दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में बना सिग्नेचर ब्रिज राजधानी की आधुनिक पहचान माना जाता है। 2018 में जनता के लिए खोले गए इस ब्रिज को एशिया के सबसे ऊँचे केबल-स्टे ब्रिज का दर्जा हासिल है। यह न केवल दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है बल्कि इसकी खूबसूरती देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। लेकिन, हाल के वर्षों में यह पुल अपनी खूबसूरती से ज्यादा हादसों और आत्महत्याओं की वजह से सुर्खियों में रहा है।
10 सितंबर 2025 की सुबह भी कुछ ऐसा ही हुआ जिसने सभी को हिला दिया। एक महिला अचानक ब्रिज से कूद गई और यमुना नदी की तेज धारा में समा गई।
घटना की पूरी जानकारी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह करीब 9:30 बजे एक महिला पुल पर आई। वह कुछ देर रेलिंग के पास खड़ी रही और अचानक नीचे छलांग लगा दी। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस और दिल्ली फायर सर्विस को सूचना दी।
- बचाव कार्य के लिए NDRF की टीम और गोताखोर मौके पर पहुंच गए।
- यमुना नदी इस समय मानसून के कारण ऊफान पर है, जिससे महिला को ढूंढना बेहद कठिन हो गया।
- अभी तक महिला की पहचान और उसकी मंशा सामने नहीं आई है।
यमुना नदी का खतरनाक बहाव
बारिश और पहाड़ी इलाकों से छोड़े गए पानी की वजह से यमुना का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। तेज धारा और गहराई के कारण किसी भी व्यक्ति को निकालना मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि गोताखोरों की टीम लगातार कोशिश करने के बावजूद अभी तक महिला का पता नहीं लगा पाई है।
हादसों का हॉटस्पॉट क्यों बन रहा है सिग्नेचर ब्रिज?
सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन बड़े धूमधाम से हुआ था और इसे दिल्ली की शान कहा गया। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह पुल आत्महत्या और सड़क दुर्घटनाओं का केंद्र बन चुका है।
- जुलाई 2025: दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा स्नेहा देबनाथ ने इसी पुल से कूदकर अपनी जान दे दी थी। 19 वर्षीय स्नेहा गणित की मेधावी छात्रा थी और उसके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था।
- अगस्त 2025: एक और युवती ने पुल से छलांग लगाई थी, जिसका शव घंटों बाद यमुना से बरामद हुआ।
- पहले भी कई घटनाएँ: कई युवक और महिलाएं यहां से कूदकर जान गंवा चुके हैं। साथ ही, पुल पर तेज रफ्तार वाहनों के कारण कई सड़क हादसे भी हुए हैं।
CCTV कैमरे और सुरक्षा पर गंभीर सवाल
सिग्नेचर ब्रिज पर लगे अधिकांश CCTV कैमरे अक्सर खराब रहते हैं। यही कारण है कि कई घटनाओं की कोई स्पष्ट वीडियो फुटेज नहीं मिल पाती।
- परिवार और स्थानीय लोग बार-बार प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते रहे हैं।
- न तो पुल पर स्थायी तौर पर पुलिस बल तैनात है और न ही सेफ्टी बैरियर लगाए गए हैं।
- यहां तक कि रात के समय पुल पर पर्याप्त रोशनी भी नहीं रहती।
इन हालातों ने सिग्नेचर ब्रिज को ‘हादसों का हॉटस्पॉट’ बना दिया है।
मानसिक स्वास्थ्य और समाज की भूमिका
आत्महत्या कभी भी अचानक लिया गया फैसला नहीं होती, यह अक्सर लंबे समय से चले आ रहे मानसिक दबाव, तनाव और अवसाद का नतीजा होती है।
- समाज को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बातचीत करनी होगी।
- परिवार और दोस्तों को चाहिए कि वे अपने आसपास के लोगों की भावनाओं और परेशानियों को गंभीरता से लें।
- स्कूल और कॉलेज स्तर पर काउंसलिंग सिस्टम मजबूत होना चाहिए।
सिग्नेचर ब्रिज का महत्व
- लंबाई: लगभग 675 मीटर
- ऊँचाई: 154 मीटर (42 मंजिला इमारत के बराबर)
- डिजाइन: केबल-स्टे तकनीक पर आधारित
- शुरुआत: निर्माण 1997 में शुरू हुआ और 2018 में जनता के लिए खोला गया
- कनेक्टिविटी: वजीराबाद को ईस्ट दिल्ली से जोड़ता है
यह पुल दिल्ली की खूबसूरती और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक है, लेकिन लगातार हो रही घटनाओं ने इसकी छवि धूमिल कर दी है
2025 की हाल की घटनाओं से जुड़े सबक
- CCTV निगरानी को तुरंत दुरुस्त करना होगा।
- सुरक्षा बैरियर और नेट्स लगाए जाएं।
- ब्रिज पर पुलिस गश्त और गार्ड्स की स्थायी तैनाती हो।
- आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हेल्पलाइन डिस्प्ले किया जाए।
- हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाए।
दिल्ली का सिग्नेचर ब्रिज एक आर्किटेक्चरल वंडर है, लेकिन लगातार हो रहे हादसों और आत्महत्याओं की वजह से यह अब लोगों में भय और चिंता का कारण बन रहा है।
महिला की छलांग की यह ताजा घटना एक और चेतावनी है कि अगर अब भी सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए, तो यह पुल और भी कई जिंदगियों को निगल सकता है।
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📝 मुख्य बिंदु (Key Points)
- महिला ने 10 सितंबर 2025 की सुबह सिग्नेचर ब्रिज से यमुना में छलांग लगाई।
- यमुना नदी का जलस्तर ऊँचा होने से बचाव कार्य मुश्किल।
- महिला की पहचान अभी नहीं हो पाई।
- पहले भी DU छात्रा और अन्य युवतियों ने इसी पुल से कूदकर जान दी।
- CCTV कैमरों और सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खुली।
- प्रशासन पर लापरवाही के आरोप।
- मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की ज़रूरत।












