झारखंड हाईकोर्ट ने चलती ट्रेन से गिरकर मरे व्यक्ति की विधवा को ₹8 लाख मुआवजा दिया

झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक विधवा को ₹8 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है, जिनके पति की चलती

JHARKHAND HC

Table of Contents

झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक विधवा को ₹8 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है, जिनके पति की चलती ट्रेन से गिरकर मौत हो गई थी। अदालत ने यह फैसला एक विशेष अपील की सुनवाई के दौरान दिया, जो रेलवे दावा अधिकरण द्वारा पारित आदेश के खिलाफ दायर की गई थी। अधिकरण ने इस दावे को खारिज कर दिया था कि मृतक वैध यात्री था और घटना को रेल अधिनियम, 1989 की धारा 123(c)(2) के तहत ‘अप्रत्याशित घटना’ नहीं माना था।

झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट: मृतक के वैध यात्री होने का दावा: हाईकोर्ट ने दी स्पष्टता

न्यायमूर्ति सुभाष चंद की पीठ ने इस मामले में कहा कि भले ही मृतक के शव की जांच के दौरान टिकट बरामद नहीं हुआ हो, लेकिन दावा पक्ष द्वारा दायर शपथपत्र यह मानने के लिए पर्याप्त है कि मृतक एक वैध यात्री था। उन्होंने कहा कि उत्तरदाताओं की ओर से ऐसा कोई मौखिक या दस्तावेजी सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह साबित हो सके कि मृतक वैध यात्री नहीं था। इसलिए, अदालत ने मृतक की पत्नी द्वारा दायर दावे को मान्यता दी और कहा कि याचिकाकर्ता मुआवजे की हकदार हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता चैताली चटर्जी सिन्हा ने अदालत के समक्ष मामले की पैरवी की, जबकि उत्तरदाता की ओर से सीजीसी रवि प्रकाश उपस्थित हुए।

गुजरात हाईकोर्ट: 64 वर्षीय व्यक्ति और 22 वर्षीय व्यक्ति के बीच संबंध स्वैच्छिक थे: गुजरात हाईकोर्ट ने धारा 377 आईपीसी मामले में जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट: ‘रद्द किया जा सकने वाला’ बिक्री अनुबंध संधारण अधिकारियों के लिए बाध्यकारी है जब तक कि इसे सिविल कोर्ट द्वारा रद्द नहीं किया जाता

झारखंड हाईकोर्ट: मामले का विवरण: कैसे घटित हुई दुर्घटना

मृतक की पत्नी ने रेलवे दावा अधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत अपने पति की मृत्यु के बाद मुआवजे का दावा किया था। उन्होंने अपने दावे में बताया कि उनके पति ने साहिबगंज से पिरपैती स्टेशन तक यात्रा करने के लिए अपने भाई द्वारा खरीदा गया वैध टिकट लेकर हावड़ा गया एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुए थे।

जब ट्रेन पिरपैती स्टेशन के पास पहुंची, तो उनके पति शंभु ट्रेन से उतरने के लिए दरवाजे की ओर बढ़े। दरवाजे के पास यात्री भीड़ होने के कारण वे अपना संतुलन खो बैठे और दुर्घटनावश ट्रेन से गिर गए, जिससे उन्हें घातक चोटें आईं। रेल पुलिस द्वारा की गई जांच ने इस घटना की पुष्टि की और इस संबंध में एक अप्राकृतिक मृत्यु (यू.डी.) का मामला दर्ज किया गया।

झारखंड हाईकोर्ट: वैध यात्री होने का प्रारंभिक भार: कोर्ट की टिप्पणी

अदालत ने इस मामले में यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता द्वारा वैध यात्री होने का प्रारंभिक भार पूरा हो गया है, और अब यह भार उत्तरदाताओं पर है कि वे यह साबित करें कि मृतक वैध यात्री नहीं था। इस प्रकार, प्रारंभिक भार पूरा होने के बाद, उत्तरदाताओं को इस मामले में स्पष्ट सबूत प्रस्तुत करना आवश्यक था।

न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के यूनियन ऑफ इंडिया बनाम रीना देवी (2019) के फैसले का भी उल्लेख किया। इस फैसले में कहा गया था कि ऐसी स्थिति में जब घायल या मृतक के पास टिकट नहीं है, तब भी यह इस दावे को नकार नहीं सकता कि वह वैध यात्री था। याचिकाकर्ता के लिए प्रारंभिक भार केवल शपथपत्र दाखिल करके पूरा किया जा सकता है और उसके बाद उत्तरदाताओं पर यह भार आ जाता है कि वे सबूत प्रस्तुत करें।

झारखंड हाईकोर्ट: लाभकारी प्रावधान के प्रति व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता

हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के यूनियन ऑफ इंडिया बनाम प्रभाकरण विजय कुमार और अन्य (2008) के फैसले का भी हवाला दिया। इस फैसले में कहा गया था कि चूंकि रेल अधिनियम में मुआवजे का प्रावधान एक लाभकारी विधि है, इसलिए इसका व्यापक और उदार दृष्टिकोण होना चाहिए, न कि संकीर्ण और तकनीकी। अदालत ने इस तथ्य पर जोर दिया कि मुआवजे का प्रावधान पीड़ित परिवारों की मदद के लिए है और इसे किसी भी तकनीकी कारण से रोका नहीं जाना चाहिए।

Headlines Live News

अदालत ने यह भी कहा कि चूंकि यह घटना एक अप्रत्याशित घटना थी, इसलिए याचिकाकर्ता मुआवजे के हकदार हैं। इस आधार पर अदालत ने पहले के आदेश को रद्द कर दिया और याचिका को मंजूरी दी, साथ ही रेलवे को मुआवजे की राशि ₹8 लाख ब्याज सहित देने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश इस बात का प्रतीक है कि न्यायालय पीड़ित परिवारों के हक में न्याय देने के लिए प्रतिबद्ध है।

झारखंड हाईकोर्ट: पीड़ित परिवार को न्याय मिला

यह मामला केवल मुआवजे के अधिकार तक सीमित नहीं था, बल्कि यह न्यायालय द्वारा उन सिद्धांतों की पुष्टि भी करता है, जिनके आधार पर लाभकारी प्रावधानों का विस्तार और उदार व्याख्या की जानी चाहिए। अदालत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए और किसी भी प्रकार की तकनीकी अड़चन के कारण इसे रोका नहीं जाना चाहिए। इस मामले में मृतक के परिवार को ₹8 लाख का मुआवजा मिलना न केवल उनकी वित्तीय कठिनाइयों को कम करेगा बल्कि यह एक संदेश भी देता है कि न्यायालय हमेशा पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।

Headlines Live News

मामला शीर्षक: कविता देवी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया
उपस्थिति:

  • याचिकाकर्ता: अधिवक्ता चैताली चटर्जी सिन्हा और चैनिका
  • उत्तरदाता: सीजीसी रवि प्रकाश

इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि न्यायालय ने मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिलाने के लिए एक मजबूत दृष्टिकोण अपनाया है और न्याय की रक्षा की है।

'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

खबर यहाँ समाप्त हुई

23
Headlines Live News Reader Poll

हेडलाइन्स लाइव न्यूज की खबर आपको कैसी लगी बताए ?

Facebook
WhatsApp
Twitter
Threads
Telegram

Leave a comment

अगली नई खबर शुरू यहाँ पढ़ें ...

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

DIGITAL INDIA की सुविधा: अब नहीं होगी RC गुम होने की टेंशन, जानिए आसान डिजिटल तरीका 2025 !

Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना