थीं, और उस समय ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ फिल्म का प्रदर्शन पटना के एक सिनेमा हॉल में हो रहा था। यह फिल्म आठ ऑस्कर पुरस्कारों से सम्मानित हुई थी। नीतीश कुमार ने इस फिल्म के बारे में बहुत सुना था और उसने इसे देखने का निर्णय लिया।
“फिल्मी प्रमोशन: नीतीश कुमार का साइकिल रिक्शे पर सफर”
तारीख की घोषणा के बाद, आचार संहिता के तहत सरकारी वाहनों का प्रयोग नियंत्रित किया गया। नीतीश कुमार के पास कोई अन्य वाहन नहीं था, लेकिन उन्होंने फिल्म देखने के लिए साइकिल रिक्शे का इस्तेमाल किया। इसके बाद, उन्होंने फिल्म के बारे में रसमंजरिया पार्टी को सिफारिश की और कुछ लोग भी उनके साथ फिल्म देखने गए। इसके परिणामस्वरूप, फिल्म की प्रमोशन में नीतीश का साइकिल रिक्शे पर सफर उल्लेखनीय हुआ और फिल्म का प्रमोशन भी हुआ।