सुप्रीम कोर्ट: ‘सामान्य इरादा’ कुछ क्षण पहले भी उत्पन्न हो सकता है: सुप्रीम कोर्ट ने हत्या मामले में सजा को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की कि सामान्य इरादा (Common Intention) के निर्माण के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं होती है और

SUPREME COURT

Table of Contents

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की कि सामान्य इरादा (Common Intention) के निर्माण के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं होती है और अपराध करने से पहले अपराधियों द्वारा आपस में बैठक करने या साजिश रचने की आवश्यकता नहीं होती है। कोर्ट ने कहा कि सामान्य इरादा अपराधियों के आचरण से, अपराध से पहले, अपराध के दौरान और उसके बाद के व्यवहार से अनुमानित किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हत्या मामले में सजा को बरकरार रखा

यह मामला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ दायर अपील से जुड़ा था, जिसमें उच्च न्यायालय ने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 374(2) के तहत अपील को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने आरोपी A-1 से A-4 के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148, 302, और 307 के साथ-साथ आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दी गई सजा और आजीवन कारावास को बरकरार रखा था।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, “सामान्य इरादा बनाने के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं हो सकती है। अपराधियों के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वे अपराध की योजना बनाने या तैयारी के लिए पहले से कोई बैठक करें। हत्या के इरादे से किया गया सामान्य इरादा अपराध से कुछ क्षण पहले भी उत्पन्न हो सकता है। चूंकि सामान्य इरादा अपराधियों की मानसिक स्थिति से संबंधित होता है, इसे सीधे तौर पर साबित करना चुनौतीपूर्ण होता है। इसके बजाय, इसे अपराध से पहले, अपराध के दौरान और उसके बाद के अपराधियों के आचरण से अनुमानित किया जा सकता है।”

Meta Connect 2024: मार्क जकरबर्ग के Meta ने किए बड़े ऐलान, लॉन्च हुए ये दमदार प्रोडक्ट!

दिल्ली क्राइम रिपोटर्स एसोसिएशन: बैठक में सुरक्षा और समस्याओं पर चर्चा!

सुप्रीम कोर्ट: अपराध के तुरंत पहले, दौरान, और बाद के आचरण से अनुमानित

इस मामले में, पुलिस को पीड़ित ने बताया कि जब आरोपी, जो एक स्कूटर चला रहा था, ने उसे गलती से घायल कर दिया, तो उसके बाद एक बहस हुई। थोड़ी ही देर बाद, उसे और अन्य व्यक्तियों को सभी आरोपियों द्वारा हमला किया गया। A-4 के खिलाफ IPC की धारा 148, 302, 307, और 324 के तहत आरोप तय किए गए थे, जबकि A-1, A-2, A-3 और A-5 के खिलाफ IPC की धारा 148, 302 और 149, 307 और 149, और 324 और 149 के तहत आरोप लगाए गए थे। ट्रायल कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया।

कोर्ट ने कहा, “घायल गवाहों द्वारा दिए गए शपथबद्ध बयान आमतौर पर महत्वपूर्ण साक्ष्य माने जाते हैं। इन गवाहियों को अविश्वसनीय मानकर खारिज नहीं किया जा सकता, जब तक कि उनमें स्पष्ट और महत्वपूर्ण विसंगतियाँ या विरोधाभास न हों जो उनकी विश्वसनीयता को कम करते हों। यदि बयान में कोई अतिशयोक्ति होती है जो मामले के लिए महत्वहीन होती है, तो ऐसी अतिशयोक्ति को नजरअंदाज किया जाना चाहिए; लेकिन यह पूरी गवाही को खारिज करने का आधार नहीं बन सकता।”

सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर आरोपी की अपील को खारिज कर दिया और उनकी सजा को बरकरार रखा।

सुप्रीम कोर्ट: सामान्य इरादे के आधार पर हत्या के मामले में सजा बरकरार

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सामान्य इरादा किसी विशेष समय सीमा के भीतर ही नहीं बनता है और यह जरूरी नहीं है कि अपराधियों ने पहले से कोई योजना बनाई हो या अपराध की तैयारी की हो। सामान्य इरादा अपराध से तुरंत पहले, दौरान और बाद के अपराधियों के आचरण से अनुमानित किया जा सकता है। अदालत ने यह टिप्पणी एक अपील पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 374(2) के तहत अपील को खारिज करते हुए आरोपी A-1 से A-4 की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था।

Headlines Live News

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, “सामान्य इरादा किसी निश्चित समय में बनने की अनिवार्यता नहीं रखता। अपराधियों के लिए जरूरी नहीं है कि उन्होंने अपराध से पहले आपस में बैठकें की हों या तैयारी की हो। हत्या करने का सामान्य इरादा अपराध से कुछ क्षण पहले भी उत्पन्न हो सकता है। चूंकि सामान्य इरादा अपराधियों की मानसिक स्थिति से जुड़ा होता है, इसे सीधे तौर पर साबित करना चुनौतीपूर्ण होता है। इसके बजाय, इसे अपराध से तुरंत पहले, दौरान, और बाद में उनके आचरण से अनुमानित किया जा सकता है।”

सुप्रीम कोर्ट: स्वतंत्र गवाहों की अनुपस्थिति से अभियोजन का मामला प्रभावित नहीं: सर्वोच्च न्यायालय

इस मामले में पुलिस को पीड़ित ने बताया था कि एक बहस तब हुई जब आरोपी, जो एक स्कूटर चला रहा था, ने गलती से उसे चोट पहुंचाई। इसके तुरंत बाद, उस पर और अन्य लोगों पर सभी आरोपियों ने हमला कर दिया। A-4 के खिलाफ आईपीसी की धारा 148, 302, 307 और 324 के तहत आरोप तय किए गए थे, जबकि A-1, A-2, A-3 और A-5 के खिलाफ आईपीसी की धारा 148, 302 और 149 के साथ धारा 307 और 149 और 324 के साथ 149 के तहत आरोप लगाए गए थे। निचली अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया था।

Headlines Live News

अदालत ने चित्तरमल बनाम राजस्थान राज्य मामले का हवाला देते हुए कहा, “यदि सामान्य उद्देश्य में सामान्य इरादा शामिल नहीं है, तो धारा 149 के स्थान पर धारा 34 का उपयोग आरोपी के लिए पूर्वाग्रह पैदा कर सकता है, और इसलिए इसे अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। लेकिन यदि इसमें सामान्य इरादा शामिल है, तो धारा 34 का उपयोग एक औपचारिक मामला माना जाना चाहिए।”

अदालत ने यह भी कहा, “स्वतंत्र गवाहों की जांच न करने से अदालत के फैसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जब तक अन्य गवाहों की गवाही और सबूत आरोपी की दोषसिद्धि को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं।” अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और A-1, A-2 और A-3 को आईपीसी की धारा 148, 302, और 307 के तहत दोषी माना, साथ ही धारा 34 के तहत भी उनकी दोषसिद्धि की पुष्टि की। अदालत ने कहा, “मामले में स्वतंत्र गवाह की अनुपस्थिति के आधार पर अभियोजन पक्ष के मामले को खारिज नहीं किया जा सकता।”

इसके साथ ही, अदालत ने अपील को खारिज कर दिया।

दिल्ली हाईकोर्ट

Regards:- Adv.Radha Rani for LADY MEMBER EXECUTIVE in forthcoming election of Rohini Court Delhi

'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

खबर यहाँ समाप्त हुई

23
Headlines Live News Reader Poll

हेडलाइन्स लाइव न्यूज की खबर आपको कैसी लगी बताए ?

Facebook
WhatsApp
Twitter
Threads
Telegram

Leave a comment

अगली नई खबर शुरू यहाँ पढ़ें ...

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

DIGITAL INDIA की सुविधा: अब नहीं होगी RC गुम होने की टेंशन, जानिए आसान डिजिटल तरीका 2025 !

Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना