मीनू मुमताज़ की कहानी: भारतीय सिनेमा के इतिहास में कई ऐसे किस्से दर्ज हैं, जो सालों बाद भी जब ज़ुबां पर आते हैं तो लोगों को हैरान कर जाते हैं।
एक ऐसा ही वाकया जुड़ा है 50-60 के दशक की जानी-मानी अदाकारा मीनू मुमताज़ से। कभी अपने दमदार अभिनय और शानदार डांस के लिए पहचानी जाने वाली मीनू मुमताज़ का नाम तब सुर्खियों में आया, जब उन्होंने अपने ही सगे भाई महमूद के साथ फिल्म ‘हावड़ा ब्रिज’ में रोमांटिक सीन किया।
इस सीन को देखने के बाद दर्शकों में आक्रोश इतना बढ़ गया कि बायकॉट तक की मांग उठने लगी। यही नहीं, इस विवाद ने मीनू मुमताज़ की ज़िंदगी को इस कदर प्रभावित किया कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं, देश तक छोड़ दिया।
मीनू मुमताज़ की कहानी: कौन थीं मीनू मुमताज़?
मीनू मुमताज़ का असली नाम मलिकुन्निसा अली था। वह हिंदी सिनेमा के दिग्गज हास्य अभिनेता महमूद की बहन और मशहूर गायक लकी अली की बुआ थीं। उनके पिता मुमताज अली भी 40 के दशक के जाने-माने अभिनेता और डांसर थे। हालांकि शराब की लत के चलते उनका करियर धीरे-धीरे खत्म हो गया और घर में तंगी का माहौल बन गया। ऐसे में 13 साल की नाज़ुक उम्र में मीनू मुमताज़ को परिवार की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठानी पड़ी।
पिता के नशे ने बिगाड़ी ज़िंदगी मां की शर्त पर फिल्मों में कदम
कहते हैं कि मीनू की मां को बेटियों का फिल्म इंडस्ट्री में जाना बिल्कुल पसंद नहीं था। लेकिन हालात के आगे मजबूरी थी। पिता ने बेटी का साथ दिया और मां ने भी सख्त हिदायत देते हुए इजाज़त दी। मां ने मीनू से कहा — ‘जो काम करो, उसमें इज़्ज़त और सलीका बनाए रखना।’ मीनू ने उसी वक्त यह ठान लिया कि वह अपनी मेहनत और हुनर के दम पर इंडस्ट्री में मुकाम बनाएंगी। डांस का हुनर उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला था और धीरे-धीरे उनका जलवा सिनेमा के परदे पर चमकने लगा।
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हावड़ा ब्रिज और विवाद की शुरुआत
साल 1958 में आई फिल्म ‘हावड़ा ब्रिज’ में मीनू मुमताज़ ने अपने भाई महमूद के साथ एक रोमांटिक सीन किया। उस ज़माने में यह सीन चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने जब पर्दे पर एक भाई-बहन को रोमांटिक अंदाज में देखा तो समाज में तूफान सा आ गया। बायकॉट की मांग उठने लगी। लोगों ने सवाल उठाए कि कैसे एक भाई-बहन ऑनस्क्रीन रोमांस कर सकते हैं? उस दौर में भारतीय समाज का ताना-बाना और पारिवारिक रिश्तों की पवित्रता इतनी मजबूत थी कि इस सीन को सामाजिक मर्यादा के खिलाफ माना गया।
कैसे हुआ था यह विवादित सीन?
दरअसल, ‘हावड़ा ब्रिज’ में एक गाना था ‘मेरा नाम चिन चिन चू’, जिसमें मीनू और महमूद दोनों ने परफॉर्म किया था। गाने के दौरान दोनों के हाव-भाव और संवाद रोमांटिक स्टाइल में रखे गए थे। चूंकि उस समय दर्शकों को यह नहीं बताया गया था कि दोनों असल में भाई-बहन हैं, इसलिए पहले तो फिल्म में किसी को शक नहीं हुआ। लेकिन जब यह हकीकत सामने आई कि दोनों सगे भाई-बहन हैं, तो बवाल मच गया।
सोशल बायकॉट और मीनू का दर्द
इस घटना के बाद मीनू मुमताज़ और महमूद को काफी विरोध का सामना करना पड़ा। फिल्म इंडस्ट्री में भी उन्हें ताने सुनने पड़े। मीनू ने एक पुराने इंटरव्यू में कहा था —
“मैंने कभी नहीं सोचा था कि सिनेमा का एक सीन मेरी ज़िंदगी की इज़्ज़त पर इतना भारी पड़ जाएगा। हम दोनों ने कभी रिश्ते की मर्यादा को तोड़ा नहीं, वह तो एक किरदार था।”
लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्हें सामाजिक तौर पर बायकॉट की धमकी भी दी गई। हालांकि समय के साथ यह विवाद शांत हो गया, लेकिन मीनू मुमताज़ के मन पर इसका गहरा असर पड़ा।
शादी और फिर देश से विदाई
साल 1963 में मीनू मुमताज़ ने फिल्म निर्देशक एस. अली अकबर से शादी कर ली। शादी के बाद उन्होंने पहले से साइन की गई फिल्में पूरी कीं और फिर फिल्म इंडस्ट्री से अलविदा कह दिया। इसके बाद वह देश भी छोड़कर विदेश चली गईं। बताया जाता है कि वह लंबे समय तक कनाडा और फिर दूसरे देशों में रहीं। वहां उन्होंने अपने परिवार और बच्चों की परवरिश पर ध्यान दिया।
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मीना कुमारी से भी था खास रिश्ता
मीनू मुमताज़ की निजी ज़िंदगी भी काफी दिलचस्प रही। उनके भाई महमूद ने दिग्गज अदाकारा मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की थी। इस रिश्ते से मीनू और मीना कुमारी आपस में बहनें बन गई थीं। मीना कुमारी की तरह ही मीनू भी दर्द भरी ज़िंदगी से गुज़रीं।
जब याददाश्त चली गई और ब्रेन ट्यूमर ने तोड़ा
साल 2003 मीनू मुमताज़ के लिए बेहद दर्दनाक रहा। एक दिन वह अचानक बेहोश हो गईं। जब होश आया तो उन्हें किसी की पहचान नहीं थी। डॉक्टर्स ने जांच की तो उनके दिमाग में 4 इंच का ट्यूमर पाया गया। ऑपरेशन किया गया, जिसके बाद वह ठीक तो हो गईं, लेकिन पुरानी यादें कभी-कभी धुंधली हो जाती थीं।
2021 में हुआ निधन
मीनू मुमताज़ ने ज़िंदगी के आखिरी साल गुमनामी में बिताए। वह फिल्मी दुनिया से दूर परिवार के बीच सुकून भरी ज़िंदगी जी रही थीं। फिर 23 अक्टूबर 2021 को 79 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
विरासत और पहचान
मीनू मुमताज़ ने अपने दौर में तकरीबन 50 से ज़्यादा फिल्मों में काम किया था। वह बेहतरीन डांसर और सशक्त अभिनेत्री के तौर पर जानी जाती थीं। आज भी ‘हावड़ा ब्रिज’, ‘सोलहवीं सदी’, ‘चाइना टाउन’ जैसी फिल्मों में उनके अभिनय को सराहा जाता है।
परिवार की भूख मिटाने के लिए 13 साल की उम्र में थामा फिल्मी परदा
मीनू मुमताज़ की कहानी हमें यह सिखाती है कि शोहरत के पीछे छिपे दर्द को अक्सर लोग नहीं देख पाते। एक अदाकारा जिसने अपने परिवार की भूख मिटाने के लिए कम उम्र में काम करना शुरू किया, अपने हुनर से दर्शकों का दिल जीता और फिर एक विवाद ने उसकी ज़िंदगी बदल दी। हालांकि मीनू मुमताज़ का योगदान भारतीय सिनेमा में हमेशा याद रखा जाएगा।