सुभासपा की सुरक्षा मांग: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (ओपी राजभर) की सुरक्षा बढ़ाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद अब सुभासपा के नेताओं ने भी इस मामले को गंभीरता से उठाया है और ओपी राजभर को जेड प्लस सुरक्षा देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से पत्र लिखकर आग्रह किया है। सुभासपा ने दावा किया है कि ओपी राजभर का जनाधार तेजी से बढ़ रहा है और बिहार चुनाव में उनकी सक्रियता ने विपक्षी दलों को घबराया हुआ है, जिसके चलते उनके ऊपर साजिश हो सकती है।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव इजहार अली ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए ओपी राजभर को जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग की है। इजहार अली ने पत्र में यह स्पष्ट किया कि ओपी राजभर की बढ़ती लोकप्रियता और बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी सक्रियता ने न केवल समाजवादी पार्टी को, बल्कि अन्य विपक्षी दलों को भी चिंता में डाल दिया है। उनका मानना है कि विपक्षी दल इस बढ़ती लोकप्रियता से डरते हुए साजिश कर सकते हैं, और इसी कारण से सुभासपा को यह महसूस हो रहा है कि ओपी राजभर की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
सुभासपा की सुरक्षा मांग: ओपी राजभर का बढ़ता जनाधार
ओपी राजभर की राजनीतिक यात्रा हमेशा ही विवादों और संघर्षों से जुड़ी रही है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले ओपी राजभर ने सुभासपा के जरिए समाज के पिछड़े वर्गों, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए कई कदम उठाए हैं। उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य इन वर्गों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उनकी आवाज को उठाना है।
इस समय ओपी राजभर उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार सक्रिय रहते हैं। उनका जनाधार बढ़ने की वजह से राज्य में उनकी पार्टी का प्रभाव भी बढ़ा है। इसके अलावा, ओपी राजभर बिहार विधानसभा चुनाव में भी सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं, जिससे उनकी राष्ट्रीय राजनीति में भी एक अहम भूमिका बनती जा रही है।
उनकी इस सक्रियता से विपक्षी दल खासकर समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल (RLD) और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को चिंता होने लगी है। इजहार अली का कहना है कि ओपी राजभर के बढ़ते प्रभाव से विपक्षी दलों में हलचल मची हुई है और वे अपनी सत्ता को खतरे में महसूस कर रहे हैं, जिससे उनके खिलाफ साजिशें हो सकती हैं। इस स्थिति में ओपी राजभर की सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता है।
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सुभासपा की सुरक्षा बढ़ाने की मांग
सुभासपा ने गृहमंत्री अमित शाह से जो पत्र भेजा है, उसमें यह कहा गया है कि ओपी राजभर का परिवार राजनीतिक रूप से एक निशाने पर है। पत्र में यह भी दावा किया गया है कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते उनके जीवन को खतरा हो सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां वह विपक्षी दलों के गढ़ में कार्यक्रम करने जाते हैं। सुभासपा का कहना है कि ओपी राजभर के खिलाफ किसी भी प्रकार की साजिश से बचने के लिए उन्हें केंद्रीय बलों द्वारा जेड प्लस सुरक्षा दी जानी चाहिए।
सुभासपा महासचिव इजहार अली ने पत्र में लिखा कि ओपी राजभर का आना-जाना सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, और अन्य राज्यों में भी सक्रिय रूप से दौरे कर रहे हैं। बिहार चुनाव में वह पूरी ताकत से जुटे हुए हैं, और उनकी इस सक्रियता से विपक्षी दलों में भय का माहौल बना हुआ है। इस खतरे को देखते हुए उन्हें जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग की गई है।
क्यों ज़रूरी है जेड प्लस सुरक्षा?
जेड प्लस सुरक्षा एक उच्चतम स्तर की सुरक्षा है, जो केवल उच्चतम स्तर के नेताओं, मंत्रियों, और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दी जाती है। इस सुरक्षा कवर में केंद्रीय सुरक्षा बलों के कमांडो शामिल होते हैं, जो किसी भी संभावित खतरे से निपटने में सक्षम होते हैं। अगर ओपी राजभर को जेड प्लस सुरक्षा दी जाती है, तो उन्हें एक विशेष सुरक्षा कवच मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा और कार्यों के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
सुभासपा का कहना है कि जब तक उन्हें यह सुरक्षा कवर नहीं मिल जाता, तब तक पार्टी और उनके समर्थक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि ओपी राजभर की सुरक्षा के लिए जो इंतजाम किए गए हैं, वे पूरी तरह से अपर्याप्त हैं और इस समय उनकी सुरक्षा को बढ़ाना बेहद आवश्यक है।
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विपक्षी दलों का विरोध और राजनीति की साजिश
ओपी राजभर की बढ़ती सक्रियता और लोकप्रियता से विपक्षी दलों को घबराहट हो सकती है। हालांकि, उनके समर्थक यह मानते हैं कि यह केवल एक राजनीति का हिस्सा है, लेकिन इस बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ सुभासपा के विरोधियों द्वारा उनकी छवि को खराब करने की कोशिशें भी तेज हो सकती हैं। सुभासपा के नेताओं का कहना है कि ओपी राजभर पर हो रहे हमलों और आलोचनाओं के बीच उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मिलनी चाहिए।
सुभासपा के महासचिव इजहार अली का कहना है कि ओपी राजभर समाज के सभी वर्गों, खासकर दलितों और पिछड़ों के हक में काम कर रहे हैं, और उनका यह काम समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों को पसंद नहीं आ रहा है। इन दलों की तरफ से ओपी राजभर को निशाना बनाने की कोशिशें हो सकती हैं, जो उनके जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। इस लिए सुभासपा की यह मांग पूरी तरह से जायज है कि ओपी राजभर को उच्चस्तरीय सुरक्षा दी जाए।
क्या ओपी राजभर को मिलेगी जेड प्लस सुरक्षा?
ओपी राजभर की बढ़ती सक्रियता और उनके द्वारा उठाए गए सामाजिक मुद्दे राजनीति में एक नई दिशा तय कर रहे हैं। अगर उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाती है, तो यह न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से सुरक्षित करेगा, बल्कि उनकी पार्टी और उनके समर्थकों के लिए भी एक मजबूत सुरक्षा कवच होगा। यह कदम न केवल वर्तमान की राजनीतिक स्थिति में अहम है, बल्कि भविष्य में राज्य और राष्ट्रीय राजनीति पर भी इसका दूरगामी असर हो सकता है। अब यह देखना होगा कि गृह मंत्रालय इस पर क्या कदम उठाता है और ओपी राजभर को जेड प्लस सुरक्षा मिलती है या नहीं।