मनीष सिसोदिया को मिली जमानत: दिल्ली की आबकारी नीति और धन शोधन से जुड़े अहम मामले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है। दो जजों की पीठ ने आज दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने उन पर शर्त लगाते हुए निर्देश दिया कि वे अपना पासपोर्ट जमा कर दें। उन्हें हर सोमवार को थाने में गवाही देनी होगी।
मनीष सिसोदिया को मिली जमानत: 17 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया को मिली जमानत: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बीते डेढ़ साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं। सीबीआई-ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां उनके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच कर रही हैं। सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जहां से अब उन्हें राहत मिली है।
यह भी पढ़ें …
कांग्रेस में बड़ा फेरबदल: फरहाद सूरी 2024 मे बने दिल्ली नगर निगम के प्रभारी
AAP’s guarantees for Haryana polls: Free electricity, Rs 1,000 aid for women
Haryana Election 2024 | AAP to contest solo in 2024 Haryana Assembly elections
Delhi Slum Demolition News: Chandni Chowk | Daya Basti Bolega | India
UP: Hotels, restaurants, vendors asked to display names ahead of Kanwar Yatra
मनीष सिसोदिया को 29 जुलाई को जमानत की उम्मीद : 16 महीने हो गए है जेल मे
इसके साथ ही कोर्ट ने उनसे कहा कि वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें। कोर्ट ने उन्हें सचिवालय जाने की इजाजत दी है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के बाद छह अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया 17 महीने से हिरासत में हैं और अभी तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है, जिससे उन्हें त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। इन मामलों में जमानत मांगने के लिए उन्हें ट्रायल कोर्ट में भेजना न्याय का मखौल उड़ाना होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि अब समय आ गया है कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट यह स्वीकार करें कि जमानत का सिद्धांत एक नियम है और जेल एक अपवाद है। इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर जमानत पर रिहा किया जाए।
मनीष सिसोदिया को मिली जमानत: क्या है मामला
बता दें कि सिसोदिया को रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पहले 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा।
उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सिसोदिया ने यह कहते हुए जमानत मांगी थी कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया था।
17 महीने… 🥺
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) August 9, 2024
मनीष सिसोदिया जी अपनी धर्मपत्नी से मिले। pic.twitter.com/rLZNbAnEtK
मनीष सिसोदिया को मिली जमानत: सुप्रीम कोर्ट से मिली बेल, AAP ने मनाया जश्न
AAP नेता मनीष सिसोदिया को 17 महीने बाद जमानत मिल गई. सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ सिसोदिया को जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा है कि सिसोदिया को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा. हर सोमवार को थाने में हाजिरी देनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और सीबीआई की दलीलों को खारिज कर दिया.
मनीष सिसोदिया को मिली जमानत: मिलने से पहले केजरीवाल ने चुनौतियों का अंबार लगा रखा है
मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद जेल से छूट रहे हैं, और इस अवधि में बहुत कुछ बदल चुका है. अब वो सिर्फ विधायक हैं, जबकि अरविंद केजरीवाल की संवैधानिक और राजनीतिक सेहत पर खास असर नहीं पड़ा है – फर्क बस ये है कि केजरीवाल की तरह जमानत के दौरान सिसोदिया के सचिवालय जाने पर रोक नहीं है मनीष सिसोदिया को जमानत मिलना भी आम आदमी पार्टी के लिए करीब करीब अरविंद केजरीवाल की रिहाई जैसा ही है.
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी का मनीष सिसोदिया की जमानत की खबर पर भावुक हो जाना भी स्वाभाविक है. अरविंद केजरीवाल की आंखों में भी एक बार ऐसे ही आंसू आ गये थे, जब वो एक नये स्कूल का उद्घाटन करने पहुंचे थे – और आम आदमी पार्टी के लिए इस खास मौके पर आतिशी ने भी एक स्कूल का उद्घाटन किया है
दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर मनीष सिसोदिया को आम आदमी पार्टी में जो क्रेडिट दिया जाता है, उसमें आतिशी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है – और मनीष सिसोदिया के जेल चले जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को ही सिसोदिया वाली जिम्मेदारियां दी थी – और तब से लेकर अभी तक वो अपनी जिम्मेदारी निभाती चली आ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया से पासपोर्ट सरेंडर करने के साथ जमानत के लिए 10 लाख का बॉन्ड जमा करने को भी कहा है. मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, और फिर 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने. इससे पहले ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाएं कई बार खारिज हो चुकी हैं.
संजय सिंह ने नारे तो अरविंद केजरीवाल के लिए लगाये थे, लेकिन जेल के ताले असल मायने में उनके बाद मनीष सिसोदिया के लिए ही टूटे हैं. अरविंद केजरीवाल बाहर जरूर आये थे, लेकिन वो कानूनी राहत का सिर्फ अस्थाई भाव था. वैसे अरविंद केजरीवाल के वकील विवेक जैन का मानना है कि मनीष सिसोदिया के बेल ऑर्डर से अरविंद केजरीवाल की जमानत के मामले में भी असर देखने को मिल सकता है, और ऑर्डर में जो कोर्ट का ऑब्जर्वेशन हैं वो काफी मदद करेगा.
मनीष सिसोदिया इससे पहले बीमार पत्नी से मिलने के लिए बाहर आये थे, लेकिन अब 17 महीने बाद जमानत पर छूट रहे हैं. और इस दौरान दिल्ली और देश की राजनीति में बहुत कुछ बदल चुका है.
अरविंद केजरीवाल की संवैधानिक और राजनीतिक सेहत पर खास असर तो नहीं पड़ा है, लेकिन जेल जाने से पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया अभी सिर्फ एक विधायक रह गये हैं – फर्क बस ये है कि अरविंद केजरीवाल की तरह जमानत के दौरान मनीष सिसोदिया के सचिवालय जाने पर रोक नहीं लगी
मनीष सिसोदिया को मिली जमानत: दिल्ली की सरकार क्या जेल से ही चलती रहेगी?
तिहाड़ जेल में होने के बावजूद अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री बने हुए हैं, लेकिन मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम नहीं रह गये हैं – और हाल फिलहाल ऐसा भी कोई इंतजाम भी नहीं है कि जेल से आने के बाद वो फिर से डिप्टी सीएम बन जाएंगे. ऐसा तभी मुमकिन है जब अरविंद केजरीवा इस्तीफा दे दें, या फिर अदालत से ही स्पेशल परमिशन मिल पाये.
लोकसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल भी अंतरिम जमानत पर रिहा किये गये थे, लेकिन उनके मामले में कुछ शर्तें लागू थीं, मनीष सिसोदिया के मामले में थोड़ा फर्क है. जमानत पर फैसला सुनाये जाने के बाद सीबीआई और ईडी की तरफ से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने मनीष सिसोदिया के लिए भी अरविंद केजरीवाल केस की ही तरह शर्तें लगाने की गुजारिश की थी. एएसजी राजू का कहना था कि अरविंद केजरीवाल की ही तरह मनीष सिसोदिया के लिए भी सचिवालय जाने पर रोक लगाई जाये, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये अपील खारिज कर दी.
मनीष सिसोदिया को जमानत देते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो समाज के सम्मानित व्यक्ति हैं, और उनके भागने की आशंका भी नहीं है. केस को लेकर कोर्ट का कहना था कि मामले से जुड़े ज्यादातर सबूत भी जुटाए जा चुके हैं, इसलिए उनके साथ छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है.
10 लाख के मुचलके और पासपोर्ट जमा करने के अलावा मनीष सिसोदिया को जमानत के दौरान एक खास शर्त भी लगाई गई है, वो ये कि उनको हफ्ते में दो बार, हर सोमवार और गुरुवार को थाने में जाकर हाजिरी लगानी होगी – आप नेता संजय सिंह को जमानत के दौरान जांच अधिकारी से सिर्फ अपना लोकेशन शेयर करने को कहा गया है.
अब जबकि मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम नहीं रह गये हैं, लिहाजा कोई और इंतजाम होने तक आगे भी अरविंद केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाते रहेंगे. चाहकर भी मनीष सिसोदिया कुछ नहीं कर पाएंगे – ज्यादा से ज्यादा अरविंद केजरीवाल के नये मैसेंजर बने रहेंगे.
ये बात अलग है कि अरविंद केजरीवाल के बाहर रहते भी सब कुछ मनीष सिसोदिया के ही जिम्मे हुआ करता था, लेकिन जेल से तो वो सब संभव नहीं है. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उप राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि वो स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में झंडा फहराने के लिए आतिशी