महिला विरोधी आरोप: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी चुनावी रणनीतियाँ तैयार कर रहे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच मुकाबला है, जहां बीजेपी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी के विवादित बयानों ने राजनीतिक हलकों में तूफान मचा दिया है। खास बात यह है कि इन बयानों पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं और बीजेपी पर महिला विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया है। बिधूड़ी के बयान से बीजेपी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, और इसे लेकर पार्टी को चुनावी नुकसान का भी डर है।
महिला विरोधी आरोप: रमेश बिधूड़ी के विवादित बयान
रमेश बिधूड़ी, जो बीजेपी के पूर्व सांसद हैं और अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में कालकाजी से उम्मीदवार हैं, अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। सबसे पहले, उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा पर एक विवादित टिप्पणी की थी, जो सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तेजी से वायरल हो गई। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी के सरनेम को लेकर भी एक और विवादित बयान दिया, जो उनके महिला विरोधी नजरिए को लेकर तीखी आलोचनाओं का कारण बना।
प्रियंका गांधी पर दिए गए बयान में बिधूड़ी ने कहा था कि लालू यादव ने वादा किया था कि बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों जैसा बना देंगे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। फिर उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा के गालों के संदर्भ में कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, जैसे ओखला और संगम विहार की सड़कें बना दी हैं, वैसे ही कालकाजी की सारी सड़कें प्रियंका गांधी के गालों जैसी बना दूंगा।” यह बयान पूरी तरह से आपत्तिजनक और महिला विरोधी था, जिसे लेकर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला।
इसके बाद, रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी के नाम को लेकर एक और विवादित टिप्पणी की। बिधूड़ी ने कहा, “आतिशी ने अपना सरनेम ‘मार्लेना’ से बदलकर ‘सिंह’ कर लिया है। वह मार्लेना से सिंह बन गईं, उन्होंने अपना नाम और बाप बदल लिया। यह उनका चरित्र है।” यह बयान भी महिला विरोधी और अपमानजनक था, जिसने बीजेपी को विरोधियों की आलोचनाओं का सामना कराया।
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कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
प्रियंका गांधी पर दिए गए बिधूड़ी के बयान के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह बयान न केवल शर्मनाक है, बल्कि बीजेपी की औरतों के प्रति कुत्सित मानसिकता को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा, “जो आदमी संसद में अपने साथी सांसद को गालियाँ दे सकता है, उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है?” श्रीनेत ने इस बयान को बीजेपी के असली चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया और पार्टी पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी ने भी बिधूड़ी के बयान को लेकर कड़ा विरोध किया। पार्टी ने कहा कि बिधूड़ी की टिप्पणी ने बीजेपी की महिला विरोधी मानसिकता को पूरी तरह से उजागर किया है। पार्टी ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी के नेता इस तरह की टिप्पणियाँ अभी करते हैं, तो कल्पना कीजिए कि अगर वे चुनाव जीतकर सत्ता में आ गए, तो आम महिलाओं के साथ उनका व्यवहार कैसा होगा।
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आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी सोशल मीडिया पर बीजेपी पर हमला किया। उन्होंने ट्वीट किया, “बीजेपी के नेता दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी जी को गंदी-गंदी गालियां दे रहे हैं। एक महिला मुख्यमंत्री का अपमान दिल्ली की जनता सहन नहीं करेगी। दिल्ली की सभी महिलाएं इसका बदला लेंगी।” केजरीवाल का यह बयान बीजेपी के खिलाफ था और उन्होंने इसे महिला विरोधी मानसिकता के रूप में प्रस्तुत किया।
बिधूड़ी के बयान से पार्टी की स्थिति पर असर
बिधूड़ी के इन विवादित बयानों के बाद बीजेपी ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की। हालांकि, बिधूड़ी ने अपने बयान पर खेद जताया और एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अगर उनकी टिप्पणियों से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह माफी मांगते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग उनकी टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाल रहे हैं और उनका मकसद राजनीतिक लाभ उठाना था। लेकिन इसके बावजूद, बिधूड़ी के बयानों ने बीजेपी को आलोचनाओं के घेरे में ला खड़ा किया।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान बीजेपी के लिए चुनावी दृष्टिकोण से नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। दिल्ली में महिला मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और इस तरह के विवादित बयान पार्टी के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बन सकते हैं। चुनावी रणनीति के हिसाब से देखा जाए, तो बीजेपी के लिए यह समय बड़ा संकट लेकर आया है, क्योंकि पार्टी को महिला मतदाताओं के समर्थन की आवश्यकता है।
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कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की
कई बार ऐसे बयानों ने चुनाव का रुख मोड़ दिया है। अतीत में पीएम मोदी के खिलाफ किए गए ‘मौत का सौदागर’ और ‘चौकीदार चोर है’ जैसे बयान, या संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर बयान ने भी चुनावी माहौल को प्रभावित किया था। इस बार भी बिधूड़ी के बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में भारी चर्चाएं हैं, और विपक्ष इसे बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत हथियार बना सकता है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की है। कांग्रेस और आप दोनों के लिए यह मुद्दा महिला वोटरों के बीच बीजेपी के खिलाफ एक जनाक्रोश पैदा करने का अच्छा अवसर हो सकता है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को घेरा
बीजेपी के लिए इस चुनावी माहौल में रमेश बिधूड़ी के विवादित बयानों ने पार्टी को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। महिला विरोधी बयान और अन्य आपत्तिजनक टिप्पणियाँ पार्टी की साख को नुकसान पहुँचा सकती हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ने इसे बीजेपी की महिला विरोधी मानसिकता के रूप में प्रस्तुत किया है और इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है। चुनावी रणनीति में इस तरह के बयानों के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता, और बीजेपी को इस पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है, ताकि यह पार्टी के चुनावी अभियान पर नकारात्मक असर न डाले।