BOMBAY HC: बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर गौरव तनेजा, जिन्हें “द फ्लाइंग बीस्ट” के नाम से भी जाना जाता है, को कैस्ट्रॉल इंडिया लिमिटेड के “कैस्ट्रोनॉमी” अभियान में कॉपीराइट उल्लंघन के मामले में दोषी ठहराते हुए उनके सोशल मीडिया चैनलों से संबंधित सामग्री को हटाने का आदेश दिया।
यह मामला तब सामने आया जब तनेजा और उनके सहयोगियों ने बिना अनुमति के कैस्ट्रॉल के विपणन अभियान में उपयोग की गई रचनात्मक सामग्री का उपयोग किया।
BOMBAY HC: मामले की पृष्ठभूमि
कैस्ट्रॉल इंडिया ने “कैस्ट्रोनॉमी” नामक एक मार्केटिंग अभियान के तहत एक शून्य-गुरुत्वाकर्षण उड़ान अनुभव का आयोजन किया था। इस अभियान का उद्देश्य कैस्ट्रॉल के ऑटोमोटिव उत्पादों को बढ़ावा देना था। इस दौरान ली गई वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पर कंपनी का कॉपीराइट था।
RECRUITMENT SCAM: सुप्रीम कोर्ट ने पार्थ चटर्जी केस में तेजी लाई
BOMBAY HC: कोई कारण नहीं कि एआईएमआईएम टीपू जयंती पर पुणे में रैली न कर सके
गौरव तनेजा ने इस अभियान में हिस्सा लिया था और शुरुआत में एक वीडियो साझा किया जिसमें इस अभियान के फुटेज और कैस्ट्रॉल के प्रचार सामग्री शामिल थी। हालांकि, बाद में उन्होंने इस वीडियो का संपादित संस्करण अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड किया। इस संपादित वीडियो से कैस्ट्रॉल से संबंधित प्रचार सामग्री को हटा दिया गया था।
कैस्ट्रॉल इंडिया ने आरोप लगाया कि तनेजा की इस हरकत से उनके कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने बिना अनुमति के वीडियो साझा किया और प्रचार सामग्री को हटाकर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया।
कैस्ट्रॉल के वकीलों ने तर्क दिया कि तनेजा द्वारा साझा की गई सामग्री में उनका कॉपीराइट है और इसे बिना अनुमति के साझा करना गैरकानूनी है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संपादित सामग्री के कारण कैस्ट्रॉल के विपणन प्रयासों को नुकसान हुआ है।
BOMBAY HC: कोर्ट का फैसला
न्यायमूर्ति आरआई चागला की अगुवाई वाली खंडपीठ ने माना कि तनेजा और उनके सहयोगियों ने कैस्ट्रॉल की अनुमति के बिना सामग्री का उपयोग किया और इसे जानबूझकर संपादित किया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा:
“तनेजा के कार्यों से यह साबित होता है कि उन्होंने बिना अनुमति के सामग्री का उपयोग किया और कैस्ट्रॉल के वैध कॉपीराइट का उल्लंघन किया।”
न्यायालय ने कहा कि मूल वीडियो में कैस्ट्रॉल और उसके उत्पादों के प्रचार से संबंधित खंड शामिल था, लेकिन तनेजा ने जानबूझकर इसे हटा दिया।
कोर्ट ने तनेजा को आदेश दिया कि वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से संबंधित सभी सामग्री को तुरंत हटा दें।
कोर्ट ने तनेजा के कार्यों को “जानबूझकर और बेईमानी से किया गया” करार दिया। न्यायालय ने कहा कि तनेजा के कार्य कैस्ट्रॉल के अधिकारों का उल्लंघन हैं और उन्होंने इसे अपने फायदे के लिए किया है।
“प्रतिवादी (तनेजा) ने जानबूझकर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड की है और इसे संपादित कर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। यह सामग्री उनके सोशल मीडिया चैनलों पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है, जिसे कोई भी आसानी से देख सकता है।”
BOMBAY HC: कैस्ट्रॉल की ओर से पैरवी
कैस्ट्रॉल की ओर से वकील हिरेन कामोद और उनकी टीम ने अदालत में पैरवी की। उन्होंने तनेजा के खिलाफ ठोस तर्क प्रस्तुत किए और अदालत को यह समझाने में सफल रहे कि यह मामला कॉपीराइट उल्लंघन का है।
कोर्ट ने तनेजा और उनके सहयोगियों को कैस्ट्रॉल की रचनात्मक सामग्री का किसी भी रूप में उपयोग करने से रोक दिया और उन्हें अपने सोशल मीडिया हैंडल से संबंधित वीडियो और सामग्री को हटाने का आदेश दिया।
“तनेजा के कार्यों ने कैस्ट्रॉल की मार्केटिंग रणनीति को नुकसान पहुंचाया है। इस मामले में वादी (कैस्ट्रॉल) का पक्ष मजबूत है और उन्हें न्याय मिलना चाहिए।”
BOMBAY HC: निष्कर्ष
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि कॉपीराइट कानून का उल्लंघन गंभीर अपराध है, और डिजिटल युग में इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यह फैसला सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक सबक है कि वे सामग्री का उपयोग करते समय कॉपीराइट कानूनों का पालन करें और ब्रांड की अनुमति के बिना किसी भी रचनात्मक सामग्री का उपयोग न करें।