आखिर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली की सुप्रीम अदालत से भी राहत नहीं मिली है आज 16 महीने हो गए है मनीष सिसोदिया को जेल मे लेकिन केस मे जमानत नहीं मिली है आखिर कब मिलेगी जमानत जानेंगे इस खबर की जमीनी हकीकत मे
जमानत की जमीनी हकीकत: मनीष सिसोदिया के केस की अदालती प्रक्रिया
आज की जमीनी हकीकत की खबर शुरू करते है दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ओर दिल्ली के शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया जोकी अभी तक जेल मे है उनके चाहने वाले ओर आप पार्टी के कार्यकर्ता ओर समर्थक इस उम्मीद से है की जब भी अदालत मे उनकी तारीख का समय आता है तो उम्मीद मे रहते है की आज मनीष सिसोदिया की जमानत हो जाएगी लेकिन हर तारीख मे उनकी एक ओर तारीख मिल जाती है लेकिन जमानत नहीं मिलती है ।
सिसोदिया की जमानत की उम्मीदें: 29 जुलाई का इंतजार
अब बात करते है उस अदालती हकीकत की जिसके चलते अभी तक जमानत नहीं हुई लेकिन आने वाली 29 जुलाई को जमानत की उम्मीद उनके वकील को है इस कानूनी हकीकत को समझे तो ईडी और सीबीआई के अनुसार मनीष सिसोदिया के खिलाफ 2000 पन्नों से भी ज्यादा की चार्ज शीट के अलावा ओर कई सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की जा रही है , जिनकी संख्या अब तक 47 हो गई है।
लेकिन अभी ओर सुपलीमेंट्री चार्ज शीट दायर करनी बाकी रह गई जब सभी आरोप पत्र पूरे हो जाएंगे तो मनीष सिसोदिया को जमानत देने की सुनवाई की जा सकेगी लेकिन समय की देरी के चलते दिल्ली शराब घोटाला मामले मे मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी किया है
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सुप्रीम कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका पर विवाद और देरी
इस खबर की एक ओर विरोधाभास हकीकत को समझने की कोशिश करते है सिसोदिया के वकील सिंघवी ने कहा कि आरोपी को जमानत पर रिहा होने का वैधानिक और संवैधानिक अधिकार है, खासकर तब जब वह पहले से ही 16 महीने से जेल में हो और मुकदमा शुरू होने में देरी में उसकी कोई भूमिका नहीं हो । तब सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ईडी की ओर से अंतिम शिकायत दर्ज करने में देरी मुख्य रूप से आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा हुई है । केजरीवाल का पूछताछ के लिए नौ बार का समन का जवाब देने से इनकार करने के कारण हुई।
सॉलिसीटर तुषार कहते है कि यह आजकल एक ट्रेंड बन गया है। की पहले आरोपी या उसके सहयोगी जांच पूरी करने की प्रक्रिया में देरी करें और उनके वकील जमानत लेने के लिए आधार बना ले ओर हमारी जांच को देरी का नाम दें ओर हमे कमजोर साबित कार दे ताकि उन्हे जमानत मिल जाए ।
शराब घोटाला: मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का रुख
अब समझते है उस जमीनी हकीकत को की कोर्ट का क्या कहना है ओर कोर्ट का क्या रुख नजर आ रहा है सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने तब मेहता से पूछा कि ईडी अपनी अंतिम शिकायत कब दायर करेगी, ओर अपनी शिकायत जल्द से जलद दायर करे । अदालत ने इसके लिए 29 जुलाई तक का समय दिया है ओर पीठ ने सिसोदिया की जमानत याचिका का निपटारा करते हुए यह भी कहा की आप पदाधिकारी को अंतिम शिकायत दर्ज होने के बाद उसी तरह की राहत की मांग करने की स्वतंत्रता दी जाती है ।
मतलब की जमानत के आसार नजर आते है ओर इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की पहले की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि अभियोजन पक्ष द्वारा दिए गए आश्वासन के मद्देनजर कि वे अगले छह से आठ महीने के भीतर उचित कदम उठाकर मुकदमे को समाप्त कर देंगे। लेकिन ऐसा नहीं ओर मुकदमा देरी से चलता रहा जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम अपीलार्थी मनीष सिसोदिया को परिस्थितियों में बदलाव के मामले में जमानत के लिए एक नया आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता देते हैं
अभी तक दो बार मनीष सिसोदिया की जमानत रद्द हो चुकी है लेकिन अगली सुनवाई मनीष सिसोदिया को या तो जेल से बाहर निकाल देगी या फिर जेल का लंबा कैदी बना देगी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है ।