GLOABAL HANDWASH DAY 2025 ग्लोबल हैंडवॉश डे पर हाथ धोने का महत्व, स्वास्थ्य लाभ, और स्वच्छता जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष जानकारी।
1. GLOABAL HANDWASH DAY 2025 ग्लोबल हैंडवॉश डे का इतिहास
ग्लोबल हैंडवॉश डे हर वर्ष 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी। इस दिवस का उद्देश्य हाथ धोने के महत्व को जन-सामान्य में जागरूकता के साथ फैलाना है। यह दिन विश्वभर में स्वच्छता अभियान का प्रतीक बन चुका है। वायरस, बैक्टीरिया और अन्य संक्रमण से लड़ने का सबसे आसान तरीका है हाथ धोना। इस दिवस पर सरकारें, स्कूल व संगठन अपने स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं, ताकि स्वच्छता का संदेश हर घर तक पहुंचे। कोरोना महामारी के दौरान इसकी महत्ता और भी बढ़ गई है।
2. हाथ धोने का महत्वपूर्ण इतिहास
2008 में शुरू हुआ यह अभियान धीरे-धीरे विश्वव्यापी बन गया। WHO और UNICEF जैसी संस्थाएं इस दिन को विशेष बनाती हैं। उनका उद्देश्य है कि हर बच्चे, युवा और बुजुर्ग को हाथ धोने का सही तरीका पता हो। इस अभियान के तहत कई देशों में मुफ्त व कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इसका इतिहास यह बताता है कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता से महामारी का खतरा बहुत हद तक कम किया जा सकता है। आज यह कदम पूरी दुनिया को संक्रमण मुक्त बनाने का प्रमुख आधार बन चुका है।
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3. 2025 का विषय और उसका महत्व
यह वर्ष का विषय ‘सफाई है जीवन’ है। इस साल की थीम खास तौर पर लोगों में जागरूकता फैलाने वाली है। इसमें बच्चें, महिलाएँ और बुजुर्ग विशेष रूप से शामिल हैं। जागरूकता अभियान के माध्यम से, बताया गया है कि हाथ धोने से कोरोना, फ्लू, दस्त जैसी बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। सरकार और एनजीओ मिलकर इस दिन को और प्रभावी बनाने का काम कर रहे हैं। इससे न केवल स्वास्थ्य लाभ होगा, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आएंगे।
4. हाथ धोने के स्वास्थ्य लाभ
हाथ धोने से संक्रमण और बीमारियों का खतरा 50% तक कम हो जाता है। इससे दस्त, डायरिया, स्वाइन फ्लू, कोविड-19 जैसे संक्रामक रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। लगातार हाथ धोने से न केवल आप अपने परिवार को सुरक्षित करते हैं, बल्कि पूरे समाज को भी स्वस्थ बनाते हैं। इस दिन विशेष संदेश दिया जाता है कि स्वच्छ हाथ ही सुंदर जीवन की शुरुआत हैं। हर व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि सही तरीके से हाथ धोना स्वास्थ्य की पहली सुरक्षा है।
5. हाथ धोने का सही तरीका
सही तरीके से हाथ धोने के लिए सबसे पहले साफ, टपकते पानी से हाथ भिगोएं। फिर साबुन लगाकर पूरे हाथ को 20 सेकंड तक रगड़ें, विशेषकर उंगलियों के बीच और नाखूनों के नीचे। फिर साफ पानी से rinsing करें और सूखे तौलिये या एयर ड्रायर का इस्तेमाल करें। इस प्रक्रिया को हर बार खाना खाने से पहले, बाथरूम के बाद, खांसने और छींकने के बाद जरूर करें। नियमित रूप से इस प्रक्रिया का पालन करना स्वच्छता का आधार है।
6. सामाजिक नियम और स्वच्छता जागरूकता
सभी व्यक्तियों को अपने घर, स्कूल और कार्यालय में नियमित हाथ धोने के नियम अपनाने चाहिए। बच्चों में इसकी आदत डालना सर्वोपरि है। सरकार ने भी स्कूलों में हैंडवॉश स्टेशन बनाने पर जोर दिया है। सोशल मीडिया और समाजिक कार्यकर्ता इस संदेश को घर-घर पहुंचा रहे हैं। छोटे-छोटे जागरूकता कार्यक्रम से यह संदेश व्यापक स्तर पर फैल रहा है। इससे न सिर्फ बीमारी की रोकथाम होगी, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
7. ग्लोबल और राष्ट्रीय अभियान
विश्व स्तर पर WHO और UNICEF ने ‘साफ हाथ, सुरक्षित जीवन’ नामक अभियान चलाया है। भारत में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत भी जागरूकता के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान चल रहे हैं। देश के हर कोने में हाथ धोने की जरूरत को समझा जा रहा है। यह सभी कार्यक्रम संक्रमण से रक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक हैं।
8. मिथक और तथ्य
बहुत से लोग मानते हैं कि केवल गर्म पानी से हाथ धोना बेहतर है, लेकिन यह गलत है। साबुन और ठंडे या गर्म पानी, दोनों ही प्रभावी हैं। कुछ का कहना है कि जल्दी हाथ धुलो, लेकिन 20 सेकंड तक धोना जरूरी है। यह मिथक भी तोड़ना जरूरी है कि बिना देखे ही हाथ धोना पर्याप्त है। सही समय पर यानी खाने से पहले, बाथरूम के बाद, खांसने के बाद ही हाथ धोना चाहिए। ये सही आदतें ही बीमारियों को दूर रख सकती हैं।
9. बच्चों और वृद्ध व्यक्तियों का जीवन
बच्चों में नियमित हाथ धोने से बवासीर, दस्त, इन्फेक्शन आदि की समस्या 50% तक कम हो जाती है। इससे उनकी प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होती है। बुजुर्ग और बच्चे विशेष रूप से संक्रमण का खतरा रहते हैं। इसलिए इनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्वच्छता का पालन आवश्यक है। स्कूल में स्वच्छता शिक्षा की शुरुआत से ही करनी चाहिए। हर परिवार को जागरूक होकर हाथ धोने की आदत बनानी चाहिए।
10. अंत और सुझाव
ग्लोबल हैंडवॉश डे का उद्देश्य सिर्फ मनाना नहीं, बल्कि इसे जीवन का हिस्सा बनाना है। स्वच्छता का अभियान तभी सफल होगा जब हम हर दिन सही तरीके से हाथ धोएंगे। परिवार, समाज और सरकार मिलकर इस जागरूकता को व्यापक बनाएंगे। हर घर में हाथ धोने के स्टेशन बनाने और बच्चों को इसके महत्व समझाने की जरूरत है। स्वस्थ जीवन शैली के लिए यह सबसे आसान और प्रभावी कदम है। चलिए, इस जागरूकता के साथ healthier और infection-free भारत बनाते हैं।
ग्लोबल हैंडवॉश डे पर दिल्ली नगर निगम में स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
ग्लोबल हैंडवॉश डे के अवसर पर आज दिल्ली नगर निगम प्राइमरी स्कूल, सरस्वती विहार डी-ब्लॉक में स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने हेतु एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम डेटॉल और जागरण पहल के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली नगर निगम की शिक्षा समिति के अध्यक्ष योगेश वर्मा (एडवोकेट) रहे। कार्यक्रम में क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती शिखा भारद्वाज, शिक्षा विभाग के अधिकारी, जागरण पहल के डॉ. विवेक तथा दिल्ली इंचार्ज सुश्री प्रीति भी उपस्थित रहीं।
अपने संबोधन में शिक्षा समिति के अध्यक्ष योगेश वर्मा ने कहा कि —
> “यह पहल बच्चों में स्वच्छता को आदत के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दिल्ली नगर निगम का शिक्षा विभाग लगातार विद्यार्थियों और शिक्षकों के हित में नवाचारपूर्ण कदम उठा रहा है।” अपने संबोधन में शिक्षा समिति के अध्यक्ष योगेश वर्मा ने कहा कि
उन्होंने बताया कि नगर निगम के एकीकरण (Unification) के बाद पहली बार विद्यालयों के छात्रों को वर्दी, स्टेशनरी एवं स्कूल बैग हेतु राशि सत्र प्रारंभ में ही, अर्थात सितंबर माह में, सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। इससे पहले यह राशि सत्र समाप्ति के बाद दी जाती थी।
इस वर्ष वन-क्लिक ट्रांसफर प्रणाली के माध्यम से 6.5 लाख छात्रों के खातों में एक साथ राशि पहुंचाई गई, जिससे पारदर्शिता और दक्षता दोनों में वृद्धि हुई है।
श्री वर्मा ने आगे बताया कि दिल्ली नगर निगम में पहली बार 1400 प्रिंसिपलों की एक साथ नियुक्ति की गई है, जिससे विद्यालयों के प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आई है।
साथ ही, दीपावली बोनस भी शिक्षकों को समय पर, त्योहार से पहले ही, उनके खातों में भेजा गया — जो निगम के इतिहास में पहली बार हुआ है।
उन्होंने कहा कि अब तक 700 स्कूलों में स्मार्ट बोर्ड लगाए जा चुके हैं, और बहुत जल्द सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम की सुविधा उपलब्ध होगी।
> “इन सभी कार्यों में मुझे निगम के माननीय महापौर राजा इकबाल सिंह और निगम अधिकारियों का पूरा सहयोग प्राप्त हुआ है। हमारा लक्ष्य विद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर बनाना, प्रिंसिपलों की वित्तीय सीमा बढ़ाना, बॉयज़ फंड की राशि जारी करना और मरम्मत कार्यों को गति देना है,”
योगेश वर्मा, अध्यक्ष, शिक्षा समिति।
उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं, स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘स्वच्छ भारत – शिक्षित भारत – विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने में योगदान दें।
इस अवसर पर क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती शिखा भारद्वाज ने बच्चों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए विद्यालय एवं आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने का संदेश दिया।











