सिंधु जल संधि स्थगित: भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ऐक्शन लेते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है।
भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ही नहीं बांग्लादेश में भी डर समा गया है। बांग्लादेश और भारत के बीच गंगा नदी के जल बंटवारे को लेकर समझौता जल्द खत्म हो रहा है
सिंधु जल संधि स्थगित: सिंधु जल संधि स्थगन से पाकिस्तान में मची हलचल
ढाका: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कूटनीतिक कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है, क्योंकि विश्लेषकों का मानना है कि अगर भारत ने पानी रोका तो यह पड़ोसी देश की बर्बादी की वजह बन सकता है। भारत के फैसले से सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बांग्लादेश में भी डर समाने लगा है। बांग्लादेश में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि राजनीतिक संबंधों में गिरावट की स्थिति में पानी को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से संकोच नहीं करेगा।
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बांग्लादेश में नदी नीति चर्चाओं में प्रो. निशात की भूमिका
द हिंदू ने बांग्लादेश के प्रमुख जल संसाधन और जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ प्रोफेसर अनिनुन निशात के हवाले से बताया है कि सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले ने 1966 में गंगा जल समझौते के नवीनीकरण की संभावनाओं पर काली छाया डाल दी है। पो. निशात बांग्लादेश के नदी संबंधित कई चर्चाओं का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘जब ढाका ने भारत-बांग्लादेश जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे, तो इस बात को लेकर संदेह था कि क्या भारत वादे के अनुसार गंगा के पानी को साझा करेगा।’
शेख हसीना का पहला जल संधि अनुभव
निशात ने सिंधु जल संधि स्थगति किए जाने का जिक्र किया और कहा कि अब आलोचक इस फैसले का हवाला दे सकते हैं और तर्क दे सकते हैं कि गंगा पर भारत के आश्वासन का कोई महत्व नहीं है। भारत-बांग्लादेश गंगा जल संधि पर 12 दिसम्बर 1996 को हस्ताक्षर किए गए थे। यह शेख हसीना का पहला कार्यकाल था। भारत की तरफ से तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
पानी की कमी वाले मौसम में बांग्लादेश का सुरक्षा कव
इस संधि के तहत बांग्लादेश को कम पानी वाले मौसम में भी नदी का न्यूनतम प्रवाह मिलता है और इसे तीन दशकों के बाद आपसी सहमति से नवीनीकृत किया जा सकता है। इसका मतलब है कि संधि का नवीनीकरण 2026 में यानी अगले साल होना है। प्रोफेसर निशात ने कहा कि अगर भारत सिंधु जल संधि को स्थगित रखता है तो इससे बांग्लादेश के साथ पानी साझा करने की भारत की इच्छा पर भी शक पैदा होगा।
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राजनीतिक उथल-पुथल का जल संधि पर प्रभाव
भारत-बांग्लादेश गंगा जल संधि के नवीनीकरण का मुद्दा हाल के दिनों में कई मौकों पर दोनों देशों के बीच आधिकारिक वार्ता में शामिल रहा है। शेख हसीना की पिछले साल जून में भारत यात्रा के दौरान भी यह मुद्दा उठा था। इसके कुछ समय बाद अगस्त 2024 में हुए विद्रोह के चलते हसीना को बांग्लादेश से भागना पड़ा था।
पाकिस्तान के सिंधु संधि स्थगन का संदेश
बांग्लादेशी विशेषज्ञ ने कहा कि संधियां कानूनी दस्तावेज हैं और आम तौर पर माना जाता है कि ये राजनीतिक भावनाओं से अप्रभावित रहते हैं, लेकिन सिंधु के मामले को देखकर ऐसा लगता है कि राजनीतिक भावनाएं कानूनी दस्तावेज को प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि ये संकेत देता है कि राजनीतिक बढ़ने पर भारत पानी को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से परहेज नहीं करता है।












