नीति आयोग की बैठक 2024: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि नीति आयोग की नवीं गवर्निंग कॉउसलिंग बैठक का विपक्ष के बहिष्कार के बाद प्रधानमंत्री मोदी का देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने का एजेंडा पूरी तरह हाथ से फिसलते रेत के समान है, क्योंकि भाजपा का जनाधार लगातार गिर रहा है जिसको लोकसभा चुनाव और उपचुनावों के परिणामों के बाद भाजपा अनुभव कर चुकी है।
नई दिल्ली, 27 जुलाई, 2024-
नीति आयोग की बैठक 2024: मुख्यमंत्री ने क्यों नहीं लिया हिस्सा
नीति आयोग की बैठक में एनडीए समर्थित शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने मुख्यतः हिस्सा लेने के बाद कह सकते है कि देश के विकास के लिए नही भाजपा को मजबूत बनाने के लिए बैठक हुई।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी शासन को मबजूती देने और ग्रामीण और शहरी आबादी के लिए जीवनशैली की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित होती है, परंतु बैठक में विपक्षी दलों के शासित मुख्यमंत्रियों को बहिष्कार करने के बाद विकसित भारत की राह कैसे प्रशस्त होगी।
उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी, कमरतोड़ महंगाई, लगातार गिरती जीडीपी, ध्वस्त होती अर्थव्यवस्था, गरीब और अमीर के बीच बढ़ती खाई, मजदूर, गरीब, मध्यम वर्ग, वंचित वर्ग की घटती थाली और सरकार पर एक वक्त के खाने के लिए बढ़ती जनसंख्या की गिनती पर ध्यान देने की जगह मोदी जी 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ विकसित भारत का सपना देख रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि बजट में सभी राज्यों को एक समान रखने का केन्द्र सरकार दायित्व है जिसको वित्त मंत्री ने पूरी तरह नजरअंदाज किया।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सभी राज्यों में पेयजल, बिजली, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, भूमि और सम्पत्ति आदि विषयों व सुविधाओं पर ध्यान केन्द्रित करके हर नागरिक के लिए मुहैया कराने की योजना नीति आयोग की बैठक में बनानी होती है परंतु भाजपा सरकार पक्षपात की राजनीति से ग्रस्त होने के कारण देश के सभी राज्यों को एक समान दृष्टिकोण से बजट और भविष्य की योजनाऐं बनाने में पूरी तरह से नाकाम दिखाई दी है।
उन्होंने कहा कि लोगों के लिए जरुरी पानी, बिजली, स्वास्थ और शिक्षा के जो मापदंड नीति आयोग की बैठक में एजेंडा के रुप में रखे गए है, उनको लोगों तक पहुॅचाने में सरकार पिछले 10 वर्षों के शासन में पूरी तरह फेल साबित रही है क्योंकि मोदी जी के हर घर नल से जल और हर घर बिजली जैसी परियोजनाओं पर सरकार अधिकतर राज्यों में शुरु तक नही कर पाई है जबकि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की दुदर्शा किसी से छिपी नही है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि विजन डाक्यूमेंट की बात करने वाली वित्त मंत्री और केन्द्र सरकार के पास देश के लिए कोई विजन है ही नही। क्योंकि हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में इन्टरनर्शिप की घोषणा उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र से कॉपी करके की और युवाओं, किसानों, महिलाओं, श्रमिकों, सरकारी व प्राईवेट नौकरी करने वाले, पेशेवरों सहित मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग और सरकार पर आश्रितों के लिए भविष्य की कोई योजना दिखाई नही दी।