दिल्ली, देश की राजधानी, जहां लाखों छात्र पढ़ाई और करियर बनाने के लिए आते हैं, वहाँ महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की एक छात्रा ने एक कैब ड्राइवर पर अश्लील हरकत का आरोप लगाया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा, कैब सेवाओं की विश्वसनीयता और समाज के नैतिक मूल्यों पर गंभीर बहस को जन्म देता है।
Cab घटना का पूरा विवरण
- यह Cab घटना 8 सितंबर 2025 की सुबह की है।
- पीड़िता, जो एक 22 वर्षीय पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रा है, ने Rapido ऐप से Cab बुक की थी ताकि वह नॉर्थ कैंपस, दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुँच सके।
- यात्रा के दौरान, आरोपी ड्राइवर ने पहले अश्लील इशारे और बातें कीं।
- विरोध करने पर भी उसने अपनी हरकतें जारी रखीं और फिर कैब चलाते समय मास्टर्बेट करना शुरू कर दिया।
- छात्रा ने डर और हिम्मत दोनों के बीच पुलिस की मदद लेने का निर्णय लिया।
- जैसे ही कैब नॉर्थ कैंपस के पास पहुँची, छात्रा ने गाड़ी से उतर कर मदद के लिए पास के पुलिस पिकेट का रुख किया।
- पुलिस ने तुरंत FIR दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
Cab आरोपी कौन है?
- आरोपी का नाम लोम शंकर है, उम्र लगभग 48 वर्ष।
- पुलिस की जांच में सामने आया कि वह Rapido प्लेटफॉर्म पर ड्राइवर के रूप में काम करता था।
- गाड़ी को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है ताकि सबूतों की जांच हो सके।
पुलिस की कार्रवाई Cab आरोपी के लिए
- Maurice Nagar थाने में FIR दर्ज की गई।
- आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया गया।
- पुलिस अधिकारियों ने बताया कि “हम इस मामले को बेहद गंभीरता से देख रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी शिकायत को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाती है।”
पीड़िता की हिम्मत Cab आरोपी के विरोध मे
इस घटना में सबसे बड़ी बात यह रही कि छात्रा ने डरकर चुप रहने के बजाय तुरंत पुलिस की मदद ली। कई मामलों में देखा गया है कि महिलाएँ डर, शर्म या सामाजिक दबाव की वजह से शिकायत नहीं करतीं। लेकिन इस छात्रा की बहादुरी ने न केवल आरोपी को सलाखों के पीछे पहुँचाया, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया है कि ऐसे मामलों में चुप न रहें।
Cab सेवाओं की जवाबदेही
यह मामला राइड-शेयरिंग कंपनियों और कैब सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाता है।
- ड्राइवरों की पृष्ठभूमि जाँच कितनी गहराई से होती है?
- महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऐप्स में और क्या उपाय किए गए हैं?
- क्या इमरजेंसी SOS बटन वाकई समय पर मदद दिला पाता है?
Rapido और अन्य कंपनियों को इस घटना के बाद और सख्त निगरानी और सुरक्षा उपाय लागू करने की ज़रूरत है।
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कानूनी पहलू Cab आरोपी पर
पुलिस ने आरोपी पर IPC की धारा 354 (महिला की इज्जत भंग करना), 509 (अश्लील इशारे और शब्दों का इस्तेमाल) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
- अगर आरोप साबित होते हैं तो आरोपी को 3 साल से लेकर 7 साल तक की सज़ा हो सकती है।
- कोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला की गवाही सबसे अहम होगी।
महिला सुरक्षा पर सवाल Cab घटना के बाद
दिल्ली पहले से ही महिलाओं के लिए असुरक्षित शहर के रूप में पहचाना जाता है। Nirbhaya कांड के बाद कई सख्त कानून बने, सुरक्षा उपाय किए गए, लेकिन फिर भी ऐसे मामले लगातार सामने आते रहते हैं।
- दिल्ली पुलिस और सरकार को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं को हर समय सुरक्षित माहौल मिले।
- ऐप-आधारित टैक्सी सेवाओं को भी यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी।
समाज की भूमिका
महिला सुरक्षा केवल सरकार या पुलिस की ज़िम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।
- लोगों को ऐसी घटनाओं पर चुप नहीं रहना चाहिए।
- पीड़िताओं का समर्थन करना चाहिए और उनके साथ खड़ा होना चाहिए।
- समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुख्य बिंदु
- घटना 8 सितंबर 2025 को दिल्ली नॉर्थ कैंपस के पास हुई।
- 22 वर्षीय छात्रा ने Rapido कैब बुक की थी।
- आरोपी ड्राइवर का नाम लोम शंकर (48 वर्ष)।
- ड्राइवर ने यात्रा के दौरान अश्लील हरकत की और मास्टर्बेट किया।
- छात्रा ने साहस दिखाकर पुलिस से मदद ली।
- Maurice Nagar थाने में FIR दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
- आरोपी पर IPC की धारा 354 और 509 सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज।
- कैब सेवाओं की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े।
- महिला सुरक्षा और समाज की जिम्मेदारी फिर से चर्चा में।
यह घटना केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि एक चेतावनी है कि महिलाओं की सुरक्षा पर और ज्यादा काम करने की जरूरत है। एक तरफ यह पीड़िता की हिम्मत को सलाम करता है, जिसने तुरंत कार्रवाई की, वहीं दूसरी तरफ यह कैब कंपनियों और पुलिस प्रशासन को याद दिलाता है कि सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जाए।
महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल देना केवल कानून का दायित्व नहीं बल्कि पूरे समाज की नैतिक जिम्मेदारी है।












