DELHI HC: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मोती महल डीलक्स प्रबंधन सेवा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर ट्रेडमार्क मुकदमे में फैसला सुनाते हुए, पूर्व फ्रेंचाइजी एसआरएमजे बिजनेस प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को प्रतिष्ठित ‘मोती महल डीलक्स’ और ‘मोती महल डीलक्स तंदूरी ट्रेल’ चिह्नों का उपयोग करने से रोक दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मिनी पुष्करना द्वारा पारित किया गया।
DELHI HC: मामले की पृष्ठभूमि
मोती महल डीलक्स प्रबंधन सेवा प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि पूर्व फ्रेंचाइजी एसआरएमजे बिजनेस प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड फ्रेंचाइजी समझौते की समाप्ति के बावजूद ‘मोती महल डीलक्स’ और ‘मोती महल डीलक्स तंदूरी ट्रेल’ नामों का उपयोग कर रही है।
याचिका में यह भी कहा गया कि एसआरएमजे अपने रेस्तरां और खानपान व्यवसाय के प्रचार-प्रसार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे ज़ोमैटो, फेसबुक, और इंस्टाग्राम पर भी इन ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर रही है।
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याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि यह उपयोग जनता को गुमराह कर रहा है और मोती महल की प्रतिष्ठा और साख का अनुचित लाभ उठाने का प्रयास है। यह ‘मोती महल’, ‘मोती महल समूह’ और ‘मोती महल प्रबंधन सेवाओं’ जैसे पंजीकृत ट्रेडमार्क के समान है, जो मोती महल की विशिष्ट पहचान को ठेस पहुंचाने वाला है।
DELHI HC: अदालत का निर्णय
न्यायमूर्ति मिनी पुष्करना ने प्राथमिक दृष्टि में मोती महल डीलक्स प्रबंधन सेवा प्राइवेट लिमिटेड का पक्ष सही ठहराते हुए कहा, “वादीगण ने निषेधाज्ञा के लिए प्रथम दृष्टया मामला प्रस्तुत किया है। यदि तत्काल निषेधाज्ञा नहीं दी जाती है, तो वादीगण को अपूरणीय क्षति होगी।”
अदालत ने एसआरएमजे बिजनेस प्रमोटर्स को अपने रेस्तरां और प्रचार सामग्री, जैसे होर्डिंग्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, से ‘मोती महल डीलक्स’ और ‘मोती महल डीलक्स तंदूरी ट्रेल’ का संदर्भ हटाने का भी निर्देश दिया।
अदालत ने यह आदेश दिया कि एसआरएमजे बिजनेस प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड:
- ‘मोती महल डीलक्स’ और ‘मोती महल डीलक्स तंदूरी ट्रेल’ चिह्नों का उपयोग बंद करे।
- किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (जैसे ज़ोमैटो, फेसबुक, और इंस्टाग्राम) और प्रचार सामग्री में इन ट्रेडमार्क का उपयोग न करे।
- रेस्तरां और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के लिए मोती महल के नाम का इस्तेमाल बंद करे।
DELHI HC: याचिकाकर्ता का पक्ष
मोती महल डीलक्स प्रबंधन सेवा प्राइवेट लिमिटेड की ओर से अधिवक्ता श्रेया सेठी और अनिरुद्ध भाटिया ने अदालत में प्रस्तुत किया कि ‘मोती महल’ नाम न केवल एक पंजीकृत ट्रेडमार्क है, बल्कि यह भारत में रेस्तरां उद्योग में एक प्रतिष्ठित और विश्वसनीय ब्रांड है।
उनका कहना था कि एसआरएमजे द्वारा ट्रेडमार्क का निरंतर उपयोग न केवल अनुबंध का उल्लंघन है, बल्कि यह उपभोक्ताओं को भी भ्रमित कर सकता है।
प्रतिवादी एसआरएमजे बिजनेस प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से यह तर्क दिया गया कि उन्होंने फ्रेंचाइजी समझौते के तहत ही इन चिह्नों का उपयोग किया था। हालांकि, याचिकाकर्ता ने यह साबित किया कि फ्रेंचाइजी समझौता समाप्त हो चुका है, और इसके बाद भी ट्रेडमार्क का उपयोग करना कानूनी उल्लंघन है।
DELHI HC: अदालत की टिप्पणी
न्यायमूर्ति मिनी पुष्करना ने यह स्पष्ट किया कि ट्रेडमार्क का उपयोग फ्रेंचाइजी समझौते की समाप्ति के बाद जारी रखना न केवल अनुचित है, बल्कि यह ट्रेडमार्क कानून का भी उल्लंघन है।
मामले में अदालत ने समन जारी कर इसे 6 मई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय का यह फैसला ट्रेडमार्क संरक्षण और अनुबंध की शर्तों के पालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अन्य व्यवसायों के लिए भी एक संदेश है कि पंजीकृत ट्रेडमार्क का अनुचित उपयोग गंभीर कानूनी परिणाम ला सकता है।