112 हेल्पलाइन नंबर पर दिल्ली पुलिस का फोकस, शिष्टाचार स्क्वाड ने नांगलोई में महिलाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाया। बस स्टैंड और स्कूलों में 112 हेल्पलाइन और सेफ्टी ऐप्स पर जानकारी दी।
शिष्टाचार स्क्वाड की सशक्त पहल: नांगलोई में महिलाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आउटर डिस्ट्रिक्ट इकाई ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शिष्टाचार स्क्वाड ने नांगलोई इलाके में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया, जिसमें महिलाओं और लड़कियों को सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित रहने के उपायों के बारे में जानकारी दी गई। यह अभियान पुलिस और जनता के बीच विश्वास को बढ़ाने का प्रयास है, जो दिल्ली में बढ़ते अपराधों के खिलाफ एक सतत प्रयास का हिस्सा है।
शिष्टाचार स्क्वाड, जो मार्च 2025 में दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा गठित 30 विशेष दलों में से एक है, ने इस अभियान के माध्यम से महिलाओं को 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन और सेफ्टी ऐप्स के उपयोग की ट्रेनिंग दी। अभियान के तहत नांगलोई बस स्टैंड, निगम प्राथमिक बालिका विद्यालय और सर्वोदय कन्या विद्यालय जैसे प्रमुख स्थानों को कवर किया गया।
शिष्टाचार स्क्वाड का गठन और उद्देश्य
दिल्ली पुलिस ने मार्च 2025 में शिष्टाचार स्क्वाड का गठन किया, जो उत्तर प्रदेश के एंटी-रोमियो स्क्वाड से प्रेरित है। यह स्क्वाड महिलाओं के खिलाफ छेड़खानी, उत्पीड़न और अन्य अपराधों को रोकने के लिए बनाया गया है। प्रत्येक जिले में एक-एक स्क्वाड तैनात है, जिसमें पुरुष और महिला अधिकारी शामिल हैं। नांगलोई अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और पुलिस-जनता के बीच सहयोग बढ़ाना है। स्क्वाड के सदस्य सादे कपड़ों में गश्त करते हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हैं।
इस पहल से दिल्ली के 300 से अधिक संदिग्धों को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है, जैसा कि पुलिस के आंकड़ों से स्पष्ट है। यह अभियान न केवल प्रतिक्रियात्मक बल्कि निवारक उपायों पर जोर देता है, जिससे सार्वजनिक स्थान सुरक्षित बनते हैं।
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नांगलोई में अभियान के कवरेज स्थल
अभियान के तहत नांगलोई के तीन प्रमुख स्थानों को लक्षित किया गया: नांगलोई बस स्टैंड, निगम प्राथमिक बालिका विद्यालय और सरvodaya कन्या विद्यालय। बस स्टैंड पर यात्रा करने वाली महिलाओं को लक्षित किया गया, जहां दैनिक यातायात अधिक होता है। स्कूलों में छात्राओं को कक्षा के दौरान जागरूक किया गया। इन स्थानों का चयन इसलिए किया गया क्योंकि यहां महिलाओं पर खतरा अधिक रहता है। स्क्वाड के अधिकारियों ने प्रत्येक स्थान पर 50 से अधिक महिलाओं से सीधा संवाद किया। यह अभियान आउटर डिस्ट्रिक्ट के अन्य क्षेत्रों जैसे पश्चिम विहार में भी चलाए जा रहे हैं, जो समग्र सुरक्षा नेटवर्क का हिस्सा हैं। स्थानीय लोगों का सहयोग इसकी सफलता का प्रमुख कारक रहा।
जागरूकता अभियान की प्रमुख गतिविधियां
शिष्टाचार स्क्वाड के अधिकारियों ने महिलाओं और छात्राओं से व्यक्तिगत बातचीत की, जिसमें व्यक्तिगत सुरक्षा के महत्वपूर्ण टिप्स साझा किए गए। जागरूकता पुस्तिकाएं वितरित की गईं, जो 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन के उपयोग, सेफ्टी ऐप्स जैसे हिम्मत ऐप और सीटूएशनल अवेयरनेस पर केंद्रित थीं। अधिकारियों ने डेमो के माध्यम से दिखाया कि संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत रिपोर्ट कैसे करें। बस स्टैंड पर यात्रियों को व्हिसल और पेपर स्प्रे जैसे उपकरणों का सही उपयोग सिखाया गया। स्कूलों में इंटरैक्टिव सेशन आयोजित किए गए, जहां लड़कियों ने अपनी चिंताओं को साझा किया। यह अभियान न केवल जानकारी देता है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाता है, जैसा कि प्रतिभागियों के फीडबैक से पता चलता है।
112 इमरजेंसी हेल्पलाइन का प्रचार
अभियान का एक प्रमुख फोकस 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन था, जो महिलाओं को तत्काल सहायता प्रदान करती है। अधिकारियों ने बताया कि यह नंबर जीपीएस लोकेशन के साथ कॉल रिकॉर्ड करता है, जिससे पुलिस तेजी से पहुंच सकती है। नांगलोई बस स्टैंड पर 30 से अधिक महिलाओं को हेल्पलाइन का डेमो दिया गया। स्कूलों में छात्राओं को सिखाया गया कि खतरे की स्थिति में वॉयस कमांड से कॉल कैसे करें। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में 112 पर महिलाओं से संबंधित कॉल्स में 20% की वृद्धि हुई है, जो जागरूकता के प्रभाव को दर्शाता है। यह हेल्पलाइन पीसीआर वैन और महिला हेल्प डेस्क से जुड़ी है, जो 24×7 उपलब्ध है।
सेफ्टी ऐप्स और डिजिटल सुरक्षा के उपाय
शिष्टाचार स्क्वाड ने महिलाओं को दिल्ली पुलिस के सेफ्टी ऐप्स जैसे हिम्मत, सीसैफ और वुमन सेफ्टी ऐप के बारे में बताया। इन ऐप्स में पैनिक बटन, लोकेशन शेयरिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसी सुविधाएं हैं। अभियान में 50 से अधिक डाउनलोड प्रमोट किए गए। अधिकारियों ने साइबर सुरक्षा पर भी जोर दिया, जैसे अज्ञात नंबर्स से कॉल्स ब्लॉक करना। स्कूलों में वर्कशॉप आयोजित की गईं, जहां लड़कियों ने ऐप्स इंस्टॉल किए। यह डिजिटल पहल पारंपरिक तरीकों को पूरक बनाती है, जिससे महिलाएं स्वावलंबी बन सकें। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐप्स के उपयोग से 15% अधिक रिपोर्ट्स दर्ज हो रही हैं।
स्थितिजन्य जागरूकता और स्व-निगरानी का महत्व
अभियान में स्थितिजन्य जागरूकता (सिटूएशनल अवेयरनेस) पर विशेष जोर दिया गया। महिलाओं को सिखाया गया कि सार्वजनिक स्थानों पर चारों ओर नजर रखें, अजनबियों से दूरी बनाएं और असामान्य व्यवहार पर अलर्ट रहें। बस स्टैंड पर रोल-प्ले सेशन आयोजित किए गए, जहां संभावित खतरे के परिदृश्य दिखाए गए। स्कूलों में टीचर्स को भी शामिल किया गया ताकि वे छात्राओं को गाइड कर सकें। यह ट्रेनिंग आत्मरक्षा की बुनियाद रखती है, जो लंबे समय तक प्रभावी रहती है। विशेषज्ञों के अनुसार, जागरूकता से 40% अपराध रोके जा सकते हैं। शिष्टाचार स्क्वाड की यह रणनीति महिलाओं को निष्क्रिय पीड़ित से सक्रिय नागरिक बनाती है।
संदिग्ध गतिविधियों की समय पर रिपोर्टिंग
स्क्वाड ने जोर दिया कि किसी भी संदिग्ध या असुरक्षित गतिविधि की तुरंत रिपोर्टिंग आवश्यक है। महिलाओं को बताया गया कि छोटी-छोटी घटनाएं जैसे घूरना या फॉलो करना भी रिपोर्ट करने योग्य हैं। नांगलोई में हेल्प डेस्क स्थापित किए गए, जहां महिलाएं बिना नाम बताए शिकायत दर्ज करा सकें। अधिकारियों ने साझा किया कि 2025 में ऐसी रिपोर्ट्स से 100 से अधिक मामलों का समाधान हुआ। यह प्रोत्साहन पुलिस की पहुंच को बढ़ाता है और अपराधियों को हतोत्साहित करता है। अभियान के दौरान 20 से अधिक संभावित शिकायतें नोट की गईं, जो आगे जांच का विषय हैं।
पुलिस-जनता सहयोग को मजबूत करना
यह अभियान पुलिस और नागरिकों के बीच विश्वास निर्माण का माध्यम बना। स्क्वाड के सदस्यों ने कहा, “महिलाओं की सुरक्षा तब फलती-फूलती है जब समुदाय और पुलिस हाथ मिलाकर काम करें।” स्थानीय निवासियों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जैसे एक छात्रा ने कहा, “अब हम सुरक्षित महसूस करती हैं।” आउटर डिस्ट्रिक्ट में ऐसे अभियान नियमित रूप से चलाए जा रहे हैं, जो समुदाय की भागीदारी बढ़ाते हैं। दिल्ली पुलिस की नीति के तहत, प्रत्येक स्क्वाड स्थानीय एनजीओ और स्कूलों से जुड़ता है। यह सहयोग अपराध दर को कम करने में सहायक सिद्ध हो रहा है।
महिलाओं का सशक्तिकरण और आत्मविश्वास निर्माण
अभियान का मूल मंत्र महिलाओं को सशक्त बनाना था। जागरूकता सत्रों में आत्मविश्वास निर्माण पर फोकस किया गया, जैसे सेल्फ-डिफेंस टिप्स और कानूनी अधिकारों की जानकारी। सरvodaya कन्या विद्यालय में 40 छात्राओं ने भाग लिया, जिन्हें सर्टिफिकेट दिए गए। यह पहल लंबे समय तक प्रभाव डालेगी, क्योंकि सशक्त महिलाएं समाज को मजबूत बनाती हैं। डीसीपी सचिन शर्मा ने कहा, “हमारा लक्ष्य हर महिला को आत्मनिर्भर बनाना है।” 2025 के आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसे अभियानों से महिलाओं की रिपोर्टिंग में 25% वृद्धि हुई है।
भविष्य की योजनाएं और अपील
शिष्टाचार स्क्वाड नांगलोई अभियान को अन्य इलाकों में विस्तार देगा। भविष्य में मासिक वर्कशॉप और मोबाइल वैन का उपयोग किया जाएगा। डीसीपी ने अपील की कि महिलाएं सक्रिय रहें और पुलिस से जुड़ें। यह पहल दिल्ली को सुरक्षित बनाने की दिशा में मील का पत्थर है। स्थानीय लोगों ने सराहना की, जो पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कुल मिलाकर, यह अभियान साबित करता है कि जागरूकता ही सुरक्षा की कुंजी है।निष्कर्षशिष्टाचार स्क्वाड का नांगलोई अभियान दिल्ली पुलिस की संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह न केवल तत्काल सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि दीर्घकालिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करता है। समाज को आगे बढ़ने के लिए ऐसी पहलों की आवश्यकता है।











