दिल्ली की एक 39-साल की महिला डॉक्टर ने अपने 40-साल के live-in partner पर ₹1.1 करोड़ से अधिक की ठगी (financial fraud) और बलात्कार (rape) का आरोप लगाया है। यह मामला इसलिए भी चर्चा में आया क्योंकि आरोपी ने डॉक्टर का भरोसा जीतने के लिए शादी का झूठा वादा किया, और पत्नी के बीमे (insurance claim), कानूनी सहायता, परिवार की बीमारी जैसे बहाने बनाकर उससे भुगतान करवाया। आरोपित ने डॉक्टर की डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग करते हुए लक्ज़री बाइक, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदे और उन पर लोन भी लिए। जब डॉक्टर ने इसका पता लगाया और सवाल किया, तो आरोपी ने धमकी और मारपीट भी की। अन्त में, 5 सितंबर 2024 को FIR दर्ज हुई। यह मामला दिल्ली की क्राइम ब्रांच द्वारा जांचाधीन है।
fraud or rape घटना की पृष्ठभूमि
– कैसे शुरू हुआ भरोसा-जाल: डॉक्टर का आरोपी से संपर्क तब हुआ जब उसने खुद को वकील और विवाह हेतु तैयार साथी बताया।
– वजहें और बहाने: बीमा क्लेम, बीमारी, पारिवारिक सहायता—इन बहानों से डॉक्टर ने आर्थिक मदद की।
– डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग: आरोपी ने डॉक्टर की डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया, luxury bikes खरीदे और loans लिए।
– विवरण: “According to the complaint, the man pretended to be a lawyer to get money for ‘legal help’ and his mother’s supposed cancer treatment. After they moved in together, he reportedly used her digital signatures to buy luxury bikes and take loans in her name, along with more spending on furniture and electronics.”
आरोप और FIR
– रिपोर्ट के मुताबिक: डॉक्टर ने आरोप लगाया कि रिश्ता शादी के वादे पर आधारित था—लेकिन जब उसका सच सामने आया, तब वह धमकी देने लगा और मारपीट भी की।
– FIR में दर्ज अपराध:
- Rape
- Criminal Intimidation (धमकी)
- Breach of Trust (विश्वासघात)
- Cheating (ठगी)
– FIR की तारीख: 5 सितंबर 2024 को रॉहिणी/दिल्ली पुलिस थाने में FIR दर्ज हुई। NewsBytes
– कानूनी प्रक्रिया: पुलिस जांच कर रही है, चिकित्सा, वित्तीय और डिजिटल साक्ष्यों की जांच प्रारंभ हो चुकी है।
कानूनी पहलू और संभावित सजा
– भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत:
- IPC धारा 376 (rape) — सजा जेल और जुर्माना
- IPC धारा 420 (cheating) — उच्च न्यूनतम सजा
- IPC धारा 506 (criminal intimidation)
- IPC धारा 405/406 (breach of trust/cheating)
– डिजिटल साक्ष्य: डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग आम बात नहीं—यह साइबर प्रमाण भी बन सकता है।
– शिकायतकर्ता (doctor) को सुरक्षा: इस तरह के मामलों में witness protection, counseling, fast track court की व्यवस्था संभव है।
सामाजिक प्रसंग और चिंता
– महिलाओं की सुरक्षा: live-in relationships में भरोसेमंद पार्टनर यदि इस तरह का अपराध करता है, तो यह सामाजिक चिंता है।
– डिजिटल कानूनी ज्ञान की जरूरत: महिला को डिजिटल सिग्नेचर के दुरुपयोग की जानकारी पहले नहीं थी—साक्ष्य सुरक्षा की अहमियत।
– सामाजिक जागरूकता: डॉक्टर जैसे पेशेवर भी धोखे का शिकार हो सकते हैं; आत्मरक्षा, कानूनी ज्ञान जरूरी।
यह मामला केवल व्यक्तिगत धोखे का नहीं, बल्कि डिजिटल और भावनात्मक भरोसे के दुरुपयोग का उदाहरण है। आरोपी ने डॉक्टर की भावनात्मक कमजोरी और डिजिटल साक्ष्य का इस्तेमाल करके ₹1.1 करोड़ तक की ठगी की—और जब सत्य उजागर हुआ, तो उसने बलात्कार जैसे घिनौने अपराध को अंजाम दिया। यह घटना एक चेतावनी है कि हमें सिर्फ भावनात्मक भरोसे पर नहीं, बल्कि कानूनी, डिजिटल सुरक्षा पर भी भरोसा करना चाहिए।
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