Demolition News 2024: भलस्वा डेयरी इलाके के लोगों द्वारा डिमोलिशन रोकने के लिए हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई है, जिसमें कोर्ट ने 16 अगस्त को तमाम भलस्वा डेरी संबंधित सभी दस्तावेज और एफिडेविट बनवाकर कोर्ट में सबमिट कराने के आदेश दिए हैं. वहीं MCD ने भी हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होने तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने की बात कही है।
Demolition News 2024: आंखों में आंसू, खोज रहा नया ठिकाना, भलस्वा डेयरी में ढह जाएगा लोगों का आशियाना
Demolition News 2024: राजधानी दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में नगर निगम द्वारा डिमोलिशन की कार्रवाई को लेकर लोगों में गुस्सा है. MCD की इस कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों लोगों ने सड़क पर जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया, साथ ही किसी भी हालत में यहां पर बुलडोजर कार्रवाई नहीं होने देने की बात कही. स्थानीय लोगों द्वारा डिमोलिशन रोकने के लिए हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई है, जिसमें कोर्ट ने 16 अगस्त को तमाम भलस्वा डेरी संबंधित सभी दस्तावेज और एफिडेविट बनवाकर कोर्ट में सबमिट कराने के आदेश दिए हैं.
📢 दिल्ली नगर निगम की महत्वपूर्ण सूचना
— Municipal Corporation of Delhi (@MCD_Delhi) August 8, 2024
भलस्वा डेयरी कॉलोनी में अनाधिकृत निर्माण को 3 दिनों के अंदर खाली करें।
अनुपालन न करने पर जबरन हटाया जाएगा और ध्वस्तिकरण का खर्च प्लॉट धारकों से वसूला जाएगा।#MCD #Notice #Announcement #important pic.twitter.com/VRgDJzBCPK
क्या है मामला? Demolition News 2024
एक निजी संस्था संचालिका सुनैना सिंबल की तरफ से भलस्वा डेयरी में हो रहे पशुपालन पर आपत्ति जताते हुए एक रिपोर्ट तैयार की गई. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि भलस्वा डेयरी के पशुओं का दूध पीने योग्य नहीं है, क्योंकि एक तरफ भलस्वा डेयरी में प्रदूषित झील है तो दूसरी तरफ भलस्वा लैंडफिल साइड है. इसकी वजह से यहां का वातावरण हमेशा प्रदूषित रहता है. अक्सर आवारा पशु कूड़े के ढेर पर देखे जाते हैं. इसी वजह से एनजीओ चलाने वाली सुनैना सिब्बल ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए भलस्वा डेयरी को यहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की है
स्थानीय लोगों का कहना है कि वह 1976 में यहां पर आकर बसे थे, जब यह जगह जंगल हुआ करती थी. अब यह रिहायशी इलाके में तब्दील हो गया है तो उन्हें यहां से हटाने की बात कही जा रही है. फिलहाल, ये मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में देखना होगा कि 16 अगस्त को हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला करता है.
दिल्ली हाई कोर्ट का जजमेंट
पुलिस फोर्स के साथ पहुंचा MCD अमला
Demolition News 2024: कोर्ट में मामला जाने के बाद भी नगर निगम की तरफ से आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट डीसीपी ऑफिस और भलस्वा थाना पुलिस से फोर्सज की मांग की गई. सुबह-सुबह ही एमसीडी का अमला जेसीबी और फोर्स के साथ घरों पर बुलडोजर चलाने के लिए पहुंचा, जिसे देखते ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. भलस्वा डेयरी में रहने वाले हजारों लोगों ने झील की मुख्य सड़क को जाम कर फोर्स को झील पर ही रोक दिया.
जानकारी के मुताबकि फिलहाल माहौल को देखते हुए यहां प्रशासन ने डिमोलिशन की कार्यवाई पर रोक लगा दी है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्रयाप्त फोर्स नही होने के चलते फिलहाल ड्राइव को रोक लगाई गई है. फोर्स की तैनाती 15 अगस्त की सुरक्षा में लगाई गई है. स्थानीय लोगो ने बुलडोजर ड्राइव को रोकने के लिए कोर्ट में अपील भी कर रखी है, जिस पर सुनवाई 16 अगस्त को होनी है. अब ये बुलडोजर ड्राइव 23 अगस्त को हो सकती है.
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Demolition News 2024: मौके मौजूद एक शख्स ने एमसीडी की कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि अगर एमसीडी को इन घरों तोड़ना था तो उस दौरान तोड़ती जब इन घरों का निर्माण किया जा रहा उस वक्त प्रशासन कहां गया था. यहां से प्रशासन वाले एक-एक लेंटर के एक लाख-दो लाख रुपये लेकर जाते हैं. तोड़ना है तो पहले उनका घर तोड़, उन्होंने पहले हमसे यहां घर बनाने का पैसा लिया. उस वक्त ये पुलिस, एमसीडी प्रशासन कहां गया था. आज ये कुछ भ्रष्ट एनजीओ की वजह हमारे घरों को तोड़ने आएं हैं. हम यहां तब से है है, जब यहां जगल था
वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि 80 प्रतिशत लोग यहां हाउस टैक्स देते हैं और ये दूसरी तरफ हमको परेशान कर रहे हैं. हम मर जाएंगे पर, इस जगह को नहीं छोड़ें एमसीडी ने एक पब्लिक नोटिस जारी कर लोगों से तीन दिन के अंदर इलाके को खाली करने का अल्टीमेटम दिया था. नोटिस में एमसीडी ने कहां था कि आदेश का अनुपालन नहीं करने पर जबरन हटाया जाएगा और कार्रवाई का पैसा भी प्लॉट मालिक से ही लिया जाएगा.
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यहां नहीं हुआ कोई सर्वे
Demolition News 2024: लोगों का कहना है कि यहां कोई सर्वे नहीं हुआ विभागीय टीम द्वारा दौर तक नहीं किया गया और सीधे नोटिस उनके घर पर चस्पा कर दिए गए लेकिन लोग घर खाली करने को तैयार नहीं है
दिल्ली हाईकोर्ट ने भलस्वा डेयरी में अतिक्रमण की कार्यवाही के दौरान चार लोगों की मौत होने की गलत सूचना पर सख्त नाराजगी जताई है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने कहा कि वहां चार मौत हुई, लेकिन कोई मौत नहीं है, यह पूरी तरह से गलत है. आप इस मामले में कोई भावनात्मक और राजनीतिक रूप न दें.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा हम राजनीति से दूर रहते हैं हमें राजनीति में शामिल न करें, जिस समय आपने यह किया हमको पता था कि आप यह क्यों कर रहे हैं. आपका यह कहना कि चार लोगों की मौत हो गई यह पूरी तरह से गलत है. क्या कोर्ट के आदेश की वजह से 4 मौत हुई. इस मामले को स्कैन्डलाइज मत करिए.
डेमोलिशन के लिए पहुंची थी नगर निगम की टीम
Demolition News 2024: सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम ने हाईकोर्ट को भरोसा दिया कि वह 16 अगस्त को होने वाली सुनवाई तक वहां कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी. दरअसल, आज भलस्वा डेयरी के निवासियों की ओर से एक वकील ने इस मामले को कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम के बुलडोजर भारी पुलिस बल के साथ इलाके में डेमोलिशन करने पहुंच गए हैं. उसके बाद दिल्ली नगर निगम ने हाईकोर्ट को 16 अगस्त तक कोई कार्रवाई नहीं करने का भरोसा दिया.
बता दें कि इसके पहले 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने भलस्वा से सभी डेयरियों को घोघा डेयरी कालोनी में चार हफ्ते के अंदर शिफ्ट करने का आदेश दिया था. इसी आदेश का अनुपालन करते हुए दिल्ली नगर निगम की टीम पुलिस बलों के साथ भलस्वा डेयरी डेमोलिशन करने पहुंची थी.
जिस डर में भलस्वा डेयरी के लोग अब तक जी रहे थे, उससे उन्हें कुछ राहत मिली है। हालांकि इस राहत के लिए पिछले तीन दिनों में भलस्वा डेयरी के लोगों ने काफी मेहनत की है।अब हाई कोर्ट ने उन्हें 16 अगस्त को सुनवाई की अगली तारीख दी है, जिससे भलस्वा डेयरी के लोगों में नई उम्मीद जागी है। सभी लोगों में खुशी की नई लहर आई है। उनकी और का पक्ष सुनने के लिए लोगों ने हाई कोर्ट का धन्यवाद किया है और उम्मीद जताई है कि अगली सुनवाई में भी फैसला उनके हक में होगा।
भलस्वा डेरी के लोगों की वकील ने बताया कि कोर्ट का उद्देश्य लोगों के घरों को तोड़ना नहीं बल्कि पशुओं की पूर्ण रूप से देखरेख करना है।
एफिडेविट में क्या-क्या पेश करना होगा भलस्वा डेयरी के लोगों को?
16 अगस्त को पेश किए जाने वाले एफिडेविट में लोगों को पेश करना होगा कि वह क्या-क्या काम, किस-किस तरीके से कर रहे हैं। इसके लिए बताना होगा कि पशुओं की देखभाल जिसके लिए भूमि दी गई है, वह पूर्ण रूप से हो रही है।