दिल्ली की भलस्व डेरी अब भलसवा आवासीय कालोनी कहलाएगी: 2024

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By headlineslivenews.com

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भलसवा आवासीय कालोनी: भलसवा आवासीय कालोनी का प्रस्ताव नगर निगम मे पास हुआ दिल्ली की मेयर शैली ऑबरऑय ने प्रस्ताव को मंजूरी दी भलस्वा डेरी मे अब नहीं होगा कोई भी पशु पालन

भलसवा आवासीय कालोनी: पशुपालन की भूमि पर आवास निर्माण: सच्चाई और प्रभाव

भलसवा आवासीय कालोनी: बुधवार को नगर निगम का हाउस लगा जिसमे खासकर भलसवा डेरी मामले पर टिमसी शर्मा ने प्रस्ताव रखा जिसमे आठ बिन्दुओ को खासकर रखा गया यह आठ बिन्दु क्या है ओर क्या है इन आठ बिन्दुओ की जमीनी हकीकत इस खबर मे इस को समझने का काम करेंगे नमस्कार आप देख रहे है जमीनी हकीकत हेडलाइन्स लाइव न्यूज पर ओर मे हूँ आपके साथ मोहम्मद रफ़ी आज की जमीनी हकीकत की खबर मे इन आठ बिन्दुओ को समझेंगे ओर इन बिन्दुओ की जमीनी हकीकत भी क्या है इसको भी समझेंगे ओर अगर आप 23 अगस्त 2024 को होने वाली सुनवाई मे क्या क्या हुआ है उसे जानना चाहते है तो वो आपको आगे विडिओ मे देखने को मिलेगा
तो सबसे पहले समझते है इसके पहले बिन्दु को जिसमे पहला बिन्दु है की भलस्वा डेरी अब आवासीय कालोनी मे स्थित हो गई है इसलिए इसे अब आवासीय कालोनी मे बदल देना चाहिए इस पहले बिन्दु को अगर हम समझे तो यह इस बात की ओर इशारा करता है की अब भलसवा डेरी मे कोई भी पशुपालन नहीं होता है ओर यहा पर अब पशुपालन की जमीन पर लोग रहने लगे है यह इस बात को समझआता है . लेकिन ऐसा कहना ओर ऐसा मानना की भलसवा डेरी मे कोई भी पशुपालन नहीं होता है यह कितना सही ओर सटीक है यह समझना भी बहुत जरूरी है ओर ऐसा कहना किसके लिए फायदा साबित होगा वो जो पशुपालन नहीं करते है या वो जिन्होंने पशुपालन की जमीन को खरीदा है ओर आवास बनाकर रह रहे है या वो जो पशुपालन करते थे ओर अब नहीं करते है ओर स्वयं घर बनाकर रह रहे है ओर इस पूरे कथं मे किसको नुकसान होगा इसको आगे समझेंगे अब बात करते है दूसरे बिन्दु की इसमे कहा गया है की

भलसवा आवासीय कालोनी

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भलस्वा डेरी का 86% हिस्सा आवासीय क्षेत्र में तब्दील: क्या बची हुई डेरीज़ का भविष्य अनिश्चित है?

भलसवा आवासीय कालोनी: भलसवा डेरी मे अब 14 प्रतिशत ही डेरिया बची है ओर बाकी 86 प्रतिशत डेरी प्लाट मे पहले से ही आवास बन चुके है । इसलिए इसे पुरी तरीके से आवासीय क्षेत्र मे बदल देना चाहिए । अब यह बात किस ओर इशारा करती है इसकी भी जमीनी हकीकत को समझना बहुत जरूरी है हम एक तरफ यह भी कह रहे है की यह इलाका पूरी तरह से आवासीय इलाका बन गया है ओर दूसरी तरफ हम यह भी स्वीकार करते है की 14 प्रतिशत अभी भी डेरी चल रही है ओर बाकी 86 प्रतिशत डेरी के प्लाटों मे आवास बन गया है । इस पूरे केस मे सुनैना सिब्बल की ओर से अदालत मे भी तो ये ही कहा गया है की भलसवा डेरी मे पशुपालन नहीं हो रहा है ओर जो हो रहा है उसमे पशुओ की हालत बहुत ही दयनीय है ओर उनको जहरीला चारा खाना पड़ता है जिस कारण से उनका दूध पीने योग्य नहीं रहता है इसलिए इन डेरियों को जीवित रखने की भी हमें जरूरत है इसलिए इन डेरियों को घोंघा मे या ऐसी जगह शिफ्ट किया जाए जहां इनकी देखभाल भी हो ओर इनका दूध पीने योग्य भी हो यह बात अदालत मे 9 अगस्त के ऑर्डर मे साफ साफ कही गई थी ओर एक सर्वे के दौरान कुछ पशुपालन करते हुई की जगहों मे पाया गया था की पशुओ की हालत इतनी खराब है की वह जीवित नहीं रह सकती है जिसके चलते वह बीमार रहने लागि ओर लेंड फिल पर कचरा खाती है ओर फिर जब मर जाती है तो उन्हे वही पर ही फेक दिया जाता है । यह सब तस्वीरे कोर्ट मे जमा की गई ओर उसे 9 अगस्त के ऑर्डर मे संलग्न किया गया है अगर आप उस ऑर्डर को पढ़ना ओर डाउन लोड करना चाहते है तो आप विडिओ के डिस्क्रिप्शन मे जाकर इस ऑर्डर को पूरा पढ़ सकते है । उसका लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन मे मिल जाएगा । अब वापिस आते है इसी बिन्दु पर जो नगर निगम मे रखी गई
भलसवा आवासीय कालोनी: अब इस कथं ओर लिखतम की हकीकत साफ कहती है की जो 14 प्रतिशत डेरी है उन्हे शिफ्ट कर दिया जाए ओर इसे नगर निगम के सदन मे बिना चर्चा के बिना बहस के शोर शराबा करके इसे भी पास कर दिया गया है जिसमे विपक्ष को चर्चा करने का भी समय नहीं मिला । अब इसको पशुपालन करने वाले कितना स्वीकारते है या पशुपालन करने वालों ने पहले से ही अपनी स्वीकृति दे दी थी यह बात अभी साफ नहीं हुई है ।

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48 वर्षों से भलस्वा डेरी में निवास कर रहे लोगों का भविष्य: आवासीय क्षेत्र में परिवर्तन का सवाल

भलसवा आवासीय कालोनी: अब बात करते है इसके तीसरे बिन्दु की यह क्या कहता है इसमे कहा गया है की माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देशानुसार 14 प्रतिशत डेरियों को स्थानांतरित किया जाना है , इसके उपरांत भलसवा डेरी का 100 प्रतिशत क्षेत्र आवासीय हो जाएगा । इस बिन्दु की जमीनी हकीकत से हमे यह साफ समझ आता है की हम यह स्वीकार करते है की बाकी बची 14 प्रतिशत डेरियों को शिफ्ट कर दिया जाए मतलब अबसे भलसवा डेरी मे कोई भी पशुपालन नहीं होगा जिसके चलते यह इलाका 100 प्रतिशत आवासीय हो जाएगा । मतलब की जो लोग आज भी भलसवा डेरी मे पशुपालन कर रहे है वो खुद अपनी रजामंदी से अपना पशुपालन बंद करने की सहमंती जताते है
लेकिन क्या इस तरह की रजामंदी के शपथ पत्र को क्या नगर निगम के प्रस्ताव मे शामिल किया गया है या नहीं किया गया है इस पर सदन मे कोई चर्चा नहीं हुई ओर शोर शराबा करके इसे भी पास कर दिया गया
भलसवा आवासीय कालोनी: अब आते है चौथे बिन्दु की ओर इसमे कहा गया है चूंकि भलसवा डेरी क्षेत्र के निवासी लगभग 48 वर्षों से यहाँ रह रहे है यहाँ पर दिल्ली नगर निगम द्वारा स्कूल ओर पार्क सीवर पानी की सुविधाए भी दिल्ली सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है ओर यहाँ के निवासी नियमित तरीके से हाउस टैक्स का भी भुगतान कर रहे है अतः इस क्षेत्र को आवासीय क्षेत्र मे परिवर्तित करना न्याय संगत होगा । अब इसकी जमीनी हकीकत क्या समझ आती है इसको भी समझते है असल मे लोग यहाँ पर 48 सालों से ओर उससे पहले भी लोग यहाँ रह रहे है लेकिन जब हम 48 सालों की बात कहते है तो हम यह भी कहते है की 48 साल पहले दिल्ली सरकार द्वारा यहाँ पर किसानों को पशुपालन के लिए जमीन को अलोट किया गया था लेकिन इन 48 सालों मे पशुपालन करने ओर उससे जीविका चलाने को लेकर सरकार ओर अधिकारियों ने कोई भी ऐसी सुविधाओ का केंद्र नहीं बनाकर दिया जिससे पशुपालन मे पशुओ का भी स्वास्थ्य सही रहता ओर उनका दूध भी पीने योग्य रहता ओर आज भलसवा डेरी दिल्ली की एक मॉडर्न डेरी बनती लेकिन आज सब कुछ उलट हो गया पशुओ की हालत दयनीय हो गई ओर पशुपालन की जमीन पर आवास बनाने शुरू हो गए ओर उनकी खरीद फरोख्त भी शुरू हो गई इसी के चलते इस लिखतम मे हम भलसवा डेरी को आवासीय क्षेत्र मे बदलने की मांग कर रहे ओर इस मांग मे हम जमीन के कंवर्जन की बात कर रहे है जिसमे अब हमे अपनी ही जमीन को बचाने के लिए सरकार को काँवजन चार्ज देने की बात कर रहे है अब देखना यह होगा की अब हमे अपनी सारी जगह का कंवर्जन भुगतान करना पड़ेगा या उतनी जगह का भुगतान करना पड़ेगा जो सरकार के खाते मे जमीन नपी हुई है । यदि सरकार द्वारा नपी जगह का ही भुगतान होगा तो जो जगह ज्यादा बनी हुई है क्या वो तोड़ दी जाएगी या उसका भी कोई विकल्प मिलेगा यह अब भविष्य मे पता चलेगा । इस बात पर भी नगर निगम के सदन मे कोई भी चर्चा नहीं की गई ओर शोर शराबा मे यह भी पास कर दिया गया है
भलसवा आवासीय कालोनी: अब बात करते है पाँचवे बिन्दु की जिसमे कहा गया है की चूंकि माननीय न्यालाय के निर्देश के बाद यहाँ से डेरियाँ शिफ्ट हो जाएगी लेकिन भलसवा डेरी मे एक बड़ी आबादी निवास करती है जो पहले भी पशुपालन मे या डेरी के कार्यों मे शामिल नहीं थी जनता के व्यापक हित को ध्यान मे रखते हुए निगम द्वारा इन रिहायशी मकानों के विरोध कोई भी कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए ओर इन आवासों को नियमित किया जाना चाहिए । इस की जमीनी हकीकत को अगर समझे तो हमने यह स्वीकार किया है की भलसवा डेरी मे बची कूची डेरियों को ओर पशुपालन को न्यालाय द्वारा जो शिफ्ट करना है वो आप करदे लेकिन इस इलाके मे पशुपालन वाली जगह ओर ऐसी जगह जिन पर अब पशुपालन नहीं होता है जहां पर आवास बन गए है वहाँ पर नगर निगम तोडफोड वाली कोई भी कार्यवाही नहीं करें ओर उस जगह को नियमित कर दे यानि की पक्का कर दे जब किसी जगह को नियमित किया जाता है तो वहाँ पर तमाम सुविधाओ को देने की भी बात लागू होती है जैसे अच्छी सड़के स्वछ जल पानी की निकासी अच्छे पार्क स्वास्थ्य सेवाए ओर भी कई सुविधाए इसमे शामिल होती है । इस कथं के लिखतम पर भी कोई चर्चा नहीं हुई कोई बहस नहीं हुई ओर शोर शराबा मे यह भी पास कर दिया गया लेकिन निगम के सदन मे तो पास कर दिया गया है लेकिन अभी निगम के आयुक्त की अभी मोहर नहीं लगी है इस पर भी हम आगे बात करंगे
भलसवा आवासीय कालोनी: आब आते है छठे बिन्दु की ओर की इसमे क्या कहा गया है चूंकि भलसवा डेरी का भूमि उपयोग मे अभी तक कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है जिसके कारण यह क्षेत्र सरकारी अभिलेखों मे अभी भलसवा डेरी के नाम से जाना जाता है जबकि अब यहाँ डेरी गतिविधिया नहीं है अतः इसका नाम बदलने ओर उपयोग मे परिवर्तन आवश्यक है । अब इस कथं के लिखतम की जमीनी हकीकत किस ओर इशारा करती है इसको भी समझ लेते है यह इस बात की ओर इशारा करती है की जो जमीन सरकार द्वारा 48 साल पहले किसानों को दी थी वह अब पूरी तरीके से आवास मे बदल गई है ओर अब यहाँ पर कोई भी पशुपालन नहीं होगा इसलिए अब इस जगह को सरकारी कागजों मे भलसवा डेरी का नाम बदलकर भलसवा आवासीय कालोनी घोषित कर दिया जाए इस को भी नगर निगम के सदन मे बिना सुने बिना कोई बहस हुए बिना कोई चर्चा कीए सदन मे पास कर दिया गया इसको भी हम विडिओ के अंत मे इसकी भी जमीनी हकीकत को ओर समझने की कोशिश करेंगे
भलसवा आवासीय कालोनी: अब आते है सातवे बिन्दु की ओर इसमे कहा गया है की चूंकि इस क्षेत्र मे अब बड़ी संख्या मे लोग निवास कर रहे है अतः इसे आवासीय भूमि श्रेणी मे शामिल किया जाना चाहिए इसकी जमीनी हकीकत किस ओर इशारा करती है यह कथं ओर पिछले भी अभी बिन्दु के लिखतम भलस्व डेरी की ही बात कर रहे है की भलस्व डेरी से पशुपालन के शिफ्ट होने से इन्हे कोई सरोकार नहीं है बल्कि अपनी रजामंदी जाहीर करते है की डेरियों को हटा दिया जाए लेकिन डेरी पर बनी किसी भी मकान को नहीं छेड़ा जाए लेकिन भलसवा डेरी की दुकान ओर गोदाम की बात नहीं है ओर नाही दिल्ली की किसी ओर डेरी की जगह की बात कही गई है चाहे वो शाहबाद डेरी हो नगली डेरी हो या अन्य कोई ओर डेरी की जगह हो सदन मे आनन फानन ओर शोर शराबा करके पास कर दिया गया इस पर विपक्ष की कोई भी रायशुमारी नहीं हुई , कोई भी चर्चा नहीं ओर पास कर दिया गया
भलसवा आवासीय कालोनी: अब आते है इसके आखिरी बिन्दु पर जिसमे कहा गया है की यह भी संकल्प किया जाता है की इस क्षेत्र का नाम भलसवा डेरी से बदलकर भलसवा आवासीय कालोनी किया जाए ओर सभी सरकारी अभिलेखों मे इसे इसी नाम से दर्ज कर दिया जाए अब इसकी भी जमीनी हकीकत को समझते है जब भलसवा डेरी से पशुपालन बंद हो जाएगा ओर प्रॉपर्टी का कंवर्जन हो जाएगा तो संभवतः है की इस जगह का नाम का बदलना स्वभविक हो जाएगा ओर सरकारी अभिलेखों मे भी नाम बदल जाएगा लेकिन अभी इन सभी आठ बिन्दुओ पर नगर निगम आयुक्त की मोहर नहीं लगी है । अभी केवल निगम के सदन मे इसको बिना चर्चा के पास कर दिया गया है जो की आप पार्टी की मेयर शैली ऑबरऑय के हाथ मे था बिना चर्चा के प्रस्ताव को पास कर दो ओर अगर निगम आयुक्त ने इसे मंजूरी नहीं दी तो इसकी बुराई का ठीकरा बीजेपी के ऊपर आ जाएगा । आप पार्टी ने सदन मे अपना काम कर दिया आपको बात दूँ की जब कोई प्रस्ताव लाया जाता है तो उसे मिनट्स मे पहले से दर्ज कराया जाता है लेकिन इस प्रस्ताव को पेराशूट की तरह लाया गया ओर सदन मे पास कर दिया गया है । प्रस्ताव पास होने के बाद अब इसी बीच इलाके मे अब ये भी चर्चे शुरू हो गए है की अब जमीन की कीमत बढ़ जाएगी । ओर इलाके के तीनों निगम पार्षद टिमसी शर्मा अजित सिह यादव ओर जोगेन्द्र सिंह की वाहवाही ओर इलाके के विधायक अजेश यादव को फूलमाला पहनाकर धन्यवाद किया जा रहा है जो कदम आप पार्टी के नेताओ ने उठाया है अगर यह पूरा हो जाता है तो मे खुद भी इसका समर्थन करता हूँ लेकिन सिविक सेंटर मे होने वाली कार्यवाही इस पूरे मामले को नूरा कुश्ती की ओर इशारा करती देख रही है । क्योंकि निगम की सारी शक्तियां निगम आयुक्त के पास है ओर दिल्ली के उपराज्यपाल के पास है । दिल्ली नगर निगम मे अभी तो स्टैन्डींग कमेटी भी नहीं बन पाई है ओर दिल्ली के किसी भी ज़ोन का गठन भी नहीं हुआ है ओर भलसवा डेरी अभी एक बहुत बड़ी राजनीति के मुहाने पर खड़ा हुआ है । इस नूरा कुश्ती के खेल मे अब भलसवा डेरी के लोगों को अभी से ही सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है की जब तक कोर्ट का रुख किस ओर जाता है ओर निगम आयुक्त ओर दिल्ली के उपराज्यपाल का क्या कहना है उससे पहले किसी भी ऐसे फेसले की ओर जाना आपके साथ धोखा हो सकता है सूत्रों के अनुसार जानकारी यह है की इलाके मे जमीन के भाव जो जमीन पर औंधे मुहँ गिरे थे वो अब आसमान चढ़ गए है जामिनो की कीमत लगाई जा रही है ओर खयाली पुलाव बनाए जा रहे है हमारी टीम का सिर्फ आपको जागरूक करना है ना की आपको बहकाना । बाकी फेसला आप अपनी समझदारी से करे अगर इस पूरी जमीनी हकीकत की इस रिपोर्ट मे आपको कुछ जोड़ना हो या कहना हो तो आप इस विडिओ के कमेंट्स बॉक्स मे जाकर कर सकते है ओर 23 अगस्त की होने वाली सुनवाई का ऑर्डर विडिओ के डिस्क्रिप्शन मे दिया गया है आप वहा से जाकर पढ़ सकते है ओर डाउनलोड भी कर सकते है ओर उसे पढ़ना आपके लिए बहुत जरूरी भी है ऑर्डर अंग्रेजी भाषा मे है लेकिन आपको इसका हिन्दी अनुवाद भी साथ मे मिल जाएगा

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