CYBER सुरक्षा चेतावनी: डिजिटल दुनिया में हमारी प्राइवेसी और सिक्योरिटी खतरे में पड़ सकती है, और हमें अनजाने में अपनी जानकारी हैकर्स के हाथों देनी पड़ सकती है।
टेक्नोलॉजी की मदद से हैकर्स अब पर्सनल डेटा चुराने के लिए नित नए तरीके खोज रहे हैं, और इनमें से एक तरीका है Google सर्च पर कुछ खास शब्द टाइप करना। हाल ही में एक साइबर सिक्योरिटी एजेंसी SOPHOS ने एक चेतावनी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि अगर आप गूगल सर्च में “Are Bengal Cats legal in Australia” जैसा वर्ड टाइप करते हैं, तो आपका स्मार्टफोन और लैपटॉप हैक हो सकता है।
इस खबर ने इंटरनेट यूजर्स को अलर्ट कर दिया है, क्योंकि यह एक नये तरह की साइबर अटैक का हिस्सा हो सकता है, जो हमारी ऑनलाइन प्राइवेसी को खतरे में डाल सकता है।
CYBER सुरक्षा चेतावनी: साइबर अपराधी की नई रणनीति
CYBER सुरक्षा चेतावनी: SOPHOS ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि साइबर अपराधी अब एक नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे SEO पॉइजनिंग कहा जाता है। SEO यानी सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, जो वेबसाइटों को गूगल जैसे सर्च इंजन पर ज्यादा रैंक दिलाने का तरीका है। हैकर्स इस तकनीक का फायदा उठाकर कुछ खास शब्दों या वाक्यांशों के साथ गलत लिंक दिखाते हैं। जब कोई यूजर इन लिंक पर क्लिक करता है, तो उनके डिवाइस में वायरस या मैलवेयर एंटर कर जाता है, और यह डिवाइस की पर्सनल और बैंक डिटेल्स को चुराने का काम करता है।
WHATSAPP का नया फीचर: योजनाओं को प्रबंधित करने का नया तरीका 2024 !
WhatsApp LOW LIGHT MODE: DIM LIGHT में वीडियो कॉलिंग का नया अनुभव 2024 !
Vivo S20 सीरीज: Vivo S19 को replace कर पेश होगी नई तकनीक और सुविधाएं !
Samsung One UI 7: एआई नोटिफिकेशन समरी का नया फीचर !
Google की बढ़ी टेंशन : ChatGPT ने पेश किया नया फीचर, अब मिलेगी रियल टाइम जानकारी 2024 !
DIGITAL ARREST: बुजुर्ग महिला से 14 लाख रुपये की ठगी, कैसे होता है Digital Arrest FRAUD ?
हैकर्स की यह नई रणनीति यूजर्स के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है। SOPHOS ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि “Are Bengal Cats legal in Australia” जैसे शब्दों के जरिए वे यूजर्स को अपनी जाल में फंसाने में सफल हो रहे हैं। इस लिंक पर क्लिक करते ही हैकर्स Gootloader नामक एक प्रोग्राम का इस्तेमाल करते हैं, जो यूजर्स के पर्सनल डाटा को चोरी कर लेता है। साथ ही, यह सॉफ़्टवेयर आपके डिवाइस को लॉक भी कर सकता है, जिससे आप अपने डिवाइस का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
CYBER सुरक्षा चेतावनी: Gootloader प्रोग्राम का खतरा
CYBER सुरक्षा चेतावनी: Gootloader एक खास तरह का वायरस है, जो ऑनलाइन शिकारियों द्वारा उपयोग किया जाता है। यह प्रोग्राम यूजर्स के डिवाइस पर पहुंचने के बाद कई प्रकार की गतिविधियों को अंजाम दे सकता है। जब यूजर किसी वायरस से संक्रमित लिंक पर क्लिक करते हैं, तो Gootloader उनके सिस्टम में घुसकर उन्हें रिमोटली कंट्रोल कर सकता है। यह वायरस यूजर की बैंकिंग जानकारी, पर्सनल डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स जैसी जानकारी चुराने का काम करता है।
इसके अलावा, यह वायरस डिवाइस को लॉक भी कर सकता है, और यूजर को फिर अपनी जानकारी को हासिल करने के लिए हैकर्स को भुगतान करने के लिए मजबूर कर सकता है। ऐसे में, यह वायरस एक तरह से ‘रैनसमवेयर’ का काम करता है।
क्यों हैकर्स को ‘ऑस्ट्रेलिया’ से जुड़ा कंटेंट आकर्षक लगता है
SOPHOS के अनुसार, हैकर्स उन यूजर्स को ज्यादा टारगेट करते हैं, जो अपने सर्च में ‘ऑस्ट्रेलिया’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। इसका कारण यह है कि ऑस्ट्रेलिया से जुड़े कई चर्चित और विवादित विषयों पर लोग अक्सर सर्च करते हैं। ‘बंगाल कैट्स’ जैसी सामान्य बातें, जो किसी को भी दिलचस्प लग सकती हैं, हैकर्स के लिए एक टार्गेट बन जाती हैं। ये शब्द असल में harmless लगते हैं, लेकिन यही हैकर्स के लिए लोगों को उनकी जाल में फंसाने का एक तरीका बन जाते हैं।
हैकर्स इस तरह के शब्दों का चयन इसलिये करते हैं, क्योंकि इनकी ओर यूजर्स का ध्यान बिना किसी शंका के आकर्षित होता है, और वे बिना सोचे-समझे लिंक पर क्लिक कर देते हैं।
How To Make Professional Logo For Your Youtube Channel |Only 5 Mins
Big Breaking News | UP Social media policy | govt to pay influencers up to ₹8 lakh per month
BEST WIRELESS MIC || MEDIA MIC || BEST PRICE
BEST WIRELESS MIC || MEDIA MIC
सबसे अच्छा और सस्ता BEST BOYA MIC
SEO पॉइजनिंग और हैकिंग का तरीका
SEO पॉइजनिंग एक तकनीक है, जिसमें हैकर्स अपने मालवेयर को ऐसी वेबसाइटों या पृष्ठों में छिपाते हैं, जो सर्च इंजन पर उच्च रैंक पर आते हैं। इन वेबसाइटों का उद्देश्य यूजर्स को आकर्षित करना और उन्हें धोखा देना है। जब यूजर्स इन वेबसाइटों पर जाते हैं, तो उनकी जानकारी चुराई जाती है या उनके डिवाइस में वायरस डाउनलोड हो जाता है। यही वजह है कि SOPHOS ने सलाह दी है कि यूजर्स को कभी भी ऐसे शब्दों का सर्च नहीं करना चाहिए, जो अनजाने में उन्हें धोखा दे सकते हैं।
अपनी डिजिटल सुरक्षा को कैसे बढ़ाएं?
साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए, अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को बनाए रखना बेहद जरूरी हो गया है। SOPHOS ने कुछ सुझाव दिए हैं, जो यूजर्स को अपनी डिवाइस और पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं:
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें**: यह आपको अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है। जब भी आप किसी ऑनलाइन सेवा का उपयोग करें, तो टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को एक्टिवेट कर लें।
- सुरक्षित और मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें: अपनी सभी ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल न करें। हमेशा अलग-अलग और मजबूत पासवर्ड सेट करें।
- पसंदीदा लिंक पर क्लिक करने से पहले जांचें: अगर आप किसी लिंक पर क्लिक करने से पहले शंका महसूस करते हैं, तो पहले उसकी प्रामाणिकता जांच लें।
- साइबर सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें: हमेशा अपने डिवाइस में अच्छे साइबर सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें, जो मालवेयर और वायरस को ब्लॉक कर सके।
- स्मार्टफोन और लैपटॉप की सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें: सुनिश्चित करें कि आपके डिवाइस का सॉफ़्टवेयर और सुरक्षा पैच हमेशा अपडेटेड रहे।
ऑनलाइन सुरक्षा की अहमियत: डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना जरूरी
आजकल के डिजिटल युग में साइबर सिक्योरिटी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। हैकर्स नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करके यूजर्स की पर्सनल जानकारी चुराने में लगे रहते हैं। इसलिए हमें सतर्क रहना और अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। SOPHOS की चेतावनी ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि गूगल सर्च पर कभी भी कुछ भी सर्च करते वक्त हमें अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूक रहना चाहिए।